- भारत के पहले व्यक्तिगत ओलम्पिक स्वर्ण पदक विजेता निशानेबाज अभिनव बिंद्रा को अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति ने सबसे बड़ा ओलम्पिक सम्मान ‘ओलम्पिक ऑर्डर’ देने की घोषणा की है
- ‘ओलम्पिक ऑर्डर’ को अंतर्राष्ट्रीय खेलों में किसी खिलाड़ी को उसकी उपलब्धियों और मैदान से हटने के बाद उसके क्रिया-कलापों और ओलम्पिक आंदोलन के प्रचार-प्रसार और ओलम्पिक भावना के फैलाव का पुरस्कार माना जाता है
- पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के बाद ओलम्पिक ऑर्डर पाने वाले 41 वर्षीय बिंद्रा दूसरे भारतीय हैं
राजेंद्र सजवान
भारत को सबसे पहला व्यक्तिगत ओलम्पिक स्वर्ण पदक दिलाने वाले देश के जाने-माने निशानेबाज अभिनव बिंद्रा को अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) ने सबसे बड़ा ओलम्पिक सम्मान देने की घोषणा की है। ओलम्पिक 2024 की शुरुआत से पहले यह खुशखबरी भारत वासियों के लिए ना सिर्फ गर्व करने वाली है बल्कि पेरिस ओलम्पिक में भाग लेने वाले भारतीय खिलाड़ियों, सपोर्ट स्टाफ और खेल संघों का उत्साह बढ़ाने वाली खबर साबित होगी।
हालांकि हॉकी में भारत ने आठ ओलम्पिक स्वर्ण पदक जीते लेकिन किसी एक खिलाड़ी द्वारा जीता गया पहला स्वर्ण बीजिंग ओलम्पिक 2008 में मिला। अभिनव बिंद्रा ने 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में कमाल का प्रदर्शन करते हुए यह उपलब्धि हासिल की थी। दस अगस्त को पेरिस में आयोजित होने वाले आईओसी के 142वें सेशन में अभिनव को सम्मानित किया जाएगा।
‘ओलम्पिक ऑर्डर’ को अंतर्राष्ट्रीय खेलों में किसी खिलाड़ी को उसकी उपलब्धियों और मैदान से हटने के बाद उसके क्रिया-कलापों और ओलम्पिक आंदोलन के प्रचार प्रसार और ओलम्पिक भावना के फैलाव का पुरस्कार माना जाता है। अर्थात् अभिनव बिंद्रा ने एक खिलाड़ी के रूप में जो कुछ हासिल किया और तत्पश्चात अपने खेल के प्रचार-प्रसार के लिए जो जतन किए, योगदान दिया, उसके पुरस्कार स्वरूप उन्हें ‘ओलम्पिक ऑर्डर’ दिया जाता है।
देश के खेल मंत्री और जानी-मानी हास्तियों ने अभिनव बिंद्रा की उपलब्धियों को अभूतपूर्व बताते हुए उन्हें शुभकामना दी है, जिसके वह सही हकदार है। देखा जाए तो भारत में खेलों के लिए युवाओं का जोश बिंद्रा की कामयाबी के बाद बढ़ा। यह भी सच है कि भारत में निशानेबाजी को लोकप्रिय बनाने में उनकी भूमिका अभूतपूर्व रही है। बिंद्रा के गोल्ड के बाद से भारत में युवाओं ने निशानेबाजी को पदक विजेता खेल के रूप में जाना पहचाना और स्वीकार किया।
कभी जिस खेल को पैसे वालों और अभिजात वर्ग का खेल माना जाता था, उसमें आज देश के किसानों और गरीब परिवारों के बच्चे बड़ी तादाद में भाग ले रहे हैं। पेरिस ओलम्पिक में निशानेबाजी सबसे बड़े दल के रूप में भाग ले रही है, जिसमें 21 शूटर शामिल हैं। यह सब अभिनव बिंद्रा के स्वर्ण पदक से ही संभव हो पाया है। भारत की पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के बाद ओलम्पिक ऑर्डर पाने वाले 41 वर्षीय बिंद्रा दूसरे भारतीय हैं।