मनु बोली, मेरे लक्ष्य को लेकर किसी को मुझे याद दिलाने की जरूरत नहीं

  • डबल ओलम्पिक मेडल विनर मनु भाकर ने आईएसएसएफ वर्ल्ड कप फाइनल, नई दिल्ली 2024 के उद्घाटन समारोह में शिरकत की

अजय नैथानी

“मैं अपना लक्ष्य जानती हूं, जो कि शूटिंग है। लिहाजा मेरे लक्ष्य को लेकर किसी को मुझे याद दिलाने की जरूरत नहीं है”, आईएसएसएफ वर्ल्ड कप फाइनल, नई दिल्ली 2024 के उद्घाटन समारोह दौरान एक सवाल का जवाब कुछ इस अंदाज में डबल ओलम्पिक मेडल विनर मनु भाकर ने दिया, जो इन दिनों ब्रेक पर चल रही हैं यानी कि पेरिस ओलम्पिक की कामयाबी के बाद से वो और उनकी पिस्टल दोनों ही विश्राम पर हैं। शूटिंग रेंज पर लगभग साढ़े आठ साल की लंबी, निरंतर एवं कड़ी मशक्कत के बाद इस पिस्टल शूटर को तयशुदा ब्रेक मिला है, जिसका वह खूब लुत्फ उठा रही हैं। जैसा कि आप जानते हैं कि मनु भाकर ने पेरिस ओलम्पिक 2024 की 10 मीटर वूमन एयर पिस्टल और मिक्स्ड टीम इवेंट में कांस्य पदक जीते। वह एक ही ओलम्पिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनीं।

  • ब्रेक का उठा रही हैं लुत्फ

मनु वर्तमान में चल रहे अपने ब्रेक पर खुश हैं, क्योंकि उन्हें वो सब करने का मौका मिल रहा है, जो-जो उन्होंने पिछले साढ़े आठ सालों में मिस किया और साथ ही अपनी इंजुरी से उबरने का अवसर भी उन्हें मिला है। वह घूम-फिर रही है, अपने परिवारों के साथ भरपूर समय बिता रहीं हैं। वह अपनी मां के हाथ के बने यानी घर के खाने का स्वाद ले रही हैं और वह खूब नींद ले रही हैं। विश्राम के दौरान ये वो तीन पहलू है, जिनको लेकर मनु ने जोर दिया। इसके अलावा वह लोगों से मिल रही हैं। इस दौरान उन्होंने रैंप पर वॉक से लेकर स्काई डाइविंग तक किया। उन्होंने कहा, “घर पर हो जा रही इस तरह की प्रतियोगिता में खेलने का मन तो करता है लेकिन जिस तरह बच्चों को समर और विंटर ब्रेक मिलता है, उसी तरह मेरा विश्राम करना बनता है, क्योंकि यह साढ़े आठ सालों में मैं पहली बार ब्रेक पर हूं। वैसे, मेरा यह शेड्यूल पेरिस ओलम्पिक से पहले से ही निर्धारित था कि मुझे तीन महीने के ब्रेक पर जाना है। मेरे कोच ने कह दिया था कि आपको तीन महीने की छुट्टी लेनी है, क्योंकि दाहिने हाथ पर चोटें उभर आई थीं, जिसके लिए उन्होंने विश्राम जरूर समझा। यह पहले से तय हो गया था और इसके कोई नहीं बदल सकता था फिर चाहे मेडल आता या नहीं, ब्रेक पर जाना निश्चित था।” अपनी चोट के बारे में उन्होंने बताया, “इस ब्रेक का फायदा मुझे अपनी दाहिने हाथ में हुई इंजुरी से रिकवर के रूप में मिला। पिस्टल रिक्वायल से हथेली लगी पर चोट और स्कैपुला (कंधे की हड्डी) की समस्या अब ठीक हो चुकी है।”   

  • नवंबर से शूटिंग अभ्यास शुरू करेंगी

मनु इस साल नवंबर के माह में फिर से शूटिंग अभ्यास शुरू कर देंगी और अगले साल नेशनल गेम्स उनकी ब्रेक के बाद पहली प्रतिस्पर्धा होगी। उन्होंने बताया, “वैसे मैंने ब्रेक में शूटिंग पूरी तरह से बंद नहीं की है लेकिन मैं नवंबर को शूटिंग रेंज में वापसी करूंगी और पूरी गंभीरता के साथ अपना अभ्यास शुरू कर दूंगी। अगले साल नेशनल गेम्स ब्रेक के बाद मेरी पहली प्रतिस्पर्धा होगी।”

  • वापसी में नहीं होगी दिक्कत

मनु ने उम्मीद जताई कि उन्हें वापसी करने में कोई परेशानी नहीं होगी। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता है कि मुझे ब्रेक से वापसी करने में कोई दिक्कत होगी। वैसे, मैं ब्रेक के दौरान थोड़ी बहुत ट्रेनिंग करती रही हूं, हालांकि इस पर चर्चा नहीं की है। कंपटीशन हारना, जीतना खेल जीवन का हिस्सा है। भविष्य में मैं कुछ में हारूंगी और कुछ प्रतियोगिताएं जीतूंगी भी। लेकिन आपकी जर्नी बहुत मैटर करती है। मानसिक रूप से मजबूत रहना महत्वपूर्ण होता है और इसलिए वापसी करना बहुत मुश्किल नहीं होगा। वैसे भी अब मैं पूरी तरह से फिट हूं। चोट अब समस्या नहीं रही है।”

  • वर्ल्ड कप फाइनल के दौरान अपनी स्पर्धाओं पर रहेगी नजरें

मनु भले ही मंगलवार से शुरू हो रहे वर्ल्ड कप फाइनल में शिरकत नहीं कर रही हैं लेकिन वह इस प्रतियोगिता में करीब से नजर रखेंगी, खासतौर पर अपने इवेंट्स पर। उन्होंने कहा, “मेरी अपनी स्पर्धाओं – 25 मीटर पिस्टल, 10 मीटर एयर पिस्टल वूमन्स इंडिविजुअल और मिक्स्ड डबल्स – पर नजर रहेंगी। देखते हैं भारत के अन्य खिलाड़ी इन स्पर्धाओं पर कैसा प्रदर्शन करते हैं।”

  • भारत के युवा शूटरों को दिया बेस्ट करने का संदेश

आईएसएसएफ वर्ल्ड कप फाइनल में शिरकत करने वाले भारतीय युवा शूटरों को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए प्रेरित करते हुए मनु ने कहा, “मुझे लगता है कि वर्ल्ड कप फाइनल एक श्रेष्ठ टूर्नामेंट है, क्योंकि इसमें चैम्पियनों के चैम्पियन शिरकत करते हैं। इसके लिए सिलेक्शन भी बहुत कड़ी प्रतिस्पर्धा के जरिये होता है। इस प्रतियोगिता के रूप में प्लेफॉर्म मिलना, एक शानदार अनुभव है। यह युवा खिलाड़ियों को भविष्य में आगे बढ़ने में बहुत मददगार रहेगा। इसके जरिये वे दबाव झेलना, मुश्किल हालात में अच्छा प्रदर्शन और घर में खेलने पर सामने आने वाली कठिन परिस्थितियों से निपटना सिखेंगे। यह बहुत अच्छा अवसर है और प्लेफॉर्म तो जबर्दस्त है। लिहाजा, युवा अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करें।”

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *