नई दिल्ली मैराथन 2025 में प्रतिभागियों को मेट्रो से मिला धोखा

  • भारत की आधिकारिक राष्ट्रीय मैराथन को लेकर आयोजक एनईबी स्पोर्ट्स और उसकी सहयोगी दिल्ली मेट्रो बनी अव्यवस्था की वजह

अजय नैथानी

कल रविवार को नई दिल्ली मैराथन 2025 का आयोजन बड़ी धूमधाम से हो गया, जिसमें लगभग 27 हजार धावक राजधानी की सड़कों में दौड़े। भारत की आधिकारिक राष्ट्रीय मैराथन को लेकर आयोजक एनईबी स्पोर्ट्स और उनके सहयोगियों ने पूरी तैयारी का दावा किया था, जिसके परिणामस्वरूप यह दौड़ सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गई। लेकिन कुछ ऐसे वादे थे जो केवल प्रचार और प्रसार करते हुए साफ दिखाई दिए। इनमें एक ऐसा वादा दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (दिल्ली मेट्रो) का भी था, जो कई धावकों के लिए ऊहापोह की स्थिति पैदा करने वाला था, जिसे इस संवाददाता ने बतौर एक साधारण धावक महसूस किया और सहूलियत की बजाय उसे कठिनाई का सामना करना पड़ा।

   इस प्रतिष्ठित आयोजन से पहले दिल्ली मेट्रो ने बड़ी धूमधाम से तैयारी की घोषणा की थी, जिसकी पुष्टि धावकों मिला आयोजकों का वो ई-मेल करता है, जिसमें लाल अक्षरों से साफ तौर पर लिखा गया है कि दिल्ली मेट्रो सर्विस रविवार की सुबह तड़के तीन बजे से उपलब्ध होगी और टिकट लेने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि बिब में दो बारकोड चिपके हुए थे। लेकिन ई-मेल पर भरोसा करके जब यह संवाददाता अपनी दौड़ के लिए सुबह छह बजे घर से निकाला और अपने नजदीकी मेट्रो स्टेशन पहुंचा, तो देखा कि ईस्ट विनोद नगर/मयूर विहार फेस-2 मेट्रो स्टेशन के सभी गेट बंद थे और कोई भी लिफ्ट चालू नहीं थी। उस दौरान मेट्रो स्टेशन के नीचे भटकते हुए इस संवाददाता को दो और प्रतिभागी मिले, जो इस बात से खिन्न थे कि गेट क्यों नहीं खुले हैं, जबकि ई-मेल के मुताबिक मेट्रो की सर्विस सुबह तड़के तीन बजे से शुरू हो जानी चाहिए थी।

   बहरहाल, गेट खुले सुबह सात बजे से। जब इस बारे में स्थानीय मेट्रो कर्मचारियों से पूछा गया, तो उनका जवाब था कि हमारे पास सुबह सात बजे गेट खोलने का आदेश था। उनके अनुसार, केवल कुछ ही लाइनों को खोलने की आदेश है, क्या प्रतिभागी पहले की और तरीके से उन लाइन तक पहुंचे और फिर मेट्रो पकड़े? इसका मतलब है कि मेट्रो शीर्ष प्रबंधन यह मानकर चल रहा था कि केवल इन गिनी-चुनी लाइनों – येलो, ब्लू और वॉइलेट – पर पड़ने वाले स्टेशनों से ही प्रतिभागी स्टेडियम पहुंचेंगे। इस तरह कई प्रतिभागी ठगा महसूस कर रहे होंगे, क्योंकि उन्हें अपनी वैकल्पिक व्यवस्था करके आयोजन स्थल जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम तक पहुंचाना पड़ा। इस संवाददाता को भी अपनी दौड़ के लिए समय पर पहुंचने के लिए कैब करनी पड़ी, क्योंकि वो अगर दिल्ली मेट्रो के भरोसे रहता तो मेट्रो में ही दौड़ रहा होता। हालांकि वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन 2023 के दौरान इस तरह की दिक्कत नहीं आई थी, क्योंकि उस समय दिल्ली मेट्रो के इंतजाम बेहतर थे।  

   इस असुविधा के लिए कौन जिम्मेदारी है एनईबी स्पोर्ट्स या दिल्ली मेट्रो? इसमें प्रतिभागियों की क्या गलती है? क्या उनका आयोजकों और दिल्ली मेट्रो पर भरोसा करना गलत था? इसका जवाब एनईबी स्पोर्ट्स या दिल्ली मेट्रो के पास होगा और उन्हें बताना भी चाहिए।

1 thought on “नई दिल्ली मैराथन 2025 में प्रतिभागियों को मेट्रो से मिला धोखा”

  1. Devi Krishan Sharma

    It was an astonishing experience which I had also encountered. As early at about 6:25AM, when I reached at the East Vinod Nagar Mayur Vihar Phase II Metro station to board the Metro for reaching the JLN station I found all the doors of station closed. I also saw one another man in the same situation. Later on one another person Metro seeker came he also experienced same situation. At last at about 7:00 O’clock the doors of said Metro station opened. It is difficult to narrate all that what was going on in my mind at that time. Arrangement could have been well planned and prepared.
    Devi Krishan Sharma

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