सलामत रहे दोस्ताना हमारा!

  • दोनों चैम्पियनों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा जारी रहने में ही खेल की भलाई है लेकिन नीरज-नदीम की दोस्त को सलाम
  • 92.97 मीटर की ओलम्पिक रिकॉर्ड की पहली वैध थ्रो के साथ नदीम ने अपना अभियान शुरू किया और 91.79 मीटर पर समाप्त किया।
  • नदीम के 90 प्लस थ्रो ने भारत के गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा से गोल्ड छीन लिया
  • नीरज ने अपना सीजन बेस्ट 89.45 मीटर दिया लेकिन 90 मीटर तक नहीं पहुंच पाने की कमी उसके अभियान में बाधा बन गई

राजेंद्र सजवान

जिसका डर था वही हुआ। नीरज के ओलम्पिक गोल्ड की राह में पाकिस्तान के अरशद नदीम को खतरा माना जा रहा था और पेरिस ओलम्पिक में पड़ोसी खतरनाक तेवर के साथ सामने आया और पहली वैध थ्रो में ओलम्पिक गोल्ड लूट ले गया। 92.97 मीटर की ओलम्पिक रिकॉर्ड थ्रो के साथ नदीम ने अपना अभियान शुरू किया और 91.79 मीटर पर समाप्त किया। उनका पहला थ्रो अंत तक अभेद बना रहा। नदीम के 90 प्लस थ्रो ने भारत के गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा से उनका गोल्ड छीन लिया।

  पिछले कुछ सालों से नीरज और नदीम के बीच तू डाल-डाल, मैं पात-पात का खेल चल रहा था। बेशक, गुरुवार रात को प्रतिस्पर्धा एकदम साफ सुथरी और एक-दूसरे को सम्मान देने जैसी थी। जब कभी मीडिया ने नीरज से नदीम के बारे में पूछा तो नीरज ने ओलम्पिक चैम्पियन होने के बावजूद उसे बड़ा एथलीट बताया। उधर, नदीम हमेशा से नीरज के साथ प्यार और भाईचारे की पींगे भरता रहा है। टोक्यो ओलम्पिक में जब नीरज ने गोल्ड जीता तो नदीम ने उसे खुले दिल से सम्मान दिया। पाकिस्तानी मीडिया को दिए साक्षात्कारों में भी उसने ओलम्पिक चैम्पियन को ‘नीरज पाज्जी’ जैसे संबोधनों से संबोधित किया। उसे अपना भाई और दोस्त बताया। दोनों के बीच भाईचारा रहा लेकिन ओलम्पिक की उड़ान भरने से पहले नदीम ने अपने देश की मीडिया को इशारा किया कि इस बार वह कुछ अलग करने जा रहा है।

   जहां तक नीरज की बात है तो वह साधारण परिवार को नेकदिल इंसान है। स्टारडम उसे छू तक नहीं पाया है। वह जानता था कि उसके लिए सबसे बड़ा खतरा नदीम है और पेरिस में नदीम ने पाकिस्तानी परचम फहरा दिया। भले ही पाकिस्तान ने ओलम्पिक हॉकी में तीन गोल्ड जीते हैं लेकिन वह व्यक्तिगत स्पर्धा में गोल्ड जीतने वाला पहला पाकिस्तानी एथलीट है।    हालांकि नीरज ने अपना सीजन बेस्ट 89.45 मीटर दिया लेकिन 90 मीटर तक नहीं पहुंच पाने की कमी उसके अभियान में बाधा बन गई। लेकिन अभी कई मौके आएंगे जब दोनों चैम्पियन आमने-सामने हो सकते हैं। एशिया के लिए गौरव की बात है कि हॉकी के बाद किसी अन्य खेल के ओलम्पिक गोल्ड और सिल्वर उसके खाते में हैं। दो उच्चकोटि के खिलाड़ी आमने-सामने हैं तो अभी जेवलिन थ्रो में कई रिकॉर्ड बनेंगे-बिगड़ेंगे। दोनों चैम्पियनों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा जारी रहने में ही खेल की भलाई है। लेकिन नीरज-नदीम की दोस्त को सलाम।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *