खेल प्रतिनिधि
भारत में तेजी से लोकप्रिय हो रही पेशेवर मुक्केबाजी (प्रो.बॉक्सिंग) उन मुक्केबाजों के लिए शानदार प्लेटफार्म साबित हो रहा है, जोकि गैर पेशेवर वर्ग में नाकाम रहे हैं या जिन्हें गंभीर चोट के चलते रिंग से हटना पड़ा। ऐसे ही कुछ मुक्केबाजों ने आज यहां राजधानी के प्रेस क्लब में आयोजित एक सम्मेलन में बताया कि प्रो मुक्केबाजी से जुड़ कर वे अपने मुक्केबाजी करियर को सुरक्षित देख रहे हैं।
इंग्लैंड और अमेरिका में प्रो मुक्केबाजी को प्रोमोट करने वाले भारतीय पाम गोराया का मानना है कि भारत में प्रो मुक्केबाजी के लिए पर्याप्त संभावनाएं हैं। उन्हें भारत में WWE स्टार दलीप सिंह, द ग्रेट खली का समर्थन प्राप्त है।
गोराया ने भारत के कुछ प्रतिभावान मुक्केबाजों को अंतर्राष्टरीय मुक़ाबलों में उतारने का फैसला किया है। इस प्रयास के चलते पहला बड़ा आयोजन एक मई को जालंधर स्थित ‘खली अकादमी’ में किया जाएगा, जिसमें भाग लेने वाले चार मुक्केबाजों ने मीडिया से अपने अनुभव शेयर किए और अपनी अपनी जीत के दावे किए। मुक्केबाजों को भरोसा है कि खली द ग्रेट के सामने वे अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे।
प्रो मुक्केबाजी के सबसे अनुभवी, रेलवे में कार्यरत पवन गोयत हैं। वह पहले गैर पेशेवर वर्ग में भाग लेते थे। लेकिन अब उन्हें प्रो वर्ग में मज़ा आ रहा है। अफगानिस्तान के 12वीं कक्षा के छात्र नवेद, महिला वर्ग में 19 साल की चांदनी मेहरा और सुमन कुमारी अन्य चुनौतीबाज हैं।
नवेद भारत में अफगानी रिफ्यूजी हैं और कहते हैं कि उनका अब तक का जीवन कड़े संघर्ष की कहानी है। इसी संघर्ष ने उन्हेँ नई ताकत दी है। अब वह किसी से भी नहीं डरता और किसी को भी हरा सकता है। वह खली के सामने प्रदर्शन करने के लिए उत्साहित है।
पवन की पत्नी सुमन ने आज यहां अपनी जीत का दावा किया। उसने छोटी उम्र की चांदनी को खुला चैलेंज दिया है। चांदनी ने कहा कि वह सुमन का सम्मान करती हैं लेकिन रिंग में कोई कसर नहीं छोड़ेंगी।