कराटे और तायक्वांडो की एशियाड भागीदारी पर ग्रहण!

  • कराटे और तायक्वांडो दो ऐसे खेल हैं जिनमें गुटबाज एक-दूसरे की टांग खिंचाई पर लगे हैं
  • इनमें भीतराघात, गुटबाजी और अनुशासनहीनता का खेल जोर-शोर से खेला जा रहा है
  • पता चला है कि वर्ल्ड कराटे से मान्यता प्राप्त एक गुट चयन प्रक्रिया से संतुष्ट नहीं है और हर संभव टीम को भाग लेने से रोकने की कोशिश में लगा है
  • तायक्वांडो में भी कई गुट सक्रिय हैं और हर कोई अपनी चौधराहट के लिए खेल बिगाड़ने पर लगा है
  • खेल मंत्रालय, आईओए और फेडरेशन एक- दूसरे का मुंह ताक रह गए और बेखौफ होकर एक की बजाय दो टीमें चुन ली गई हैं

राजेंद्र सजवान

एशियाई देशों के खिलाड़ियों के लिए आगामी कुछ महीने बहुत महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं, क्योंकि महाद्वीप के सबसे बड़े खेल मेले का आयोजन चीन में होने जा रहा है, जिसमें तमाम मान्यता प्राप्त खेलों में पदकों के लिए कड़ा संघर्ष देखने को मिलेगा।

   इधर, भारतीय खेल प्रशासक एवं खिलाड़ी भी तैयारी में जुट गए हैं। सरकार और खेल संघ अपने स्तर पर खिलाड़ियों को साधन सुविधाएं दे रहे हैं लेकिन कुछ खेल ऐसे हैं जिनमें भीतराघात, गुटबाजी और अनुशासनहीनता का खेल जोर-शोर से खेला जा रहा है। जहां एक ओर, हॉकी, एथलेटिक, तीरंदाजी, कुश्ती, मुक्केबाजी, टेनिस, बैडमिंटन, आदि खेलों में खिलाड़ी और कोच पदक  जीतने के लिए अपना सबकुछ दांव पर लगाए हैं तो दो ऐसे खेल भी हैं जिनमें गुटबाज एक दूसरे की टांग खिंचाई पर लगे हैं। ये खेल हैं कराटे और तायक्वांडो। 

 

  कराटे और तायक्वांडो उन मार्शल आर्ट्स  खेलों में शुमार हैं जिनकी लोकप्रियता का जवाब नहीं है। लेकिन ये खेल जितने लोकप्रिय हैं उतने ही विवादास्पद भी हैं, क्योंकि इन खेलों का या तो कोई माई-बाप नहीं या इनके कई बाप हैं, जोकि अपने-अपने तरीके से खेल को चला रहे हैं।

   जहां तक कराटे की बात है तो इस खेल में वर्षों से लूट का खेल चल रहा है। फिलहाल,  इस खेल में एआईकेएफ, केएआई और केआईओ खुद को कराटे की मान्य संस्था बता रहे हैं। पिछले दिनों कोर्ट के निर्देश पर खेल मंत्रालय को कराटे का झगड़ा सुलटाने और एशियाई खेलों के लिए टीम चुनने का निर्देश दिया। भारतीय खेल प्राधिकरण की निगरानी में ट्रायल आयोजित किए गए और खानापूरी कर दी गई।

 

  पता चला है कि वर्ल्ड कराटे से मान्यता प्राप्त एक गुट चयन प्रक्रिया से संतुष्ट नहीं है और हर संभव टीम को भाग लेने से रोकने की कोशिश में लगा है। जाहिर है खिलाड़ी और अधिकारी असमंजस में हैं। ठीक इसी तरह के हालात का सामना तायक्वांडो को भी करना पड़ रहा है।

   तायक्वांडो में भी कई गुट सक्रिय हैं। हर कोई अपनी चौधराहट के लिए खेल बिगाड़ने पर लगा है। यहां भी खेल मंत्रालय, भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) और फेडरेशन एक- दूसरे का मुंह ताक रहे और बेखौफ होकर एक की बजाय दो टीमें चुन ली गई हैं। पता नहीं कौन सी टीम एशियाड में उतरेगी या कोई भी नहीं। जिमी जगतियानी, नामदेव, इशारी और प्रभात की अगुवाई वाले चार धड़े तायक्वांडो पर अपना दावा ठोक रहे हैं। ऐसे में यदि कोई तालमेल नहीं बैठा तो तायक्वांडो भी एशियाड में भाग नहीं ले पाएगा।

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