- भारत ने क्वार्टर फाइनल में ब्रिटेन को पेनल्टी शूट आउट में 4-2 (1-1) से हराया
- भारत की जीत के हीरो रहे गोलकीपर पीआर श्रीजेश, जिन्होंने पेनल्टी शूट आउट में दो शानदार बचाव किए
संवाददाता
पेरिस ओलम्पिक गेम्स में भारतीय हॉकी टीम की पदक की उम्मीदें बरकारर हैं लेकिन बैडमिंटन और बॉक्सिंग अच्छी खबर नहीं आई है। जहां बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन सेमीफाइनल में हारे वहीं, बॉक्सिंग में पहले निशांत और फिर लवनलीना बोरगोहिन की चुनौती समाप्त हो गई है। खेलों के महाकुंभ के नौवें दिन रविवार को हॉकी टीम ने जहां ग्रेट ब्रिटेन को पटकनी दी वहीं, दोनों भारतीय मुक्केबाज अपने क्वार्टर फाइनल मुकाबले हार गए। पेरिस में भारत की सबसे बड़े उपलब्धि मनु भाकर के दो कांस्य और शूटिंग से कुल तीन ब्रॉन्ज रहे हैं। तीसरा ब्रॉन्ज मेडल स्वप्निल कुसाले ने छठे दिन पुरुष व्यक्तिगत 50 मीटर थ्री पोजीशन राइफल स्पर्धा में जीता है। मनु शैटॉरौक्स के नेशनल शूटिंग सेंटर में मंगलवार को एक ओलम्पिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनी थी। वह सरबजोत सिंह के साथ 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित स्पर्धा और रविवार को महिला 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा का ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी हैं।
उधर, शूटिंग से आए तीन ब्रॉन्ज की बदौलत भारत ने पेरिस ओलम्पिक गेम्स की पदक तालिका में नौवें दिन भारत संयुक्त 57वें स्थान पर है। खबर लिखे जाने तक चीन टॉप पर है। उसके खाते में 19 स्वर्ण, 15 रजत व 11 कांस्य हैं। अमेरिका 18 स्वर्ण, 26 रजत और 25 कांस्य के साथ दूसरे स्थान पर है। मेजबान फ्रांस तीसरे स्थान पर है, जो 12 स्वर्ण, 14 रजत और 17 कांस्य झटक चुका है।
- भारतीय हॉकी टीम ने शूटआउट में ब्रिटेन को पीटा
यवेस-डू-मानोइर स्टेडियम में खेली जा रही हॉकी स्पर्धा से अच्छी खबर यह है कि भारत अपना लगातार दूसरे सेमीफाइनल में पहुंच गया है। भारतीय टीम ने पेनाल्टी शूट आउट तक खिंचे क्वार्टर फाइनल मुकाबले में ग्रेट ब्रिटेन को 4-2 (1-1) से हरा दिया। पिछले मैच में ऑस्ट्रेलिया को ओलम्पिक में 52 सालों के बाद पटकनी (3-2 से) देने वाली कप्तान हरमनप्रीत सिंह की टीम ने रविवार को एक खिलाड़ी कम से खेलने के बावजूद शानदार जीत दर्ज की। 17वें मिनट में भारत को उस समय झटका लगा, पेनाल्टी कॉर्नर में सबसे तेज-तर्रार रशर अमित रोहीदास को टीवी अंपायर ने रेड कार्ड दिखाया और उसे मैदान छोड़ना पड़ा। लेकिन भारत पर दस खिलाड़ियों के साथ खेलने का ज्यादा असर नहीं पड़ा, क्योंकि 22वें मिनट में मिले पेनल्टी कॉर्नर को कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने तेज-तर्रार सटीक ड्रैग फ्लिक लगाकर भारत को 1-0 की बढ़त दिला दी। लेकिन 27वें मिनट में ली मॉर्टन ने मैदानी गोल करके ब्रिटेन को 1-1 बराबरी दिला दी। इसके बाद भारत ने एक खिलाड़ी कम होने के दबाव को शानदार ढंग झेला और कोई और गोल नहीं खाया। निर्धारित समय तक इस स्कोर में कोई बदलाव नहीं हुआ। लिहाजा परिणाम के लिए पेनल्टी शूटआउट का सहारा लेना पड़ा, जिसमें भारत की तरफ से हरमनप्रीत सिंह, सुखजीत सिंह, ललित कुमार उपाध्याय, राज कुमार पाल ने गोल किए जबकि ब्रिटेन के लिए जेम्स एल्बेरी और जैख वालेस ने स्कोर किया। लेकिन भारत के अनुभवी गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने शानदार बचाव करते हुए कॉर्नर विलियम्स और फिलीप रोपर के प्रयासों को विफल करके अपनी टीम को जीत दिला। ज्ञात हो कि 1972 के ओलम्पिक के बाद भारत ने शनिवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहली जीत की।
- लक्ष्य सेन सेमीफाइनल में हारे, खेलना पड़ेगा ब्रॉन्ज मेडल मैच
