अहाना, खुशी और चंद्रिका ने लगाए गोल्डन पंच, एशियन यूथ गेम्स में भारत का ऐतिहासिक प्रदर्शन
- अहाना, खुशी और चंद्रिका के स्वर्ण पदक से भारत ने युवा मुक्केबाजी में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दर्ज किया
संवाददाता
मनामा, 30 अक्टूबर, 2025: भारत के युवा मुक्केबाजी दल ने तीन स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक जीतकर बहरीन के मनामा में जारी तीसरे एशियन यूथ गेम्स 2025 में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। यह महाद्वीपीय स्तर पर युवा मुक्केबाजी में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

सुबह के सुनहरे सत्र में, खुशी चंद (46 किग्रा) ने चीन की लुओ जिनक्सिउ पर 4-1 से जीत हासिल करके भारत का खाता खोला। उन्होंने रिंग पर बेहतरीन नियंत्रण और सटीकता का प्रदर्शन किया। अहाना शर्मा (50 किग्रा) ने भी शानदार अंदाज जीत दर्ज की। उन्होंने कोरिया गणराज्य की मा जोंग हयांग पर इस कदर मुक्कों की बौछार की, कि पहले राउंड में रेफरी को बाउट रोकनी पड़ी और आरएससी के जरिये भारतीय मुक्केबाजों को विजयी घोषित किया। इसके बाद चंद्रिका भोरेशी पुजारी (54 किग्रा) ने उज़्बेकिस्तान की मुहम्मदोवा कुमरिनिसो को 5-0 के निर्णायक मुकाबले में हराकर भारत की स्वर्णिम हैट्रिक पूरी की।

पदकों की संख्या और भी बढ़ सकती है: हरनूर कौर (66 किग्रा) और अंशिका (+80 किग्रा) शाम के सत्र में अपने-अपने फाइनल में प्रतिस्पर्धा करेंगी, जहां भारत की नजर स्वर्ण पदकों का रिकॉर्ड बनाने पर होगी। लड़कों के फाइनल में, लैंचेनबा सिंह मोइबुंगखोंगबाम (50 किग्रा) ने ज़बरदस्त कौशल और जज्बे का प्रदर्शन किया, लेकिन कज़ाकिस्तान के नूरमाखान झुमगली के खिलाफ कड़े मुकाबले में रजत पदक से चूक गए। इससे पहले, अनंत देशमुख (66 किग्रा) ने कांस्य पदक जीतकर भारतीय दल के शानदार अभियान का समापन किया था।

तीन स्वर्ण सहित पांच पदकों के साथ, भारत के युवा मुक्केबाजों ने एशियाई मंच पर अपनी बादशाहत मजबूत कर ली है। यह सफलता राष्ट्रीय युवा मुक्केबाजी कार्यक्रम और मुख्य कोच विनोद कुमार (लड़के) और जीतेंद्र राज सिंह (लड़कियां) के मार्गदर्शन में एनएस एनआईएस पटियाला में आयोजित कठोर प्रशिक्षण शिविर की प्रभावशीलता को दर्शाती है। यह उल्लेखनीय प्रदर्शन न केवल एशियाई मुक्केबाजी में भारत के बढ़ते प्रभुत्व को मजबूत करता है, बल्कि वैश्विक मंच पर चमकने के लिए तैयार एक होनहार नई पीढ़ी का संकेत भी देता है।


वरिष्ठ पत्रकार
