वर्ल्ड कप फाइनल के अपने पहले पदक से मिला है अखिल को नया हौसला

  • इस शूटर ने हाल ही में डॉ. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में आयोजित वर्ल्ड कप फाइनल दिल्ली 2024 में पुरुष 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन स्पर्धा का कांस्य जीता

अजय नैथानी

हाल में जीता वर्ल्ड कप फाइनल दिल्ली 2024 का कांस्य पदक थ्री पोजिशन निशानेबाज अखिल श्योराण को अगले ओलम्पिक गेम्स के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने अक्टूबर माह में भारत की राजधानी में सम्पन्न हुए वर्ल्ड कप फाइनल दिल्ली 2024 में 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन स्पर्धा का कांस्य पदक शानदार अंदाज में जीता और वह अपने पहले वर्ल्ड कप फाइनल पदक को 2028 के लॉस एंजिल्स ओलम्पिक की राह में अपना पहला कदम बताते हैं। उन्होंने अपने आगे की योजनाओं के बारे में बताया कि उनका अगली प्रतियोगिता नेशनल गेम्स होगी। बकौल अखिल, “अगर अगले साल अच्छा प्रदर्शन रहा था तो 2026 एशियन गेम्स के लिए आत्मविश्वास बढ़ेगा।”    

  • अगले ओलम्पिक साइकिल की तैयारी

अखिल 2028 के लॉस एंजिल्स ओलम्पिक गेम्स के लिए तैयार नजर आते हैं। उनकी अगले ओलम्पिक साइकिल की तैयारी को लेकर पूछे गए सवाल पर, उन्होंने कहा, “मैं अच्छी निशानेबाजी कर रहा हूं। मेरी अलग से तैयारी यह रहेगी कि मैं अपने लक्ष्य बड़े रखूं, अपनी सीमाओं को बढ़ाऊं, अपने पर्सनल बेस्ट बेहतर करूं और अपने पदकों की संख्या व रंग को बेहतर कर पाऊं। यह सब मुझे अगले ओलम्पिक तक पहुंचने और उसमें अच्छा प्रदर्शन करने के लिए ज्यादा आत्मविश्वास देगा।”  

  • अपने स्टाइल से शूटिंग करता हूं

अखिल स्टैंडिंग पोजिशन के दौरान निशाना लगाने वाले सबसे अंतिम खिलाड़ी होते हैं, यह स्टाइल उनकी थ्री-पोजिशन के फाइनल्स के दौरान भी नजर आया। इस बारे में सवाल पूछने पर उन्होंने कहा, “मेरा स्टाइल थोड़ा सा जुदा है लेकिन मैं इसी तरह शूट करता हूं। मुझे नहीं पता कि ऐसा कब से कर रहा हूं, लेकिन जब से मैंने शूटिंग शुरू की है, तब से मैं ऐसे ही कर रहा हूं। मैं निशाना साधते समय अपनी सांसों को नियंत्रित रखने और मानसिक तौर पर तैयार होने के लिए पूरा समय लेता हूं, जब मैं तैयार हो जाता हूं तब ट्रिगर दबाता हूं। मैं जल्दबाजी नहीं करता हूं। इसके मुझे अच्छे रिजल्ट मिलते हैं। हालांकि मैंने 2018 में अपने शूटिंग स्टाइल में कुछ बदलाव किए थे लेकिन मनमाफिक परिणाम नहीं मिले और मैं फिर से अपने मूल स्टाइल पर लौट आया।”

  • घर जैसी फीलिंग सकारात्मक थी

इस भारतीय निशानेबाजों ने डॉ. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में पर मिले घरेलू समर्थन का खूब लुत्फ उठाया। इस बारे में उन्होंने कहा, “घरेलू दर्शकों का समर्थन जबर्दस्त था। जिस तरह से वे समर्थन कर रहे थे, तो उससे उत्साह बढ़ रहा था और अच्छा महसूस हो रहा था कि अपने लोग पीछे से देख रहे हैं, वे रोमाचिंत हो रहे हैं। इसके अलावा ढोल बजने से एक अलग ही घर की फील आ रही थी और सबकुछ सामान्य लग रहा था। लेकिन मन में यही था कि अपनी शूटिंग में ज्यादा ध्यान देना है। ऐसा अगर कहीं विदेश में होता तो शायद थोड़ा नर्वस होता लेकिन घर पर था यह सकारात्मक लगा।” शूटिंग के दौरान शोर-शराबे से ध्यान भटकने के सवाल पर उन्होंने कहा, “कभी-कभी होता है अगर आपका ध्यान पीछे की तरफ चला जाए तो शॉट निशाने से भटक जाता है।”

  • स्टैडिंग पोजिशन फेवरेट है

थ्री पोजिशन शूटिंग के दौरान स्टैडिंग पोजिशन उनकी सबसे पसंदीदा है, क्योंकि इसके दम पर वह मुश्किल हालत से कई बार वापसी करके पोडियम तक पहुंच चुके हैं। ऐसा हाल में दिल्ली में सम्पन्न वर्ल्ड कप फाइनल के दौरान भी हुआ, जब वह पिछड़ रहे थे और स्टैडिंग पोजिशन पर आने के बाद आगे बढ़ते चले गए और कांस्य पदक जीतने सफल हुए। उन्होंने कहा, “जब मैंने नीलिंग (घुटने के बल शूटिंग) खत्म किया और उस समय मेरी पोजिशन अनाउंस हुई थी तब मुझे पता था कि मैं उससे भी नीचे हूं। तब लगा कि मुझे खुद को आगे बढ़ाना है और साथ ही जैसे-जैसे शॉट अच्छे लगते जा रहे थे, उससे कॉन्फिडेंस बढ़ रहा था। जिस पोजिशन पर मैं खड़ा तो वो मेरी फेवरेट पोजिशन है, स्टैडिंग पोजिशन। मैंने काफी बार स्टैडिंग पोजिशन के जरिये अपनी स्थिति को सुधारा है। जैसे-जैसे शॉट लग रहे थे तो मुझे लग रहा था कि मैं अपनी स्थिति सुधार लूंगा। मैं सिल्वर को लक्ष्य कर रहा था क्योंकि स्वर्ण पदक को पहुंच से बाहर था लेकिन अंतिम शॉट खराब लगा, जिस कारण कांसा मिला।” 

  • दुर्घटना से तैयारियों को झटका लगा

अखिल इस साल की शुरुआत में दिल्ली में दुर्घटना के शिकार हुए थे, जिसमें बाएं हाथ में चिप फ्रैक्चर हो गया और वह नेशनल सिलेक्शन ट्रायल में उम्मीदों के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए थे। इस बारे में उन्होंने बताया, “इस साल नेशनल सिलेक्शन ट्रायल से पहले मैं बहुत अच्छा कर रहा था। लेकिन मैं ट्रायल से दस दिन पहले दिल्ली में हुई एक दुर्घटना का शिकार हो गया था, जिससे बाएं हाथ में चिप फ्रैक्चर हो गया था और यही कारण था कि मैं ज्यादा अच्छी तैयारी नहीं कर सका और सीधे ट्रायल में उतर गया। लिहाजा मेरा प्रदर्शन उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहा था।”

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