- महिप और मनीष के दर्शनीय गोल से कस्टम्स एंड सेंट्रल एक्साइज ने जीएनसीटी (दिल्ली सरकार) को 2-0 से हराया
- ईएसआईसी ने मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स को 11-0 से रौंद डाला
- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने बैंक ऑफ इंडिया को 3-2 से पराजित किया
संवाददाता
कस्टम्स एंड सेंट्रल एक्साइज की जीत से ईएसआईसी को फायदा मिला, क्योंकि दोनों ही टीमें डीएसए इंस्टिट्यूशनल लीग के सेमीफाइनल में पहुंच गई हैं। बुधवार को राजधानी दिल्ली स्थित ईस्ट विनोद नगर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में खेले गए मैच में महिप और मनीष के दर्शनीय गोल से कस्टम्स एंड सेंट्रल एक्साइज ने जीएनसीटी (दिल्ली सरकार) को 2-0 से हराया। दिन के अन्य मैचों में ईएसआईसी ने मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स को 11-0 से रौंद डाला।
जबकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने बैंक ऑफ इंडिया को 3-2 से पराजित किया। ईएसआईसी की जीत में पवन जोशी ने हैट्रिक जमाई और अजय कुमार, सुमित रावत और शेखर खन्ना ने दो-दो तथा गौरव रावत व अनुपम ठाकुर ने एक-एक गोल किए। एक अन्य मैच में रिजर्व बैंक की तरफ से रोहित ने दो और कृतेश ने एक गोल दागा। पराजित टीम बैंक ऑफ इंडिया के लिए बर्नी के रागरी ने दो गोल जमाए।
दिन के सबसे महत्वपूर्ण मुकाबले में कस्टम्स एंड सेंट्रल एक्साइज को सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की करने के लिए महज एक ड्रा की जरूरत थी लेकिन उसने शुरुआत से ही जीत का लक्ष्य रखा और दिल्ली सरकार को खेल के हर क्षेत्र मे अदना साबित करते हुए शानदार जीत के साथ अंतिम चार दौर में अपना स्थान सुनिश्चित किया। तेज गर्मी के चलते विजेता टीम की अग्रिम पंक्ति में महिप और मनीष ने एक-दूसरे के साथ आपसी तालमेल बनाकर दर्शनीय गोल जमाए। महिप ने लूपिंग बॉल को सटीक हैडर से थ्रू-पास निकाला, जिस पर बॉक्स के अंदर मौजूद मनीष ने करारा शॉट लगाकर गेंद को गोल पोस्ट के अंदर पहुंचा दिया।
मैच के अंतिम क्षणों में बने एक हमले के दौरान मनीष ने बैक-हिल करके अपने पीछे बॉक्स के अंदर मौजूद महिप के लिए मौका बनाया, जिस पर महिप ने करारा शॉट लगाकर गेंद को गोल जा में उलझा दिया। इन गोलों के अलावा कस्टम की रक्षापंक्ति में मौजूद नितिन रावत, मानिक और रिपु दमन ने दिल्ली सरकार के फॉरवर्डों पर अंकुश लगाए रखा। मिडफील्डर सौरव और गौरव की जोड़ी ने अपनी अग्रिम पंक्ति के लिए लगातार गेंद सप्लाई करके मौके ढूंढे। दिल्ली सरकार के गोलकीपर शुभ ने कई बेहतरीन बचाव करके अपनी टीम की हार के अंतर को बढ़ा नहीं होने दिया।