- मल्लिका नड्डा के अनुसार उनकी फेडरेशन स्पेशल खिलाड़ियों के लिए समर्पित
- साइक्लिस्ट शिवानी को बनाया एथलीट एंबेसडर
राजेंद्र सजवान
आगामी 18 से 23 नवंबर, तक नई दिल्ली में होने वाली स्पेशल ओलंपिक एशिया पैसिफिक बोची और बॉलिंग प्रतियोगिता की घोषणा करते हुए अध्यक्ष डाक्टर मल्लिका नड्डा ने आज यहां अपनी नई जर्सी का अनावरण किया और सुश्री शिवानी के नाम की घोषणा स्पेशल ओलंपिक भारत के ऑफिशियल एथलीट एंबेसडर के रूप में की। इस दौरान स्पेशल ओलंपिक की अध्यक्षा डॉ. मल्लिका नड्डा ने अपने विचार साझा किए और प्रतियोगिता से संबंधित कई अन्य घोषणाएं भी की। यह प्रतियोगिता वैश्विक स्तर पर भारत में आयोजित होने वाली इस तरह की पहली प्रतियोगिता है जो 22 साल और उससे ज्यादा उम्र के बौद्धिक और दिव्यांग वरिष्ठ एथलीटों पर ध्यान केंद्रित करती है। इस प्रतियोगिता से उन सीनियर एथलीटों को खास मौका मिलेगा, जिनकी खेलों में भागीदारी उम्र बढ़ने के साथ कम हो जाती है। इस प्रतियोगिता में 12 देशों से ,100 से अधिक एथलीट हिस्सा लेने जा रहे है, जो 3 अलग-अलग क्षेत्रों, पूर्वी एशिया, यूरोप और एशिया पेसिफिक से हैं। यह स्पेशल ओलंपिक्स भारत के लिए भी एक ऐतिहासिक उपलब्धि है क्योंकि यह टेनपिन फेडरेशन ऑफ इंडिया के साथ साझेदारी में गेंदबाजी को एक प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में सामने लेकर आता है।
इस अवसर पर स्पेशल ओलंपिक भारत की अध्यक्ष डॉ मल्लिका नड्डा ने कहा, “यह प्रतियोगिता केवल खेल के बारे में नहीं है; यह मानवीय भावना, दृढ़ संकल्प और सामयिकता की शक्ति का उत्सव है। पूरे एक सप्ताह तक, हम साहस, दृढ़ संकल्प और जीत की कहानियां देखेंगे क्योंकि एथलीट, उनके परिवार और समर्थक साथ मिलकर सामयिकताऔर दोस्ती का बेहतरीन उदाहरण पेश करेंगे। हम आप सभी को इस खास सफर का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करते हैं क्योंकि हम उन एथलीटों का सम्मान करते है जो हमें याद दिलाते हैं कि जब हम खिलाड़ियों का सम्मान करते है तो उनके हिम्मत और हौसले को बढ़ावा मिलता है।”
एथलीट शिवानी ने समर ओलंपिक्स गेम में तीन गोल्ड मेडल प्राप्त किए है। इस कार्यक्रम में गोल्डन गर्ल शिवानी को एथलीट ब्रांड एंबेसडर के रूप में घोषित किया गया। इनके जीवन का सफर हमारे लिए उदाहरण पेश करता है एवं इनकी सफलता का सफर हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। आज ललित ग्रुप ऑफ होटल के सहयोग से इस कार्यक्रम का आयोजन हुआ है और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ रहे है। हम सिर्फ खेल तक ही सीमित नहीं है, खिलाड़ियों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार अग्रसर है।
इस दौरान एथलीट ब्रांड एंबेसडर सुश्री शिवानी ने कहा, “स्पेशल ओलंपिक्स एशिया पैसिफिक बोचे और बॉलिंग प्रतियोगिता 2024 के लिए स्पेशल ओलंपिक्स भारत की एथलीट एंबेसेडर होने पर मुझे बहुत गर्व है। खेल में मेरे सफर ने मेरा जीवन बदल दिया है-इसने मुझे चुनौतियों से उभरने और दुनिया को दिखाने की ताकत दी कि कड़ी मेहनत और विश्वास के साथ, कुछ भी संभव है। एक एथलीट एंबेसडर के रूप में, मैं बौद्धिक रूप से अक्षम लोगों को अपने जुनून को आगे बढ़ाने और कभी हार न मानने के लिए प्रेरित करने की उम्मीद करती हूं। मैं चाहती हूं कि हर कोई यह जाने खेलों में शामिल होने से मुश्किलें दूर हो सकती हैं और हम सभी को अपनी वास्तविक क्षमता तक पहुंचने में मदद मिल सकती है।”
कार्यक्रम का समापन जनता और मीडिया से यह अपील करते हुए हुआ कि इस सहभागिता का साथ दें और एथलीटों व स्पेशल ओलंपिक्स भारत आंदोलन के साथ जुड़े और इन दिव्यांग खिलाड़ियों को जीवन में आगे बढ़ने के लिए इनका मनोबल बढ़ाए। स्पेशल ओलंपिक भारत एक समावेशी समाज को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है जहां प्रत्येक व्यक्ति को खेलों के क्षेत्र में सफल होने और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिले। स्पेशल ओलंपिक्स भारत समाज को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे प्रत्येक व्यक्ति को सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार हो और खेलो के माध्यम से ऊंचाइयों तक पहुंचने का मौका मिले। संगठन आगामी विशेष ओलंपिक एशिया पेसिफिक रीजनल गेम बोची और बॉलिंग प्रतियोगिता के लिए उत्साहित है और सभी को समावेशी और सशक्तिकरण के इस आंदोलन में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता है। स्पेशल ओलंपिक्स भारत खेल एवं युवा मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त बौद्धिक और दिव्यांग खिलाड़ियों के विकास के लिए एक राष्ट्रीय खेल महासंघ है। जिसे पूरे भारत में खेल और विकास कार्यक्रम संचालित करने की मान्यता प्राप्त है।