…तो क्या नाम भी बदलेगा?
- भारत सरकार ने जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम को पूरी तरह नवरूपता प्रदान करने का फैसला लिया
- खेल मंत्रालय सूत्रों के अनुसार, नेहरू स्टेडियम परिसर को वर्ल्ड क्लास स्पोर्ट्स सिटी में तब्दील किया जाएगा
राजेंद्र सजवान
एशियाड 1982 के लिए निर्मित और लगभग 102 एकड़ में फैले राजधानी के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम को पूरी तरह नवरूपता प्रदान करने के खेल मंत्रालय के फैसले को देश के खेल हलकों में उत्सुकता के साथ देखा जा रहा है। मंत्रालय सूत्रों के अनुसार, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम परिसर को वर्ल्ड क्लास स्पोर्ट्स सिटी में तब्दील किया जाएगा। बताया जा रहा है कि खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने हाल फिलहाल ही कतर की स्पोर्ट्स सिटी को देखा और पाया कि बड़े बदलाव के साथ नेहरू स्टेडियम को नवरूपता देकर अत्याधुनिक जरूरतों के हिसाब से ढाला जा सकता है। साथ ही ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों की स्पोर्ट्स सिटी का भी अध्ययन किया जा रहा है। लेकिन क्या स्टेडियम का नाम भी बदला जाएगा? फिलहाल इस सवाल पर सभी खामोश हैं।

खेल मंत्रालय सूत्रों की मानें तो फिलहाल स्टेडियम में चल रहे सरकारी कार्यालयों को भी अन्यत्र शिफ्ट किए जाने की योजना है लेकिन कब तक इस बारे में अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। लेकिन मंत्रालय ने देश के खिलाड़ियों को अत्याधुनिक प्रशिक्षण के लिए फिलहाल 320 नए कोच की भर्ती का एलान कर दिया है। भारतीय खेल प्राधिकरण के अधीनस्थ कोचों में पचास फीसदी महिलाओं को स्थान दिए जाने का फैसला किया गया है।

हाल फिलहाल ही मंत्रालय ने देश में अधिकाधिक खेल स्टेडियमों के निर्माण और तमाम खेलों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं देने का आह्वान किया था। ऐसा इसलिए क्योंकि देश 2010 के बाद दूसरी बार कॉमनवेल्थ खेलों के आयोजन की तैयारी कर रहा है। हाल ही में खेल मंत्री ने एक साक्षात्कार में कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के खिलाड़ियों को पहली कतार में देखना चाहते हैं, जिसके लिए हर संभव प्रयास की जरूरत है। नेहरू स्टेडियम का नये सिरे से निर्माण इस दिशा में उठाया गया बड़ा कदम है। क्योंकि भारत ओलम्पिक मेजबानी के दावेदारों में शामिल है इसलिए बहुत से स्टेडियमों का रंगरूप बदला जा सकता है जिनमें दिल्ली का इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम भी शामिल हो सकता है। लेकिन क्या स्टेडियमों के रूप रंग के साथ नाम भी बदला जाएगा, यह उत्सुकता का विषय बना हुआ है।

