- लगातार ‘दो’ ओलंपिक पदक जीतने वाले चैंपियनों के प्रदर्शन से उत्साहित भारतीय हॉकी के कर्णधारों ने हॉकी इंडिया लीग (एचआईएल) को फिर से शुरू करने की हुंकार भरी है
- लेकिन सबसे बड़ी बाधा यदि कोई हो सकती है तो हॉकी इंडिया का अंतर्कलह
- उम्मीद है दिलीप, भोला नाथ और पूरी टीम एकजुट रहेगी
- हॉकी इंडिया लीग का पहला संस्करण 2013 में खेला गया था और 2017 में हॉकी इंडिया के पदाधिकारियों के बीच के विवाद सड़क पर आने के बाद ठप्प हो गया
राजेंद्र सजवान
एक के बाद एक ‘दो’ ओलंपिक पदक जीतने वाले चैंपियनों के प्रदर्शन से उत्साहित भारतीय हॉकी के कर्णधारों ने जोश में आकर हॉकी इंडिया लीग (एचआईएल) को फिर से शुरू करने की हुंकार भरी है। हालांकि लीग और टीमों का प्रारूप कैसा होगा फिलहाल इस बारे में ठोस निर्णय नहीं लिया गया है लेकिन देर से ही सही भारतीय हॉकी को संचालित करने वाली हॉकी इंडिया के अध्यक्ष 412 के आस-पास अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले विख्यात डिफेंडर दिलीप टिर्की ने घोषणा कर दी है कि लीग का आयोजन दिसम्बर से किया जाएगा। बाकायदा टीमों (फ्रेंचाइजी) की घोषणा भी हो चुकी है, जिनमें दुनियाभर के स्टार खिलाड़ी खेलते दिखाई देंगे।
थोड़ा पीछे चलें तो हॉकी इंडिया लीग का पहला संस्करण 2013 में खेला गया था और पांच साल तक चलने के बाद एचआईएल ठप्प हो गया। तब भी हॉकी इंडिया ने बड़े-बड़े दावे किए थे। देश में स्तरीय खिलाड़ी पैदा करने के नारे दिए गए लेकिन 2017 में एचआईएल ठप्प हो गया। बेशक, यह डर आज भी सता रहा है। तब हॉकी इंडिया के पदाधिकारियों के बीच के विवाद सड़क पर उतर आए और लीग आयोजन फिर कभी नहीं हो पाया। हॉकी इंडिया के वर्तमान अध्यक्ष दिलीप और महासचिव भोलानाथ ने फिर से साहस दिखाया है और दुनियाभर के स्टार खिलाड़ियों को भारत के मैदानों पर उतारने का संकल्प लिया है।
भारतीय हॉकी के महान खिलाड़ियों अजितपाल सिंह, हरबिंदर सिंह, अशोक ध्यानचंद, परगट सिंह, जगबीर सिंह, रोमियो जेम्स, राम प्रकाश सिंह, सुब्बैय्या, सरदारा सिंह, अर्जुन हल्प्पा, विनीत कुमार, कोच सेड्रिक डिसूजा, सैनी आदि पूर्व चैंपियनों को हाजिर नाजिर, मान कर दिलीप टिर्की और भोला नाथ ने बाकायदा मीडिया के सामने घोषणा करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय हॉकी फेडरेशन ने उनके प्रयासों को सराहा है और सभी हॉकी राष्ट्रों को अल्टीमेटम दे दिया है कि 28 दिसंबर, 2024 से 1 फरवरी 2025 तक सभी हॉकी आयोजन ठप्प कर दिए जाएंगे। सिर्फ और सिर्फ एचआईएल खेली जाएगी। ऐसा पांच साल तक चलेगा। बात ही बात में भोला नाथ ने तो यह भी कह दिया कि ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों के पांव के नीचे की जमीन खिसकने वाली है, क्योंकि लीग में भाग लेने के लिए बहुत से नए खिलाड़ी मैदान में उतरने वाले हैं। फिलहाल टीमों के गठन पर जोर दिया जा रहा है और खिलाड़ियों की नीलामी होने वाली है। लेकिन सबसे बड़ी बाधा यदि कोई हो सकती है तो हॉकी इंडिया का अंतर्कलह। उम्मीद है दिलीप, भोला नाथ और पूरी टीम एकजुट रहेगी। वरना लीग ज्यादा लंबा सफर शायद ही तय कर पाए।