ब्रजभूषण प्रकरण से हार नहीं मानी, और निखरी महिला कुश्ती

  • पांच महिला पहलवानों का पेरिस ओलम्पिक का कोटा हासिल करना अपने आप में सिर्फ एक कीर्तिमान है आपितु उनके साथ दुराचार और दुर्व्यवहार करने वालों के गाल पर जोरदार तमाचा भी है
  • ओलम्पिक पदक विजेता साक्षी मलिक, विश्व चैम्पियन विनेश फोगाट और चंद अन्य ने सड़क पर उतर कर ब्रजभूषण के यौन शोषण के खिलाफ आवाज बुलंद की और महीनों तक चली यह लड़ाई आज तक जारी है
  • यदि आज पूर्व अध्यक्ष पर न्यायपालिका का शिकंजा कस रहा है तो बड़ा श्रेय एकमात्र पुरुष पहलवान बजरंग पुनिया को जाता है, जिसने तमाम बाधाओं के बावजूद आज तक हार नहीं मानी
  • साक्षी और विनेश की अगुआई करते हुए बजरंग ने महिला पहलवानों को कुश्ती से भागने की बजाय डटकर मुकाबला करने का जो मंत्र दिया वह अब काम कर रहा है, जिसका पुरस्कार सामने है

राजेंद्र सजवान

कुछ दिन पहले तक भारतीय कुश्ती में चले धरना-प्रदर्शन, आक्रोश और आरोप-प्रत्यारोपों के चलते यह आशंका व्यक्त की जा रही थी कि भारतीय महिला कुश्ती बर्बादी के कगार पर खड़ी है और अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में महिला पहलवानों से बहुत अधिक की अपेक्षा करना भूल होगी। लेकिन पांच महिला पहलवानों का पेरिस ओलम्पिक का कोटा हासिल करना अपने आप में सिर्फ एक कीर्तिमान है आपितु उनके साथ दुराचार और दुर्व्यवहार करने वालों के गाल पर जोरदार तमाचा भी है।

   लगभग सवा साल पहले भारतीय पहलवानों के एक वर्ग ने अपने पूर्व अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह के विरुद्ध यौन शोषण के आरोप लगाए थे और उन्हें सजा देने की बात की थी। महीनों तक चली लड़ाई आज तक जारी है। पहलवान कोर्ट-कचहरी तक जा पहुंचे हैं और उनके हक में कोर्ट ने भी ब्रजभूषण पर आरोप तय कर दिए हैं। बेशक, पीड़ित महिला पहलवानों को लंबा संघर्ष करना पड़ा। एक समय तो यह माना जाने लगा था कि भारत में महिला कुश्ती का पतन होने जा रहा है। देशभर में महिला पहलवान भले ही खुल कर नहीं बोल पा रही थीं लेकिन जो भी सामने आया उससे उनके आंदोलन को बल मिला।

खासकर, ओलम्पिक पदक विजेता साक्षी मलिक, विश्व चैम्पियन विनेश फोगाट और चंद अन्य ने सड़क पर उतर कर ब्रजभूषण के खिलाफ आवाज बुलंद की। यदि आज पूर्व अध्यक्ष पर न्यायपालिका का शिकंजा कस रहा है तो बड़ा श्रेय एकमात्र पुरुष पहलवान बजरंग पुनिया को जाता है, जिसने तमाम बाधाओं के बावजूद आज तक हार नहीं मानी। हालांकि बजरंग पर डोप टेस्ट से भागने का आरोप लगा है। भले ही उस पर कार्रवाई हो रही है लेकिन देश में महिला पहलवानों के डर, भय को दूर करने और उन्हें एकजुटता के साथ लड़ने की सीख बजरंग ने ही दी।

साक्षी और विनेश की अगुआई करते हुए बजरंग ने महिला पहलवानों को कुश्ती से भागने की बजाय डटकर मुकाबला करने का जो मंत्र दिया वह अब काम कर रहा है, जिसका पुरस्कार सामने है। पुरुष पहलवान चित्त हैं और पांच महिला पहलवानों ने पेरिस ओलम्पिक में भाग लेने का कोटा हासिल कर लिया है। इसे महिलाओं का पलटवार कहा जा रहा है। बेशक, भारतीय महिलाओं ने अपने दमखम और आत्मविश्वास का अनूठा उदाहरण पेश किया है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *