- सीआईएसएफ प्रोटेक्टर्स ने ऑल इंडिया पुलिस फुटबॉल चैंपियनशिप में मैदान मार कर दिल्ली की शान बढ़ाई है
- 31 साल बाद इस ऐतिहासिक जीत का श्रेय सभी खिलाड़ियों और कोच अजित को जाता है
- डीआईजी जितेंद्र राणा की सबसे बड़ी भूमिका इसलिए है क्योंकि उन्होंने एक कमजोर यूनिट को मजबूती प्रदान करने और चैंपियन बनाने में अहम रोल अदा किया है
राजेंद्र सजवान
दिल्ली की फुटबॉल मैदानों की अनुपलब्धता के कारण भले ही रेंग-रेंग कर चल रही है लेकिन सीआईएसएफ प्रोटेक्टर्स (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) ने ऑल इंडिया पुलिस फुटबॉल चैंपियनशिप में मैदान मार कर दिल्ली की शान बढ़ाई है। हाल ही में आयोजित पुलिस फुटबॉल में जीत का परचम फहरा कर सीआईएसएफ प्रोटेक्टर्स ने 31 साल बाद इतिहास दोहराया है। बेशक़, इस जीत का श्रेय सभी खिलाड़ियों और कोच अजित को जाता है लेकिन इस कामयाबी के पीछे एक ऐसी ताकत छिपी है, जिसे मैदान में देखकर हर खिलाड़ी अपना श्रेष्ठ देने के लिए विवश हो जाता है। वह शख्स और कोई नहीं विभाग के डीआईजी जितेंद्र राणा हैं। जितेंद्र राणा की सबसे बड़ी भूमिका इसलिए है क्योंकि उन्होंने एक कमजोर यूनिट को मजबूती प्रदान करने और चैंपियन बनाने में अहम रोल अदा किया है।
अधिकाधिक युवा खिलाड़ियों की भर्ती से लेकर उनकी खाद खुराक और मैदानी प्रदर्शन पर राणा पैनी नजर रखते हैं। अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद समय निकालते हैं और हर मैच में मौजूद रहते हैं। फुटबॉल से उनका लगाव हमेशा से रहा है क्योंकि वे खुद भी राष्ट्रीय स्तर के बेहतरीन खिलाड़ी रहे हैं। राणा दिल्ली के नामी क्लब शिमला यंग्स के लिए भी खेल चुके हैं। कोच अजित के अनुसार राणा सर खेल की बारीकी और खिलाड़ियों के कौशल और खामियों को बखूबी समझते हैं। यही कारण है कि देश भर की नामी पुलिस टीमों पर श्रेष्ठता दर्ज कर खिताब जीतने में कामयाबी मिली है। अन्य खेलों को भी डिपार्टमेंट हर संभव बढ़ावा दे रहा है।
पुलिस फुटबॉल में सीआईएसएफ ने असम पुलिस, दिल्ली पुलिस, लक्षदीव, तमिलनाडु, सीआरपीएफ और फाइनल में सीमा सुरक्षाबल को हराकर खिताब जीता। तारीफ की बात यह है कि श्रेष्ठ खिलाड़ियों से गठित आल इंडिया पुलिस टीम में छह खिलाड़ियों और कोच अजित का चयन हुआ है, जोकि विभाग के लिए बड़े गर्व की बात है। कुछ एक दिन में सीआईएसएफ प्रोटेक्टर्स के खाते में एक और बड़ी कामयाबी जुड़ने वाली है। डीएसए प्रीमियर लीग में यह टीम लीग ख़िताब जीतने के एकदम करीब है। यदि कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ तो सीआई एसएफ दिल्ली फुटबाल का निर्विवाद विजेता भी बन जाएगा।