लात मारो ऐसी फुटबॉल को!

  • डीएसए अध्यक्ष अनुज गुप्ता डॉ. अम्बेडकर का कायाकल्प अपने प्रयासों का नतीजा बताते है, लेकिन उसकी वजह से हुए व्यवधान की गाज दिल्ली की फुटबॉल पर पड़ी है
  • 25 अप्रैल की सांय एमसीडी के पत्र से जारी फरमान के अनुसार सीनियर डिवीजन मुकाबलों के लिए अम्बेडकर स्टेडियम 15 अप्रैल से लेकर 15 मई तक उपलब्ध नहीं हो पाएगा
  • डीएसए की आयोजन समिति द्वारा 30 अप्रैल तक का कार्यक्रम तय था लेकिन एक और बड़े व्यवधान से सीनियर डिवीजन लीग में भाग लेने वाले क्लब हैरान परेशान हैं
  • लीग में भाग लेने वाले क्लब बार-बार के व्यवधानों से तंग आ गए हैं, क्योंकि कई मैदान किसी थर्ड पार्टी द्वारा किराये पर लिया जाता है तो कभी आई लीग मुकाबलों का आयोजन किया जाता है और गाज गिरती है स्थानीय फुटबॉल पर

राजेंद्र सजवान

भारत की राजधानी दिल्ली स्थित डॉ. बीआर अम्बेडकर स्टेडियम में खेली जा रही डीएसए सीनियर डिवीजन लीग पर संकट अभी टला नहीं है। भले ही लीग का कार्यक्रम अनिश्चित काल के लिए टाल दिया गया है। एक दिन पहले तक सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था। 25 अप्रैल की सांय एमसीडी के पत्र संख्या DDH/HQ2/MCD/2024-25/145 से फरमान जारी किया गया है कि सीनियर डिवीजन मुकाबलों के लिए अम्बेडकर स्टेडियम इसलिए उपलब्ध नहीं हो पाएगा क्योंकि स्टेडियम को नवरूपता देने के लिए निर्माण कार्य चल रहा है। हालांकि एमसीडी ने पहले ही दिल्ली सॉकर एसोसिएशन (डीएसए) को सूचित कर दिया था और 15 अप्रैल से लेकर 15 मई तक स्टेडियम की सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी गई थी।

   डीएसए की आयोजन समिति द्वारा 30 अप्रैल तक का कार्यक्रम तय था लेकिन एक और बड़े व्यवधान से सीनियर डिवीजन लीग में भाग लेने वाले क्लब हैरान परेशान हैं। क्लब अधिकारी न सिर्फ नाराज हैं, बल्कि अपनी पितृ संस्था से यह भी पूछ रहे हैं कि बाहरी प्रदेशों के खिलाड़ियों के रहने-खाने का खर्च कौन उठाएगा? लीग में भाग लेने वाले क्लब बार-बार के व्यवधानों से तंग आ गए हैं। कई मैदान किसी थर्ड पार्टी द्वारा किराये पर लिया जाता है तो कभी आई लीग मुकाबलों का आयोजन किया जाता है और गाज गिरती है स्थानीय फुटबॉल पर।

 

  डीएसए अध्यक्ष अनुज गुप्ता कहते हैं कि डॉ. अम्बेडकर का कायाकल्प उनके प्रयासों से हो रहा है, जिसका फायदा दिल्ली की फुटबॉल को मिलेगा। हालांकि फिलहाल स्थानीय फुटबॉल पर अम्बेडकर स्टेडियम की अनुपलब्धता भारी पड़ रही है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि डीएसए की देखरेख में स्कूल, अकादमी और क्लब स्तर पर अनेक आयोजन हो रहा हैं लेकिन लीग आयोजन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। नतीजन गुटबाजी और आरोपों-प्रत्यारोपों का दौर चल निकला है। होली और दिवाली एक साथ एक टैंट के नीचे मनाने वाले क्लब और पदाधिकारी ग्रुपों में बंटने लगे हैं।

सोशल मीडिया और डीएसए में एक-दूसरे को नीचा दिखाने की होड़ सी लगी है। इतना ही नहीं राज्य की टीमों का चयन पूरी तरह धोखाधड़ी का शिकार है और अपने अपनों को रेवड़ियां बांटने का खेल जोर-शोर से खेला जा रहा है। लेकिन अनुज गुप्ता ने ऐसी किसी प्रकार की धोखाधड़ी से साफ इंकार किया और कहा कि किसी भी टीम के चयन में पक्षपात नहीं चलेगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि एमसीडी के साथ मिलकर स्टेडियम का मामला हल कर लेंगे। वरना आयोजन अन्य मैदानों पर हो सकता है।

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