- रेलवे की नौकरी से इस्तीफा देकर यह चर्चित पहलवान कॉन्ग्रेस में शामिल हुई और हरियाणा में लड़ेगी चुनाव
राजेंद्र सजवान
भारतीय रेलवे में कार्यरत जाने-माने पहलवानों विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया है। अब दोनों पहलवान कॉन्ग्रेस के लिए राजनीति के अखाड़े में दांव-पेंच लगाएंगे। ऐसा माना जा रहा है कि पेरिस से लौटने के बाद विनेश ने कॉन्ग्रेस के उच्च पदों में आसीन पदाधिकारियों से विचार-विमर्श के बाद यह फैसला लिया है। चूंकि बजरंग भी लंबे समय से उसकी हौसलाफजाई करते रहे हैं इसलिए दोनों का एक मंच से अगली पारी की शुरुआत करना हैरानी वाली बात कदापि नहीं हैं।
खेल और राजनीतिक हलकों में विनेश और बजरंग की भविष्य की योजना के बारे में काफी कुछ कहा सुना जाता रहा है। उनके पक्ष और विपक्ष में जमकर बयानबाजी होती आई है लेकिन यह मानना पड़ेगा कि बना ओलम्पिक पदक जीते भी विनेश पिछले कई सालों से सुर्खियों में रही है। कभी चोटिल होने के कारण तो कभी 100 ग्राम वजन ज्यादा रह जाने के कारण उसको सहानुभूति मिली तो दूसरी तरफ देश के सबसे बड़े राजनीतिक दल ने उस पर कटाक्ष किए और उसके विरुद्ध बहुत कुछ कहा गया। चचेरी बहनों ने भी उसके विरुद्ध बयान देने का कोई मौका नहीं छोड़ा। लेकिन नाते-रिश्ते और लिहाज के लिए कोई जगह नहीं बची है। अलग-अलग विचारधारा के कारण राजनीति के अखाड़े में घमासान तय है। जीत किसको मिलती है इसका फैसला वक्त करेगा।
उम्मीद की जा रही है कि विनेश नई भूमिका में कुछ बेहतर कर सकती है। फिलहाल भाग्य उसे बार-बार दगा देता रहा है। उसने अगले ओलम्पिक में उतरने का दम भरा था लेकिन राजनीति में कूदने के बाद शायद ऐसा कर पाना संभव न हो पाए। लेकिन क्या महिला पहलवानों के आत्मसम्मान की लड़ाई यथावत जारी रहेगी? बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने कदम-कदम पर उसका साथ दिया है। संयोग से ये तीनों ओलम्पियन रेलवे से हैं। बार-बार बृजभूषण के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का संकल्प लेते रहे हैं। इस लड़ाई का रिजल्ट आना बाकी है। मामला कोर्ट में है लेकिन विनेश को टिकट मिलता है और वह सरकार में शामिल होती है तो आगे क्या हो सकता है कुछ भी दावे के साथ नहीं कहा जा सकता है। क्योंकि विनेश है तो कुछ भी संभव है!