देर सही, फुटबॉल की डीपीएल के मैच दो लेग में हो

  • देर से 26 सितम्बर को शुरू हुई डीएसए दिल्ली प्रीमियर लीग ग्राउंड उपलब्ध नहीं होने के कारण लंबी खिंच सकती है
  • कुछ क्लब चाहते हैं कि सुपर सिक्स के आधार पर लीग चैम्पियन का फैसला कर लिया जाए, जो कि फीफा, एआईएफएफ और डीएसए के नियमों के विरुद्ध है
  • कुछ क्लबों का तर्क है कि अगले सत्र से डीपीएल को एआईएफएफ के नियमानुसार सिंगल लेग के आधार पर खेला जाए
  • डीएसए लीग सब कमेटी और पदाधिकारी नियमों के साथ छेड़छाड़ नहीं चाहते हैं और मैचों की संख्या में कटौती के सवाल को सिरे से खारिज कर दिया
  • सभी चाहते हैं कि डीपीएल को नियत समय पर शुरू किया जाए और ग्राउंड के मसले को गंभीरता से हल किया जाए

राजेंद्र सजवान

देर से ही सही 26 सितम्बर को शुरू हुई डीएसए दिल्ली प्रीमियर लीग का पहला चरण सम्पन्न हो गया है, जिसमें सीआईएसएफ प्रोटेक्टर्स 26 अंकों के साथ नंबर एक पर है। रॉयल रेंजर्स और दिल्ली एफसी 22 अंक लेकर क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर है लेकिन मौजूदा चैम्पियन गढ़वाल हीरोज चौथे नंबर पर पिछड़ गई है। गढ़वाल और सुदेवा दिल्ली एफसी क्रमश: 19 अंकों के साथ आगे पीछे चल रहे हैं। पहले चरण की विजेता वाटिका एफसी (16) छठे और फ्रेंड्स यूनाइटेड (14) सातवें स्थान पर हैं। तत्पश्चात नेशनल यूनाइटेड, तरुण संघा, हिन्दुस्तान एफसी, इंडियन एयर फोस (नई दिल्ली) और यूनाइटेड भारत इसी क्रम में अंतिम पांच स्थानों पर विराजमान हैं।

   क्योंकि ग्राउंड उपलब्ध नहीं है इसलिए लीग लंबी खिंच सकती है। इस बीच कुछ क्लबों और डीएसए पदाधिकारियों का एक वर्ग चाहता है कोई ऐसा रास्ता निकाला जाए ताकि लीग जनवरी में सम्पन्न हो जाए। कुछ क्लब चाहते हैं कि सुपर सिक्स के आधार पर लीग चैम्पियन का फैसला कर लिया जाए, जो कि फीफा, एआईएफएफ और डीएसए के नियमों के विरुद्ध है। ऐसा स्वाभाविक भी है क्योंकि क्लबों ने टीम गठन और खिलाड़ियों के रखरखाव पर बड़ा खर्चा किया है।

कुछ का तर्क है कि अगले सत्र से डीपीएल को एआईएफएफ के नियमानुसार सिंगल लेग के आधार पर खेला जाए।  हालांकि भाग लेने वाली टीमों के अपने-अपने तर्क हैं। लेकिन डीएसए लीग सब कमेटी और पदाधिकारी चाहते हैं कि नियमों के साथ छेड़छाड़ किए बिना सभी मैच नियमानुसार खेले जाएं। मैचों की संख्या में कटौती के सवाल को सिरे से खारिज कर दिया गया है। लेकिन सभी चाहते हैं कि डीपीएल को नियत समय पर शुरू किया जाए और ग्राउंड के मसले को गंभीरता से हल किया जाए। समस्या का हल खुद ब खुद निकल जाएगा।

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