June 16, 2025

sajwansports

sajwansports पर पड़े latest sports news, India vs England test series news, local sports and special featured clean bold article.

अंडर-20 की हार, एक और शर्मनाक प्रदर्शन

  • बांग्लादेश से हारकर भारत सैफ अंडर-20 पुरुष फुटबॉल टूर्नामेंट में खिताबी दौड़ से बाहर
  • यह हार हैरान करने वाली नहीं है, क्योंकि पिछले चार-पांच दशकों से कभी नेपाल, म्यांमार, बांग्लादेश, अफगानिस्तान तो कभी भूटान और श्रीलंका जैसी फिसड्डी टीमें भारत को अपमानित करती आ रही हैं
  • हैरानी तब होती है जब हमारे फुटबॉल आका अगले कुछ सालों में वर्ल्ड कप खेलने का दम भरते हैं
  • विश्व फुटबॉल में 16 से 20 साल तक यही एज ग्रुप है, जिसका अगला पड़ाव सीधे राष्ट्रीय टीम होता है लेकिन हम तो अपने मरे-गिरे पड़ोसियों से ही पिटते आ रहे हैं
  • जब तक सैफ में श्रेष्ठता साबित नहीं होते है तब तक एशियाई देशों में कैसे श्रेष्ठता दर्ज कर पाएंगे, जिसका सीधा सा मतलब है कि हमारे पास अच्छी फसल नहीं है
  • जब 20 साल तक की उम्र के खिलाड़ी किसी भी ऐरे-गैरे से हार जाएं तो उस देश के फुटबॉल का भविष्य के बारे में कुछ नहीं कह सकते
  • सैफ टूर्नामेंट में भाग लेने गई टीम के हर खिलाड़ी का मेडिकल चेक-अप फिर से किया जाए और जो भी निर्धारित आयु सीमा से ऊपर हो उस पर कड़ा कदम जरूर उठाए और साथ ही उसके अभिभावकों और कोच को भी सजा मिले

राजेंद्र सजवान

सैफ अंडर-20 पुरुष फुटबॉल टूर्नामेंट में भाग लेने गई भारतीय राष्ट्रीय टीम खिताबी दौड़ से बाहर हो गई है। उसे बांग्लादेश ने टाई-ब्रेकर में बाहर का रास्ता दिखाया। यह खबर हैरान करने वाली नहीं है, क्योंकि पिछले चार-पांच दशकों से यही सब चल रहा है। कभी नेपाल, म्यांमार, बांग्लादेश, अफगानिस्तान तो कभी भूटान और श्रीलंका जैसी फिसड्डी टीमें भारत को अपमानित करती आ रही हैं। हैरानी तब होती है जब हमारे फुटबॉल आका अगले कुछ सालों में वर्ल्ड कप खेलने का दम भरते हैं।

   हालांकि अंडर-20 टीम और वर्ल्ड कप का कोई लेना-देना नहीं। लेकिन विश्व फुटबॉल में 16 से 20 साल के अनेकों खिलाड़ी अपने देश के लिए खेल रहे हैं और फुटबॉल प्रेमियों के चहेते हैं। यही एज ग्रुप है, जिसका अगला पड़ाव सीधे राष्ट्रीय टीम होता है। लेकिन हम तो अपने मरे-गिरे पड़ोसियों से ही पिटते आ रहे हैं। जब तक सैफ में श्रेष्ठता साबित नहीं होते है तब तक एशियाई देशों में कैसे श्रेष्ठता दर्ज कर पाएंगे। सीधा सा मतलब है कि हमारे पास अच्छी फसल नहीं है। जब 20 साल तक की उम्र के खिलाड़ी किसी भी ऐरे-गैरे से हार जाएं तो उस देश के फुटबॉल का भविष्य के बारे में कुछ नहीं कह सकते। भले ही ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (एआईएफएफ) कोई बहाना बनाए, झूठ बोले और अपने नकारापन को लेकर कोई भी रोना रोए लेकिन यह साफ हो गया है कि अगले पांच-छह सालों में भारतीय सीनियर राष्ट्रीय टीम कोई बड़ा करिश्मा नहीं करे वाली। कारण, यह खिलाड़ी थे, जिन्हें आने वाले सालों में देश के लिए खेलना था।

   फुटबॉल प्रेमी जानते हैं कि हमारी राष्ट्रीय टीम पिछले कई सालों से अपयश कमा रही है। वो कतर, नेपाल, अफगानिस्तान, बांग्लादेश जैसे देशों से हार कर देश का सम्मान गिरा रही है लेकिन फेडरेशन अलग ही राग अलाप रही है। चलिए मान लिया कि हार-जीत खेल का हिस्सा है और फेडरेशन प्रयास करती रही तो भारत मजबूत फुटबॉल राष्ट्र बन कर उभर सकता है। लेकिन एक बार फिर से सैफ टूर्नामेंट में भाग लेने गई टीम के हर खिलाड़ी का मेडिकल चेक-अप फिर से करें और जो भी निर्धारित आयु सीमा से ऊपर हो उस पर कड़ा कदम जरूर उठाए। साथ ही उसके अभिभावकों और कोच को भी सजा मिले।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *