क्लीन बोल्ड /राजेंद्र सजवान
इस साल खेले जाने वाला फीफा विश्व कप यूरोपीय खिलाड़ियों के लिए कड़ी चुनौती पेश करेगा। कतर का मौसम उनके लिए बड़ी बाधा बन सकता है। ऐसा मानना है स्पेन के खिलाड़ी और कोच क्युबिलो फर्नांडो का, जो कि फुटबॉल प्रोत्साहन के लिए भारत दौरे पर हैं।
भारत में ग्रासरूट फुटबॉल को बढ़ावा देने और उभरते खिलाडियों को देश-विदेश की विभिन्न फुटबॉल अकादमियों में स्थान दिलाने के लिए न्यू एक्स स्पोर्ट्स और स्पेन की डेपोर्टीवो अलावेस एफसी ने एक करार पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर स्पेनिश क्लब के अंतर्राष्ट्रीय हैड और यू ई एफ ए लाइसेंस प्राप्त कोच क्युबिलो फर्नांडो ने अपने विचार रखे।
फर्नांडो खुद एक पेशेवर खिलाडी रहे हैं और अमेरिका एवं स्पेन के नामी क्लबों में खेल चुके हैं। डेपोर्टीवो की अकादमी के हैड नियुक्त किए जाने से पहले वह एफसी बार्सिलोना की विश्व प्रसिद्ध अकादमी को सेवाएं दे चुके हैं। न्यू एक्स कारपोरेशन हाउस के साथ ताज़ा अनुबंध के बाद उन्होंने मीडिया को बताया कि उनका क्लब भारत में फुटबॉल और बास्केटबॉल की संभावनाएं खोजेगा और प्रतिभावान खिलाड़ियों को स्पेन के क्लबों में स्थान दिलाने के प्रयास करेगा।
राजधानी के जीसेस एन्ड मेरी कालेज में आयोजित तीन दिवसीय स्पोर्ट्स फेस्टिवल में विशेष अतिथि बन कर आए फर्नांडो ने फुटबॉल और बास्केटबॉल की लगभग चालीस कॉलेज टीमों के प्रदर्शन को करीब से देखा और प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भारत में खिलाड़ियों की कमी नहीं है लेकिन उन्हें सही दिशा देने की जरूरत है। लड़कियों के इंटर कॉलेज टूर्नामेंट मेजबान जीसस मेरी विजेता रही जबकि बास्केटबॉल का खिताब डीएवी ने जीता।
एक सप्ताह के दौरे पर आए फर्नांडो न्यू एक्स कारपोरेशन के साथ मिल कर दिल्ली में पांच से सात दमदार फुटबॉल अकादमी बनाना चाहते हैं जिनका काम प्रगति पर है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इन अकादमियों के श्रेष्ठ खिलाडियों को विदेशों में ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसमें खेल के साथ शिक्षा भी शामिल है। उनके अनुसार आमतौर पर खिलाडी उच्च शिक्षा नहीं ले पाते लेकिन डेपोर्टीवो क्लब उन्हें अच्छा खिलाडी और इंसान बनाने के लिए दृढ़संकल्प है।
21 नवम्बर से 18 दिसंबर तक क़तर में खेले जाने वाले फीफा वर्ल्ड कप की सम्भावना के बारे में उन्होंने कहा कि यूरोप की टीमों को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है क्यूंकि क़तर का गर्म मौसम उनके खिलाड़ियों को धोखा दे सकता है। उन्हें लगता है कि अर्जेंटीना और ब्राजील जैसे लैटिन अमेरिकी देश और कुछ अफ्रीकी देश यूरोप पर भारी पड़ सकते हैं।