फिर अध्यक्ष बने सुधांशु, 2032 ओलम्पिक में खो खो के शामिल होने का दावा किया
- खो खो फेडरेशन ऑफ इंडिया (केकेएफआई) के चुनाव में उपकार सिंह विर्क महासचिव चुने गए जबकि गोविंद शर्मा कोषाध्यक्ष होंगे
राजेंद्र सजवान
भारतीय खो खो फेडरेशन का फिर से अध्यक्ष चुने जाने के बाद सुधांशु मित्तल ने आत्मविश्वास के साथ कहा कि भारत को 2036 की ओलम्पिक मेजबानी मिलने से पहले उनका खेल ओलम्पिक में शामिल हो जाएगा। सुधांशु मित्तल ने ओलम्पिक 2036 की मेजबानी भारत को मिलने का दावा किया। साथ ही कहा कि दुनिया के लगभग 70-80 देश खो खो को गंभीरता से खेल रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि 2032 के ओलम्पिक में विशुद्ध भारतीय खेल खो खो भी शामिल हो जाएगा। फेडरेशन चुनाव में उपकार सिंह विर्क महासचिव चुने गए। खो खो फेडरेशन ऑफ इंडिया (केकेएफआई) ने राष्ट्रीय राजधानी में केकेएफआई मुख्यालय में चुनावों के सफल आयोजन के बाद आधिकारिक तौर पर अपनी नई शासी संस्था की घोषणा की। चुनावों की देखरेख जिला न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) डॉ. कामिनी लाउ ने की, जो रिटर्निंग ऑफिसर थीं। गोविंद शर्मा को नई व्यवस्था का कोषाध्यक्ष चुना गया। उपकार सिंह विर्क पिछली शासी संस्था में संयुक्त सचिव के रूप में कार्यरत थे, जबकि गोविंद शर्मा उसी में कार्यकारी सदस्य थे।
घोषणा के बाद बोलते हुए,सुधांशु मित्तल ने कहा, “एक बार फिर से भारतीय खो-खो महासंघ का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी मिलना सम्मान की बात है। पिछले कुछ वर्षों में, हमने खेल की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय छवि को ऊपर उठाने के लिए अथक प्रयास किया है। यह नया जनादेश हमें खो-खो की वैश्विक मान्यता और संस्थागत विकास के लिए हमारे दृष्टिकोण को गति देने के लिए प्रेरित करता है।”
नए निकाय ने आठ उपाध्यक्ष, चार संयुक्त सचिव और 13 कार्यकारी सदस्यों का भी चुनाव किया। अश्विनी बिपिन पाटिल और मोनिका शासी निकाय में एथलीट आयोग का प्रतिनिधित्व करेंगे। नए महासचिव उपकार सिंह विर्क ने खेल के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा, “खो-खो हमारी संस्कृति में निहित है, और इसे एक आधुनिक, वैश्विक खेल में बदलना हमारी पहुंच में है। हमारा ध्यान संरचित विकास, खेल के आधार का विस्तार करने और महासंघ के संचालन में पारदर्शिता और दक्षता लाने पर होगा।”
- शासी निकाय के सदस्य
उपाध्यक्ष
1. भवर सिंह पलारा (राजस्थान)
2. कल्याण चटर्जी (पश्चिम बंगाल)
3. कमलजीत अरोरा (छत्तीसगढ़)
4. लोकेश्वर (कर्नाटक)
5. एन मधुसूदन सिंह (मणिपुर)
6. एम. सीता रामी रेड्डी (आंध्र प्रदेश)
7. प्रद्युम्न मिश्रा (ओडिशा)
8. राजीब प्रकाश बरुआ (असम)
- संयुक्त सचिव
1. ए नेल्सन सैमुअल (तमिलनाडु)
2. एल.आर.वर्मा (हिमाचल प्रदेश)
3. संजय यादव (मध्य प्रदेश)
4. सुनील के. नाइक (गोवा)
- कार्यकारी सदस्य
1. अमरिंदर पाल सिंह (जम्मू और कश्मीर)
2. अनुप चक्रवर्ती (सिक्किम)
3. बिजन कुमार दास (पश्चिम बंगाल)
4. गुरचंद सिंह (पंजाब)
5. एम.वी.एस.एस. प्रसाद (आंध्र प्रदेश)
6. नीरज कुमार (बिहार)
7. एन. कृष्णमूर्ति (तेलंगाना)
8. प्रमोद कुमार पांडे (डीएंडएनएच और डीडी)
9. पुटो बुई (अरुणाचल प्रदेश)
10. रजत शर्मा (उत्तरांचल)
11. संजीव शर्मा (चंडीगढ़)
12. संतोष प्रसाद (झारखंड)
13. सूर्य प्रकाश खत्री (दिल्ली)
केकेएफआई ने निवर्तमान महासचिव डॉ. एमएस त्यागी के प्रयासों को मान्यता दी, जिन्हें केकेएफआई के प्रशासन और संगठनात्मक अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया है। श्री मित्तल ने एम एस त्यागी क़े योगदान कि जम कर तारीफ की और कहा कि खो खो आज जहाँ है, उसे यहाँ तक पहुंचाने में त्यागी और उनकी टीम का बड़ा योगदान रहा है।