- अवनि ने लेखरा महिलाओं की आर2 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता
- इसी स्पर्धा में भारत की मोना अग्रवाल ने 228.7 अंक हासिल करके ब्रॉन्ज मेडल जीता
- पिस्टल शूटर मनीष नरवाल ने पुरुष पी1 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 का सिल्वर मेडल जीता
- प्रीति पाल ने महिलाओं की 100 मीटर टी35 दौड़ का ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है
संवाददाता
पेरिस: निशानेबाज अवनि लेखरा ने शुक्रवार को पेरिस पैरालंपिक गेम्स 2024 में भारत के लिए पहला गोल्ड मेडल जीत लिया है। प्रतियोगिता के तीसरे दिन शूटिंग से भारत को एक गोल्ड, एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल मिले जबकि एक अन्य ब्रॉन्ज एथलेटिक्स में हासिल हुआ। इस तरह भारत कुल छह पदकों के साथ संयुक्त नौवें स्थान पर पहुंच गया है। अवनि ने नए पैरालंपिक रिकॉर्ड के साथ महिलाओं की आर2 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता। अवनि पहले कोरियाई शूटर युनरी ली से 0.8 से पिछड़ रही थीं। लेकिन कोरियाई शूटर का आखिरी शॉर्ट सिर्फ 6.8 प्वाइंट हासिल कर सका। जबकि अवनि ने 10.5 का स्कोर किया।
चार साल पहले टोक्यो पैरालंपिक गेम्स में गोल्ड जीतने वाली अवनि ने फाइनल्स में 249.7 अंक बटोर कर अपने पैरालंपिक रिकॉर्ड को बेहतर किया, जो कि उन्हें गोल्ड दिलाने के लिए पर्याप्त साबित हुआ। युनरी ली ने 246.8 अंक हासिल किए। इससे पहले क्वालिफिकेशन राउंड में उन्होंने 625.8 अंकों पर निशाना साधा और दूसरे स्थान पर रहकर फाइनल राउंड के लिए क्वालीफाई किया। इसी स्पर्धा में खेल रहीं भारत की मोना अग्रवाल ने ब्रॉन्ज मेडल जीता। मोना अग्रवाल ने 228.7 अंक हासिल किए।
मूलतः जयपुर शहर की रहने वाली अवनि ने क़ानून की पढ़ाई की है। साल 2012 में एक कार दुर्घटना के बाद से वे स्पाइनल कॉर्ड (रीढ़ की हड्डी) से जुड़ी तकलीफ़ का सामना कर रही हैं। इसके बाद वो व्हीलचेयर के सहारे ही चल पाती थीं लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और शूटिंग में अपनी किस्मत आजमाई जहां उन्होंने लगातार सफलताएं हासिल कीं।
उधर, पिस्टल शूटर मनीष नरवाल ने रजत पदक अपने नाम किया। उन्होंने पुरुष पी1 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 का सिल्वर मेडल जीता। उन्होंने 566 अंकों के साथ पांचवें स्थान पर रहकर फाइनल राउंड के लिए क्वालीफाई किया। फाइनल्स में उन्होंने 234.9 अंक बटोर कर दूसरे स्थान हासिल किया।
एथलेटिक्स में प्रीति पाल ट्रैक एंड फील्ड में भारत का खाता खोलने में सफल रहीं। उन्होंने महिलाओं की 100 मीटर टी35 दौड़ का ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। वह पदक जीतने वाली पहली पैरा एथलीट बनी। उन्होंने 14.21 का अपना सर्वश्रेष्ठ समय निकालकर अपनी दौड़ पूरी की। उन्होंने कोबे विश्व चैम्पियनशिप में भी कांस्य पदक जीता था।