वेल्डन एयर फोर्स: उम्र की धोखाधड़ी पर करारा तमाचा!
- सुब्रतो कप के अंडर-15 बॉयज कैटेगरी में 35 प्रदेशों के चैंपियन स्कूलों में से केवल 13 खेलेंगे, क्योंकि 22 स्कूलों को आयोजकों ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है
- इन सभी 22 स्कूलों के आधे से ज्यादा खिलाड़ियों को निर्धारित उम्र से बड़ा पाया गया है
राजेंद्र सजवान
भारतीय वायुसेना देश की रक्षा के लिए हर मोर्चे पर चाक चौबंद है लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि वायुसेना भारतीय फुटबॉल के उत्थान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। देश के सबसे बड़े आयोजनों – डूरंड कप और तीन स्कूली टूर्नामेंट जिन्हें सुब्रतो मुकर्जी स्कूली टूर्नामेंट के नाम से जाना जाता है, वायुसेना की सुब्रतो मुकर्जी फुटबॉल टूर्नामेंट सोसाइटी द्वारा आयोजित किए जाते हैं लेकिन वायुसेना ना सिर्फ फुटबॉल को प्रोत्साहन दे रही है, भारतीय फुटबॉल में व्याप्त फर्जीवाड़े को उजागर कर फुटबॉल की गंदगी को भी साफ करने में बड़ी भूमिका निभा रही है। अर्थात जो काम फेडरेशन (एआईएफएफ) नहीं कर पाई सुब्रतो फुटबॉल टूर्नामेंट सोसाइटी कर रही है।
पिछले साठ सालों से वायुसेना द्वारा स्कूली फुटबॉल को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। फौज के अनुशासन की देखरेख में 15 और 17 साल के स्कूली खिलाड़ी इन आयोजनों में भाग लेते आ रहे हैं। लेकिन हर बार बड़ी उम्र के खिलाड़ी खेल बिगाड़ने पहुंच जाते हैं, जिनमें से कुछ एक पकड़ में आते हैं। हमेशा की तरह इस बार भी उम्र का फर्जीवाड़ा चल रहा है लेकिन बेंगलुरू में खेले जा रहे अंडर 15 बालक वर्ग के आयोजन में पिछले तमाम अनचाहे रिकॉर्ड धुल गए हैं। आयोजन समिति के अनुसार 20 से 22 प्रदेशों के स्टेट चैंपियन स्कूलों के अधिकांश खिलाड़ी बड़ी उम्र के पाए गए हैं। नतीजन सभी को बिना खेले बाहर का रास्ता देखना पड़ा है। इस कदम की हर कोई तारीफ कर रहा है।
भले ही धोखाधड़ी में शामिल चैंपियन स्कूल बहाने बना रहे हैं लेकिन उम्र और डोप के फर्जीवाड़े में बर्बाद हो रही भारतीय फुटबॉल के पिछड़ने का असल कारण अब समझ आ रहा है। सुब्रतो फुटबॉल में भाग लेने वाले स्कूलों के गोरख धंधे का आयोजकों ने इस बार पूरी तरह पर्दाफाश कर दिया है। 35 प्रदेशों के चैंपियन स्कूलों में से मात्र 13 को हरी झंडी दिखाई गई है। फर्जीवाड़ा करने वाले स्कूलों के आधे से ज्यादा खिलाड़ी बड़ी उम्र के पाए गए हैं।
सूत्रों के अनुसार उम्र की धोखाधड़ी करने वाले स्कूलों में मणिपुर, वायु सेना स्कूल, आर्मी बॉय कोय, असम, सीबीएसई, छत्तीसगढ़, दादर और नगर हवेली, दिल्ली, गोवा, केरल, महाराष्ट्र, मेघालय, एनसीसी, सैनिक स्कूल, सिक्किम, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और श्रीलंका शामिल हैं, जिन्हे बाहर का रास्ता दिखाया गया है। अर्थात अब बेंगलुरू में होने वाले अंडर-15 फुटबॉल टूर्नामेंट में केवल 13 टीमें ही हिस्सा लेंगी। ये टीमें हैं: चंडीगढ़, सीआईएससीई, आईपीएससी, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, नागालैंड, बिहार, एनबीएस, पश्चिम बंगाल और आईएसएसओ।