October 12, 2025

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कार्ल लुईस बोले, भारत को ट्रैक एंड फील्ड में शक्ति बनने के लिए मजबूत खेल संस्कृति और बुनियादी ढांचे की जरूरत

  • महान एथलीट कार्ल लुईस का मानना है कि जमैकन स्प्रिंटर उसैन बोल्ट के विश्व रिकॉर्ड (100 मीटर और 200 मीटर में) लंबे समय तक बने रहेंगे
  • डोपिंग को लेकर लुईस ने कहा कि धोखाधड़ी करने वालों पर भारी जुर्माना लगाया जाना चाहिए ताकि वे सफलता के लिए शॉर्टकट अपनाने से बच सकें
  • लुईस ने वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन के बारे में कहा कि  विश्व एथलेटिक्स गोल्ड लेबल रोड से मान्यता प्राप्त यह रेस बाधाओं को तोड़कर सांस्कृतिक बदलाव लाने का जरिया है जो सभी क्षेत्रों के लोगों को एक साथ लाता है

संवाददाता

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर 2025: महान एथलीट कार्ल लुईस इन दिनों वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन (वीडीएचएम) 2025 के अंतरराष्ट्रीय इवेंट एम्बेसडर के तौर पर राजधानी दिल्ली में हैं और नौ बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता का मानना है कि भारत को ट्रैक एंड फील्ड में शक्ति बनने के लिए खेल संस्कृति और बुनियादी ढांचा विकसित करना होगा।

   शुक्रवार को नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान लुईस ने भारत को लेकर एक सवाल पर कहा, “होता यह है कि आप एक संस्कृति से शुरुआत करते हैं और फिर बुनियादी ढांचा बनाते हैं। भारत को कॉर्पोरेट प्रायोजन और सरकारी सहायता के माध्यम से किसी न किसी तरह निवेश करना होगा। उन्हें अपने बच्चों पर निवेश करना होगा और उनका विकास करना होगा।”

   साल 2014 से ह्यूस्टन विश्वविद्यालय में मुख्य ट्रैक एंड फील्ड कोच इस दिग्गज अमेरिकी स्प्रिंटर ने आगे कहा, “भारत में खेलों में एक शक्ति बनने के लिए पर्याप्त प्रतिभा है। मेरे हिसाब से, बुनियादी ढांचे की कमी है। समग्र रूप से भारत को युवाओं के लिए अपना बुनियादी ढांचा बनाने की जरूरत है। और जैसे-जैसे ये युवा सफल होंगे, लोग इसे देखेंगे और वे उस सफलता का अनुकरण करना चाहेंगे।” उन्होंने कहा, “अमेरिका में एएयू और यूएसएटीएफ नाम से युवा कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं जो कि अद्भुत हैं, और फिर उनके पास कॉलेजिएट प्रणाली है, जो अद्भुत है, जो पहले से ही स्थापित है, इसलिए हमें सफलता मिली है, क्योंकि हमारे पास ये संस्थान हैं।”

   महान एथलीट कार्ल लुईस का मानना है कि कि उसैन बोल्ट के विश्व रिकॉर्ड लंबे समय तक बरकरार रहेंगे। जमैकन स्प्रिंटर बोल्ट ने 100 मीटर और 200 मीटर में रिकॉर्ड के फर्राटा दौड़ में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि कोई भी निकट भविष्य में बोल्ट के इन रिकॉर्ड को तोड़ पाएगा। मुझे तो फिलहाल ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगता (कि कोई 9.58 सेकंड के 100 मीटर विश्व रिकॉर्ड को तोड़ सकता है)।” उन्होंने कहा, “संभवतः 200 मीटर में बेहतर (19.19 सेकंड के विश्व रिकॉर्ड तोड़ने का) मौका हो सकता है। मुझे लगता है कि 200 मीटर का उनका विश्व रिकॉर्ड तोड़ा जा सकता है लेकिन 100 मीटर का रिकॉर्ड फिलहाल दूर की कौड़ी है।”

   लुईस ने डोपिंग में धोखाधड़ी को लेकर अपने विचार रखते हुए कहा कि ऐसा करने वालों पर भारी जुर्माना लगाया जाना चाहिए ताकि वे सफलता के लिए शॉर्टकट अपनाने से बच सकें। उन्होंने कहा, “मेरे हिसाब से, उन्हें (डोप परीक्षण अधिकारियों को) डोप धोखाधड़ी करने वालों पर आर्थिक रूप से शिकंजा कसना चाहिए। यह स्पष्ट होना चाहिए कि जब तक धोखाधड़ी करने वाला खिलाड़ी मोटा जुर्माना नहीं भरता तब तक उसका प्रतिबंध समाप्त नहीं होना चाहिए।”

   विश्व एथलेटिक्स गोल्ड लेबल रोड से मान्यता प्राप्त इस रेस के बारे में लुईस ने कहा कि वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन सिर्फ प्रतिस्पर्धा से कहीं बढ़कर है। यह बाधाओं को तोड़कर सांस्कृतिक बदलाव लाने का जरिया है जो सभी क्षेत्रों के लोगों को एक साथ लाता है। बकौल उनके, “बाधाओं को तोड़ना ही वेदांत दिल्ली हाफ मैराथन का मूल है। यह विशिष्ट इसलिए है क्योंकि यह न सिर्फ बाधाएं तोड़ती है बल्कि खेल के माध्यम से सांस्कृतिक बदलाव को भी प्रेरित करती है। जब शौकिया धावक ओलंपिक चैंपियनों के साथ दौड़ते हैं, तो यह दर्शाता है कि दौड़ना कैसे सभी क्षेत्रों के लोगों को एकजुट कर सकता है। हर धावक कह ​​सकता है, ‘मैं उसके साथ दौड़ा, मैं उसके साथ दौड़ा,’ और यह अनुभव वाकई प्रेरणादायक है। वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन समावेशिता, दृढ़ता और हर कदम के साथ बदलाव लाने की शक्ति के बारे में है।”

   जैसा कि आप जानते हैं कि कार्ल लुईस का एथलेटिक्स करियर अभूतपूर्व रहा है जो कि खिलाड़ियों और प्रशंसकों की पीढ़ियों को समान रूप से प्रेरित करता रहा है। उन्होंने 1984 से 1996 तक चार ओलंपिक खेलों में भाग लिया और नौ स्वर्ण पदक जीते – आधुनिक ओलंपिक इतिहास में किसी भी ट्रैक और फील्ड एथलीट द्वारा जीते गए सबसे ज्यादा पदक। लॉस एंजिल्स में 1984 में उनके प्रदर्शन ने जेसी ओवेन्स के 1936 के शानदार प्रदर्शन की याद दिलाई, जिसमें उन्होंने 100 मीटर, 200 मीटर, लंबी कूद और 4×100 मीटर रिले में स्वर्ण पदक जीते। लुईस ने सियोल 1988 के 100 मीटर फाइनल में विश्व रिकॉर्ड तोड़ा, लंबी कूद में 8.67 मीटर की छलांग लगाई और बार्सिलोना 1992 में अमेरिकी विश्व रिकॉर्ड 4×100 मीटर रिले टीम का नेतृत्व किया, और अटलांटा 1996 में लगातार चौथे अभूतपूर्व लंबी कूद स्वर्ण पदक के साथ अपने करियर का समापन किया।

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