जलती दिल्ली: फुटबॉल का नीरो बंसी बजाने में मस्त

  • 45 डिग्री के ऊपर की गर्मी में नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू और पूर्वी दिल्ली के ईस्ट विनोद नगर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में डीएसए ‘ए’ डिवीजन और सीनियर डिवीजन लीग के मैच खेले जा रहे हैं
  • भीषण गर्मी के बीच खिलाड़ी अपना दमखम झोंक रहे हैं और अपने क्लब अधिकारियों और डीएसए की ता ता थैया पर नाच रहे हैं
  • एआईएफएफ सब कुछ जानते हुए भी अनजान बना हुआ है क्योंकि भारतीय फुटबॉल को डुबोने वाली फेडरेशन को खिलाड़ियों, रेफरियों, बॉल ब्वायज और मुट्ठी भर फुटबॉल प्रेमियों से कभी कोई सरोकार रहा ही नहीं

राजेंद्र सजवान

बुधवार 29 मई 2024 को दिल्ली के मुंगेशपुर 52.3 डिग्री की गर्मी में जल भुन रहा था। दिल्ली सहित देश भर के अधिकतर प्रदेशों में 45 से 53 डिग्री के बीच पारा रहने के  कारण स्कूली बच्चे, आम नागरिक और नेताओं के सभा समारोहों में उपस्थित जन समूह में हाहाकार मची थी। नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू और पूर्वी दिल्ली के ईस्ट विनोद नगर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में दिल्ली सॉकर एसोसिएशन (डीएसए) की ‘ए’ डिवीजन और सीनियर डिवीजन लीग के मैच खेले जा रहे हैं।

   चूंकि मुंगेशपुर में तापमान ने हर तरफ हाय तौबा मचा दी थी, इसलिए देश की राजनीति में भी हड़कंप मच गया था। खासकर, चुनावों को कवर करने वाला मीडिया यकायक हरकत में आ गया था। टीवी चैनलों पर चुनाव के समय को लेकर बहस शुरू हो गई। देश के विद्वान और दूरदर्शी पत्रकारों ने लगे हाथों केंद्रीय चुनाव आयोग (कें.चु.आ.) को घेर लिया। “क्या चुनाव आयोग के पास बेहतर मौसम में चुनाव कराने का प्लान नहीं है?” यह सवाल हर कोई पूछ रहा है।

   हैरानी इस बात की है कि आखिरी चरण के मतदान तक तमाम दलों के नेता, समर्थक और आम जन-मानस तपती गर्मी को झेलते रहे। किसी ने भी उफ तक नहीं की। अंतत: सब्र का बांध टूट ही गया। लेकिन दिल्ली की फुटबॉल की किसी ने खबर नहीं ली। डीएसए के कर्मठ आयोजक निर्धारित कार्यक्रमानुसार मैचों का आयोजन जारी रखे हुए हैं। खिलाड़ी भीषण गर्मी के बीच अपना दमखम झोंक रहे हैं और अपने क्लब अधिकारियों और डीएसए की ता ता थैया पर नाच रहे हैं। हैरानी वाली बात यह है कि अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) सब कुछ जानते हुए भी अनजान बना हुआ है।

ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय फुटबॉल को डुबोने वाली फेडरेशन को खिलाड़ियों, रेफरियों, बॉल ब्वायज और मुट्ठी भर फुटबॉल प्रेमियों से कभी कोई सरोकार रहा ही नहीं। एआईएफएफ अध्यक्ष कल्याण चौबे अपनी पार्टी की सेवा में लगे होंगे। ऐसे में उन्हें सुध-बुध भी शायद ही रही हो। आपने सुना ही होगा कि “जब रोम जल रहा था, नीरो बंसी बजा रहा था।”    फिलहाल फेडरेशन खामोश है और दिल्ली सहित देश भर के गर्म प्रदेशों में फुटबॉल जारी है। शायद भारतीय फुटबॉल के कर्णधार किसी बड़े हादसे के इंतजार में है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *