जनवरी 2026 में अखाड़े में वापसी करेगी प्रो रेसलिंग लीग
- डब्लूएफआई के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह के अनुसार, यह लीग पूर्व की तरह ही भारतीय पहलवानों को बड़ा मंच प्रदान करेगी
- साल 2019 में सफल आयोजन के बाद पीडब्लूएल की छह साल के बाद वापसी करने जा रही है
- आयोजकों का इरादा इस बार आईपीएल जैसे मॉडल की तरह कुश्ती की लीग को चलाना है
- डब्लूएफआई के अध्यक्ष संजय सिंह ने पीडब्लूएल के पार्ट 2 के लिए प्रमोटरों के साथ एक मेमोरेंडम पर हस्ताक्षर किए
- पीडब्लूएल पार्ट 2 के मुकाबले जनवरी के दूसरे या तीसरे हफ्ते में दिल्ली में खेले जाएंगे
संवाददाता
नई दिल्ली, 1 नवंबर, 2025: प्रो रेसलिंग लीग (पीडब्लूएल) छह साल के बाद अखाड़े पर वापसी करने जा रही है। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्लूएफआई) ने शनिवार को इसकी घोषणा की और राजधानी दिल्ली में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में डब्लूएफआई के अध्यक्ष संजय सिंह ने पीडब्लूएल के पार्ट 2 के लिए प्रमोटरों के साथ एक मेमोरेंडम पर हस्ताक्षर किए। इसके साथ ही 2019 के सफल सीजन के बाद अब प्रो रेस्लिंग लीग साल 2026 में एक नए जोश और ऊर्जा के साथ लौट रही है। इस बार पीडब्ल्यूएल को एक मजबूत सार्वजनिक-निजी साझेदारी मॉडल के तहत आयोजित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य भारतीय पहलवानों को वैश्विक मंच देना, देश के ओलम्पिक सपनों को नई दिशा देना और भारतीय कुश्ती की ‘मातृ शक्ति’ को सशक्त बनाना है। यह लीग जनवरी 2026 के दूसरे या तीसरे हफ्ते से आयोजित की जाएगी।
आज आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्लूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। उन्होंने भारतीय कुश्ती के इस नए अध्याय की औपचारिक शुरुआत की और कहा कि यह पहल पूर्व की तरह ही भारतीय पहलवानों को बड़ा मंच प्रदान करेगी।

भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष श्री संजय कुमार सिंह ने कहा कि प्रो रेसलिंग लीग 2026 हमारे नए ओलंपिक, एशियाई खेलों और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के पदक विजेताओं की नर्सरी बनेगी। साथ ही, यह पहल हमारी ‘मातृ शक्ति’ को भी नई दिशा देगी, जिससे महिला पहलवानों को बराबरी का सम्मान, अवसर और निवेश मिल सके। हमारा उद्देश्य है कि भारत की बेटियाँ आने वाले वर्षों में अंतरराष्ट्रीय मंच पर कुश्ती की नई पहचान बनें।
लीग का एक प्रमुख उद्देश्य लैंगिक समानता ( जेंडर इक्वलिटी) को बढ़ावा देना है। यह लक्ष्य उस वैश्विक बदलाव के अनुरूप है, जो हाल ही में 2024 पेरिस ओलंपिक में महिला पहलवानों की ऐतिहासिक उपलब्धियों से साफ झलकता है। भारतीय महिला पहलवानों ने पिछले कुछ वर्षों में लगातार शानदार प्रदर्शन किया है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए सबसे अधिक पदक जीतने में अग्रणी भूमिका निभाई है। प्रो रेसलिंग लीग का यह नया अध्याय महिलाओं की इस सफलता को और मजबूती देगा, ताकि वे आने वाले समय में भारतीय कुश्ती की असली पहचान बन सकें।

इस लीग में भारत के शीर्ष पहलवानों के साथ-साथ रूस, कज़ाखस्तान और अन्य कुश्ती महाशक्तियों के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भी हिस्सा लेंगे। इससे प्रतियोगिता का स्तर और ऊंचा होगा तथा भारतीय पहलवानों को विश्वस्तरीय अनुभव प्राप्त होगा। यह मंच उन्हें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पहलवानों के साथ मुकाबला करने और अपनी प्रतिभा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साबित करने का अवसर देगा।
लीग की संरचना पर बात करते हुए प्रो रेसलिंग लीग के चेयरमैन और प्रमोटर दयान फ़ारूक़ी ने कहा कि प्रो रेसलिंग लीग को एक फ्रेंचाइज़ी-आधारित प्रीमियर मॉडल के रूप में तैयार किया गया है। हमारा उद्देश्य ऐसा मंच बनाना है जहां निजी कंपनियां और निवेशक अपनी-अपनी टीमें बना सकें, ठीक वैसे ही जैसे अन्य सफल स्पोर्ट्स लीगों में देखा गया है। यह ढांचा कुश्ती को एक स्वावलंबी और व्यावसायिक रूप से सशक्त खेल के रूप में स्थापित करेगा, जिससे इस खेल की प्रतिष्ठा और दीर्घकालिक विकास दोनों सुनिश्चित होंगे।

प्रो रेसलिंग लीग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अखिल गुप्ता ने पहलवानों की वित्तीय सुरक्षा को लेकर लीग के खिलाड़ी-केंद्रित मॉडल की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य एक पहलवान के जीवन को पूरी तरह बदलना है। पीडब्लूएल के माध्यम से हम ऐसा मजबूत आर्थिक ढांचा बना रहे हैं, जिसमें पहलवानों को पेशेवर एथलीटों के रूप में उनका उचित सम्मान और आर्थिक स्थिरता दोनों मिले। निश्चित कॉन्ट्रैक्ट, लीग-स्तरीय इन्सेंटिव और फ्रेंचाइज़ी साझेदारी के जरिये हम उन्हें ऐसी वित्तीय स्थिरता देंगे, जिससे हमारे चैंपियन आर्थिक चिंताओं से मुक्त होकर सिर्फ भारत के लिए पदक जीतने पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
प्रो रेसलिंग लीग के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर मिस्टर सुमित दुबे, इन महत्वपूर्ण साझेदारियों को बनाने का जिम्मा संभालेंगे। उनका मुख्य ध्यान पूरे ऑपरेशन (संचालन) पर और कॉर्पोरेट जगत के साथ जुड़कर फ्रेंचाइजी और प्रायोजकों को लीग में लाने पर होगा। यह लीग की व्यावसायिक सफलता और व्यापक लोकप्रियता सुनिश्चित करेगा।


वरिष्ठ पत्रकार
