- दिल्ली सॉकर एसोसिएशन की अनुशासन समिति ने 29 नवंबर को खेले गए मैच में फ्रैंड्स यूनाइटेड और यूनाइटेड भारत के खिलाड़ियों के बीच हुए घमासान पर फैसला सुनाया
- क्लब अधिकारियों ने मैदान पर हुई हिंसा को रोकने और अपने खिलाड़ियों को समझाने की बजाय भड़काने वाला काम किया
- फ्रैंड्स यूनाइटेड के लिए तीन खिलाड़ियों और टीम मैनेजर बिजेंद्र प्रसाद तथा यूनाइटेड भारत के दो खिलाड़ियों और उसके टेक्निकल डायरेक्टर शंकर राय चौधरी को फसाद की जड़ माना है
- फ्रैंड्स यूनाइटेड के अभय सिंह दसिला, आदित्य कुमार और महीप अधिकारी तथा यूनाइटेड भारत के सौरभ चौधरी एवं मिलोन सरदार को 29 नवंबर से छह महीने के लिए देश की तमाम फुटबॉल गतिविधियों से प्रतिबंधित किया गया है
- बिजेंद्र प्रसाद और शंकर राय चौधरी भी छह महीने तक दिल्ली लीग से बाहर रहेंगे
- दोनों टीमों पर 10-10 हजार का जुर्माना भी किया गया है और फ्रैंड्स यूनाइटेड को उसके खिलाड़ियों की हिंसा में घायल हुए यूनाइटेड भारत के खिलाड़ियों के इलाज में खर्च राशि का भी भुगतान करना होगा
राजेंद्र सजवान
दिल्ली सॉकर एसोसिएशन की अनुशासन समिति ने डीएसए दिल्ली प्रीमियर लीग में फ्रैंड्स यूनाइटेड और यूनाइटेड भारत के बीच खेले गए मैच में हुई हिंसा और खून-खराबे को लेकर एक ऐसा ऐतिहासिक फैसला लिया है जिसकी डीएसए की सदस्य इकाइयों और फुटबॉल प्रेमियों द्वारा सराहना हो रही है। उल्लेखनीय है कि 29 नवंबर को खेले गए मैच में फ्रैंड्स यूनाइटेड और यूनाइटेड भारत के खिलाड़ियों के बीच जमकर घमासान हुआ था।
दोनों रफ के खिलाड़ियों ने रैफरी-लाइंसमैन और आयोजन समिति की एक नहीं सुनी। हैरानी वाली बात यह रही कि क्लब अधिकारियों ने भी विवाद को रोकने और अपने खिलाड़ियों को समझाने की बजाय भड़काने वाला काम किया। मैच रैफरी और मैच कमिशनर की रिपोर्ट, उपलब्ध साक्ष्यों और वीडियो रिकॉर्डिंग के आधार पर अनुशासन समिति के सदस्यों जगदीश मल्होत्रा, राजेंद्र सजवान; लीग सब कमेटी के चेयरमैन बिक्रमजीत पुरकायस्थ, कन्विनर हरगोपाल, हाफिज शाहिद, राजेश झिजरिया, भोलानाथ कर्मारकर और डीएसए सचिवालय के पीयूष काम्बोज, लक्ष्य बेरी और एकलव्य सिंह ने एक राय से दोषी खिलाड़ियों और टीम प्रशंसकों के आचरण को गंभीरता से लिया और फ्रैंड्स यूनाइटेड के लिए तीन खिलाड़ियों और टीम मैनेजर बिजेंद्र प्रसाद तथा यूनाइटेड भारत के दो खिलाड़ियों और उसके टेक्निकल डायरेक्टर शंकर राय चौधरी को फसाद की जड़ माना है।
नतीजन, फ्रैंड्स यूनाइटेड के अभय सिंह दसिला, आदित्य कुमार और महीप अधिकारी तथा यूनाइटेड भारत के सौरभ चौधरी एवं मिलोन सरदार को 29 नवंबर से छह महीने के लिए देश की तमाम फुटबॉल गतिविधियों से प्रतिबंधित किया गया है। बिजेंद्र प्रसाद और शंकर राय चौधरी भी छह महीने तक दिल्ली लीग से बाहर रहेंगे। दोनों टीमों पर 10-10 हजार का जुर्माना भी किया गया है। समिति के फैसले के अनुसार, फ्रैंड्स यूनाइटेड को उसके खिलाड़ियों की हिंसा में घायल हुए यूनाइटेड भारत के खिलाड़ियों के इलाज में खर्च राशि का भी भुगतान करना होगा। अनुशासन समिति के अनुसार, दिल्ली लीग में अनुशासनहीनता बढ़ रही है, जिसे रोकने के लिए और हिंसा पर रोक लगाने के लिए आगे भी कठोर कार्यवाही की जाएगी।
अनुज गुप्ता ने सराहा : विदेश से लौटने के दौरान फ्लाइट पकड़ने से पहले डीएसए अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने अनुशासन समिति, आयोजन समिति और डीएसए सचिवालय के सदस्यों द्वारा लिए गए फैसले को सराहा और कहा कि डीएसए को यादि फुटबॉल को बचाना है तो कुछ ठोस कदम उठाने पड़ेंगे l हिंसा करने वाले क्लबों की उन्होंने निंदा की और कहा कि तमाम दोषियों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए ताकि फिर कोई हादसा ना हो l उन्होंने रैफरियों को समुचित सुरक्षा देने की भी बात कही।