- डेविस कप वर्ल्ड ग्रुप मुकाबले में स्वीडन के खिलाफ हुई बुरी हार को लेकर लिएंडर बोले, “यह सब जीवन चक्र हैं, जो कि ऊपर-नीचे होता रहता है। जब आप ऊपर जाते हैं तो नीचे भी आना पड़ता है”
- आज की भारतीय टेनिस पर सरसरी नजर डालें, तो भारतीय टेनिस गहराई तक डूब चुकी है और लाख कोशिशों के बावजूद भी अच्छे खिलाड़ी निकल कर नहीं आ रहे हैं
- एक जमाना था जब रामानाथन कृष्णन, विजय अमृतराज, रमेश कृष्णन, प्रेमजीत लाल, जयदीप मुखर्जी, गौस मोहम्मद के नाम दुनिया के टेनिस नक्शे पर चमचा रहे थे
- उनके बाद लिएंडर पेस, महेश भूपति और सानिया मिर्जा ने खूब सुर्खियां बटोरी और देश को गौरवान्वित करने वाला हर बड़ा मुकाम पाया
राजेंद्र सजवान
भारतीय टेनिस के सर्वकालिक श्रेष्ठ खिलाड़ियों में शामिल लिएंडर पेस का नाम इसलिए सबसे चमकदार नजर आता है, क्योंकि उनके खाते में एक ओलम्पिक पदक है। साथ ही चारों ग्रैंड स्लैम के डबल्स और मिक्स्ड डबल्स में उनकी उपलब्धियों को कोई छू तक नहीं पाया है। अटलांटा ओलम्पिक 1996 में उनके कांस्य पदक से भारतीय टेनिस को बड़ी पहचान के साथ हौसला भी मिला लेकिन तत्तपश्चात कोई भी भारतीय टेनिस खिलाड़ी ऐसा करिश्मा नहीं कर पाया। उनके नाम कुल 18 ग्रैंड स्लैम खिताब हैं, जो कि उनको भारत के महानतम खिलाड़ियों में स्थान दिलाते हैं।
हालांकि लिएंडर प्रतिस्पर्धात्मक टेनिस से दूर हो गए हैं लेकिन अपने खेल के चर्चित भारतीय खिलाड़ियों में हमेशा शुमार किए जाते हैं। हाल ही में एक स्टेटमेंट के लिए वह खासी चर्चा में है। डेविस कप वर्ल्ड ग्रुप मुकाबले में स्वीडन के खिलाफ हुई बुरी हार को लेकर लिएंडर बोले, “यह सब जीवन चक्र हैं, जो कि ऊपर-नीचे होता रहता है। जब आप ऊपर जाते हैं तो नीचे भी आना पड़ता है।”
बेशक, जीवन चक्र ऐसे ही चलता है लेकिन भारतीय टेनिस के मामले में यह सच बेहद कड़वा है। एक जमाना था जब रामानाथन कृष्णन, विजय अमृतराज, रमेश कृष्णन, प्रेमजीत लाल, जयदीप मुखर्जी, गौस मोहम्मद के नाम दुनिया के टेनिस नक्शे पर चमचा रहे थे। रामानाथन, अमृतराज और रमेश ने ग्रैंड स्लैम प्रतियोगिताओं में अभूतपूर्व प्रदर्शन किया और नाम-सम्मान कमाया। उनके बाद लिएंडर पेस, महेश भूपति और सानिया मिर्जा ने खूब सुर्खियां बटोरी। इन खिलाड़ियों ने देश को गौरवान्वित करने वाला हर बड़ा मुकाम पाया। लेकिन एक भी ग्रैंड स्लैम का एकल खिताब नहीं जीत पाया।
आज की भारतीय टेनिस पर सरसरी नजर डालें, तो भारतीय टेनिस गहराई तक डूब चुकी है। लाख कोशिशों के बावजूद भी अच्छे खिलाड़ी निकल कर नहीं आ रहे हैं। अभी कहां है यह तो विशेषज्ञ ही बता सकते हैं। लेकिन आम भारतीय टेनिस प्रेमी निराश और हताश हैं। लिएंडर पेस थोड़ा धैर्य रखने की बात कर रहे हैं, क्योंकि वे जीवन चक्र के ऊपर-नीचे होने में विश्वास रखते हैं। लेकिन कही कोई उम्मीद तो नजर आती नहीं!