बैडमिंटन स्पर्धा में भारत की उम्मीदों को रविवार को झटका जरूर लगा है लेकिन खत्म नहीं हुई है क्योंकि लक्ष्य सेन को पुरुष एकल के सेमीफाइनल में हारने के बाद ब्रॉन्ज मेडल मैच खेलना है। ला चैपेले एरिना में खेले गए सेमीफाइनल में लक्ष्य को मौजूदा ओलम्पिक चैम्पियन विक्टर एक्सेल्सेन के हाथों 20-22, 14-21 की हार मिली। लक्ष्य ने डेनमार्क के वर्ल्ड नंबर विक्टर के सामने 54 मिनट तक जमकर संघर्ष किया। पहला संघर्षभरा गेम हारने के बाद वह दूसरे गेम में एक समय 7-0 की बढ़त पर थे लेकिन अचानक उनकी लय बिगड़ गई और विक्टर को वापसी का अवसर मिल गया। इस हार के बावजूद लक्ष्य के पास ब्रॉन्ज जीतने का अवसर है। वह कांस्य पदक के लिए मलेशिया के वर्ल्ड नंबर सात ली जी के साथ खेलेंगे।
- क्वार्टर फाइनल में टूटी लवलीना और निशांत की चुनौती
मुक्केबाजी में भारत की चुनौती समाप्त हो गई है। निशांत देव के बाद लवलीना बोरगोहन भी अपना क्वार्टर फाइनल मैच हार गई हैं। लवलीना को महिला 75 किलोग्राम के अंतिम आठ राउंड की बाउट में चीनी मुक्केबाज ली कुइआन के हाथों 1-4 से शिकस्त मिली। इस हार के साथ ही टोक्यो की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट लवलीना के लगातार दूसरे ओलम्पिक में पदक जीतने का सपना भी टूट गया। भारत के एकमात्र पुरुष बॉक्सर निशांत देव शनिवार देर रात को खेले 71 किलोग्राम वर्ग की क्वार्टर फाइनल राउंड की बाउट मेक्सिको के मार्को वेर्दे के हाथों 1-4 से हारे थे। इस हार के साथ ही पुरुष मुक्केबाजी में भारत की 16 सालों से चली आ रही पदक से दूरी को खत्म करने की उम्मीद का अंत हो गया। पिछली बार पुरुष मुक्केबाजी में भारत को एकलौता ओलम्पिक पदक 2008 के बीजिंग गेम्स में मिला था, जब विजेंदर सिंह ने कांस्य पदक जीता था। उसके बाद से भारतीय पुरुष मुक्केबाज लंदन, रियो और टोक्यो से खाली हाथ लौटे। बहरहाल, निशांत के पेरिस अभियान पर नजर डाले तो इस मुक्केबाज राउंड ऑफ 32 में बाई मिली थी। उसके बाद राउंड ऑफ 16 बाउट में जोस रोड्रिगुएज टेनोरिओ को 3-2 से पराजित किया था और पदक की उम्मीद जगाई थी।
- महेश्वरी और रायजा क्वालीफिकेशन में अटकी, पुरुषों की 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में निराशा हाथ लगी
शूटिंग से भारतीय निशानेबाजों का एकल वर्ग में सफर निराशाजनक अंदाज में समाप्त हो गया। महिला स्कीट स्पर्धा में भारत की दो निशानेबाज महेश्वरी चौहान और रायजा ढिल्लों रेंज पर उतरी थी लेकिन दोनों क्वालीफिकेशन की बाधा को नहीं लांघ पाईं। महेश्वरी 118 अंक लेकर 14वें स्थान पर रहीं जबकि रायजा 113 अकों के साथ 23वां पायदान हासिल कर पाई। पुरुषों की 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल स्पर्धा में विजयवीर सिद्धू और अनिश भानवाला शीर्ष आठ शूटरों के बीच फाइनल्स में नहीं पहुंच सके। विजयवीर 582 अंकों के साथ नौवें स्थान पर रहे जबकि अनिश 582 अंक लेकर 13वें स्थान तक ही पहुंच पाए।
- पारुल का सीजन बेस्ट लेकिन आगे बढ़ने में नाकाम रही, जेसविन भी अटके
एथलेटिक्स में पारुल चौधरी और जेसविन ऑल्ड्रिन भी अपनी चुनौती को आगे बढ़ाने में नाकाम रहे। पारुल ने महिला 3000 मीटर स्टीपलचेज दौड़ में इस सीजन का अपना सबसे अच्छा समय निकाला लेकिन यह प्रदर्शन उन्हें आगे बढ़ाने के लिए नाकाफी था। पारुल ने 9 मिनट 23.39 सेकेंड में अपनी दौड़ पूरी की। जेसविन पुरुष लॉन्ग जम्प स्पर्धा के फाइनल्स में नहीं पहुंच पाए। उन्होंने क्वालीफिकेशन राउंड 7.61 मीटर की छलांग लगाई और वह 26वें स्थान पर रहे। पुरुषों की गोला फेंक स्पर्धा में भारत के तेजिंदरपाल सिंह तूर क्वालीफिकेशन में अपना बेस्ट देने में नाकाम रहे। उन्होंने 18.05 मीटर तक गोला फेंका और वह 29वें स्थान पर रहे।