- 19 जून को नोएडा सिटी एफसी और नॉर्दन यूनाइटेड एफसी के बीच डीएसए ‘ए’ डिवीजन लीग मैच में जमकर धक्का-मुक्की हुई, लात-घूंसे चले और गाली-गलौज हुई
- 27वें मिनट में घमासान दो खिलाड़ियों के बीच हल्की धक्का-मुक्की से शुरू हुआ, जिसमें पहले दो-चार और फिर सभी खिलाड़ी शामिल हो गए और लात-घूंसे चले और खेल का मैदान फ्री फॉर ऑल हो गया।
- रेफरी मोहम्मद फैजल को नॉर्दन यूनाइटेड के दो और नोएडा सिटी के एक खिलाड़ी को रेड कार्ड दिखाना पड़ा और नॉर्दन यूनाइटेड के मैनेजर गौरव कक्कड़ भी रेफरी के गुस्से का शिकार बने और उन्हें भी बेंच छोड़ना पड़ा
- रेफरी फजल, लाइंसमैन मोहम्मद अंसारी एवं कुलदीप तड़ियाल और फोर्थ ऑफिसियल लक्ष्य ने भरसक प्रयासों के बाद घमासान रुका और खेल फिर से शुरू हुआ
- पीयूष भंडारी की शानदार हैट्रिक की बदौलत सुपर सिक्स राउंड का यह मुकाबला नोएडा सिटी ने 4-0 से जीता
- मैनेजर गौरव कक्कड़ और नॉर्दन यूनाइटेड की अध्यक्ष नीतू कक्कड़ ने आयोजन समिति को पत्र लिखकर रेफरी और फोर्थ ऑफिसियल को जिम्मेदार ठहराते हुए अपना विरोध दर्ज कराया है, जिसमें यह मांग की गई है कि रेफरियों की इस टीम को फिर कभी कोई मैच न दिया जाए
- पूरी घटना के गवाह आयोजन समिति के चेयरमैन नागेंद्र सिंह, संयोजक धन सिंह रावत, डीएसए के पदाधिकारी, कार्यकारिणी सदस्यों और फुटबॉल प्रेमी साक्षात रूप से बने और अब देखते हैं डीएसए क्या कदम उठाती है?
राजेंद्र सजवान
‘नोएडा सिटी एफसी’ और ‘नॉर्दन यूनाइटेड फुटबॉल क्लब’ दिल्ली सॉकर एसोसिएशन के ‘ए’ डिवीजन क्लबों में शीर्ष पर आंके जाते हैं। दोनों टीमों में दिल्ली और अन्य प्रदेशों के टॉप खिलाड़ी भाग लेते हैं, जो कि डीएसए प्रीमियर लीग और सीनियर डिवीजन लीग में भी खेलते आ रहे हैं। नोएडा के इन दोनों क्लबों का जिक्र इसलिए आया है, क्योंकि 19 जून को इनके बीच डीएसए ‘ए’ डिवीजन लीग का विवादास्पद मैच राजधानी दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में खेला गया, जिसमें धक्का-मुक्की हुई, लात-घूंसे चले और गाली-गलौज हुई।
हालांकि खिलाड़ी एक-दूसरे को जानते-पहचानते है लेकिन बीच मैच में जो कुछ हुआ उसे लेकर चौतरफा निंदा हो रही है। यह सुपर सिक्स राउंड में दोनों टीमों के बीच पहली भिड़ंत थी और नोएडा सिटी ने मुकाबला 4-0 से जीत लिया। मैच का आकर्षण विजेता टीम नोएडा सिटी एफसी के पीयूष भंडारी की शानदार हैट्रिक रही। लेकिन भंडारी के तीन गोलों की चमक को खिलाड़ियों के बीच हुई मारपीट और रेफरी मोहम्मद फैजल द्वारा दिखाए गए रेड व येलो कार्डों ने फीका कर दिया। नॉर्दन यूनाइटेड के दो और नोएडा सिटी के एक खिलाड़ी को रेड कार्ड दिखाए गए। नॉर्दन यूनाइटेड के मैनेजर गौरव कक्कड़ भी रेफरी के गुस्से का शिकार बने और उन्हें भी बेंच छोड़ना पड़ा।
27वें मिनट में ऐसा घमासान शुरू हुआ, जिसकी पहले से ही आशंका थी। दो खिलाड़ियों के बीच हल्की धक्का-मुक्की हुई, जिसमें दो-चार और फिर सभी खिलाड़ी शामिल हो गए। लात-घूंसे चले और खेल का मैदान फ्री फॉर ऑल हो गया। रेफरी फजल, लाइंसमैन मोहम्मद अंसारी एवं कुलदीप तड़ियाल और फोर्थ ऑफिसियल लक्ष्य ने मार-पीट को रोकने का भरसक प्रयास किया लेकिन खिलाड़ी रोके नहीं रुक पा रहे थे।
खैर, जैसे-तैसे मामला सुलटा और खेल फिर से शुरू हुआ और बाकी खेल में नोएडा सिटी के दस खिलाड़ियों के सामने नॉर्दन यूनाइटेड के नौ खिलाड़ी मैदान पर थे। जब रेफरी ने मैच समाप्ति की लंबी सीटी बजाई तो नोएडा सिटी 4-0 से जीत दर्ज कर चुकी थी।
पराजित टीम नॉर्दन यूनाइटेड के मैनेजर गौरव कक्कड़ और क्लब अध्यक्ष नीतू कक्कड़ ने आयोजन समिति को पत्र लिखकर टीम की हार के लिए रेफरी और फोर्थ ऑफिसियल को जिम्मेदार ठहराते हुए अपना विरोध दर्ज कराया है, जिसमें यह मांग की गई है कि रेफरियों की इस टीम को फिर कभी कोई मैच न दिया जाए। इस विवादास्पद और मारधाड़ वाले मैच को आयोजन समिति के चेयरमैन नागेंद्र सिंह, संयोजक धन सिंह रावत, डीएसए के पदाधिकारी, कार्यकारिणी सदस्यों और फुटबॉल प्रेमियों ने साक्षात देखा। देखते हैं डीएसए क्या कदम उठाती है?