- डीएसए के अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा, फिक्सिंग और सट्टेबाजी के कारण पिछले डीपीएल में दस खिलाड़ियों पर गंभीर कार्यवाही की गई थी और आगे भी और कड़े कदम उठाए जाएंगे
- किसी भी तरह की गड़बड़ी से निपटने के लिए तीन सदस्यीय अनुशासन समिति का गठन किया गया है, जो मैदान के अंदर और बाहर की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखेगी
- संवाददाता सम्मेलन में डीएसए के कोषाध्यक्ष लियाकत अली, डीपीएल सब कमेटी के चेयरमैन विक्रमजीत, कन्वीनर हरगोपाल, सदस्य हाफिज, कर्माकर और राजेश झजरिया भी मौजूद थे
संवाददाता
तीसरी दिल्ली प्रीमियर लीग (फुटबॉल) 26 सितंबर से अंबेडकर स्टेडियम मैदान पर खेली जाएगी जिसमें राजधानी के टॉप 12 क्लब भाग लेंगे। यह घोषणा मंगलवार को राजधानी दिल्ली स्थित प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में डीएसए के अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने की। इस अवसर पर डीएसए के कोषाध्यक्ष लियाकत अली, डीपीएल सब कमेटी के चेयरमैन विक्रमजीत, कन्वीनर हरगोपाल, सदस्य हाफिज, कर्माकर और राजेश झजरिया भी मौजूद थे।
अनुज के अनुसार, मौजूदा विजेता गढ़वाल हीरोज, उप-विजेता रॉयल रेंजर्स, भारतीय वायुसेना, फ्रैंड्स यूनाइटेड, वाटिका एफसी, सुदेवा, दिल्ली एफसी, सीआईएसएफ, तरुण संघा, नेशनल यूनाइटेड, हिंदुस्तान एफसी और यूनाइटेड भारत भाग लेने वाली टीमें हैं। हिंदुस्तान एफसी और यूनाइटेड भारत सीनियर डिवीजन से प्रोमोटेड होकर आई हैं। मुकाबले डबल लेग आधार पर खेले जाएंगे। विक्रमजीत ने बताया की मैचों के विधिवत आयोजन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
इस दौरान संवाददाताओं के तीखे सवालों का जवाब देते हुए अनुज ने माना कि लीग में सुधार की बड़ी संभावना है। खासकर, कुछ टीमों और खिलाड़ियों द्वारा फिक्सिंग और सट्टेबाजी को बढ़ावा दिया जा रहा है। पिछले सत्र में दस खिलाड़ियों पर गंभीर कार्यवाही की गई थी और आगे भी और कड़े कदम उठाए जाएंगे। दोषी खिलाड़ियों और टीमों पर नियंत्रण लगाने के लिए तीन सदस्यीय अनुशासन समिति का गठन किया गया है, जो कि मैदान के अंदर और बाहर की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखेगी।
अध्यक्ष के अनुसार सभी गतिविधियों को कैमरे में कैद किया जाएगा और किसी भी दोषी को माफ नहीं किया जाएगा। उनके अनुसार दिल्ली की फुटबॉल तरक्की कर रही है लेकिन खेल से खिलवाड़ करने वाले क्लबों के कारण विवाद हो रहे हैं जिनसे सख्ती से निपटा जाएगा। एक सवाल के जवाब में अनुज ने बताया कि उनका लक्ष्य दिल्ली के खिलाड़ियों को अधिकाधिक नौकरियां दिलाने का है। ऐसा तब ही संभव है जब सांस्थानिक लीग को नियत समय पर आयोजित किया जाए। इसके लिए विभिन्न संस्थानों से संपर्क करना उनकी प्राथमिकता रहेगी। उल्लेखनीय है कि सभी संस्थान पुनर्गठन के दौर से गुजर रहे है।