भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) के अंदर पनपे एक छोटे विद्रोह के कारण उसके अधिकारियों को आगामी वार्षिक आम बैठक (एजीएम) और चुनाव के वेन्यू को गुरुग्राम शिफ्ट करना पड़ा है। बीएफआई पुर्नर्निधारित चुनाव को गुवाहाटी में कराना चाहता था और इसके लिए 18 दिसम्बर की तारीख तय हुई थी। पहले यह एजीएम और चुनाव सितम्बर में होना था लेकिन कोरोनावायरस के कारण इसे टालना पड़ा था। अब जबकि बीएफआई को अपने ही सदस्यों का विरोध देखना पड़ा है, तो उसने झुकते हुए वेन्यू को बदलने का फैसला किया है।
दिल्ली मुक्केबाजी संघ के अध्यक्ष रोहित जैन ने कहा, ‘‘बीएफआई में कई लोग गुवाहाटी के वेन्यू के तौर पर चुने जाने से खुश नहीं थे। हमें लगता था कि वहां चीजें सही तरीके से नहीं होंगी और कुछ गड़बड़ी हो सकती है। इसीलिए मैंने इसके खिलाफ आवाज उठाई। मैं खुश हूं कि अब वेन्यू को एक तटस्थ स्थल पर शिफ्ट कर दिया गया है।’’
बीएफआई के महासचिव जय कोवली ने वेन्यू शिफ्ट होने की खबर की पुष्टि की। कोवली ने कहा, ‘‘कोरोना के कारण अधिकांश सदस्यों ने महसूस किया कि गुरुग्राम की यात्रा सुरक्षित और आसान रहेगी और इसी लिए इसे बदलने का आग्रह किया। गुवाहाटी से कनेक्टिवीटी इश्यू को देखते हुए हमने इसे प्रस्ताव को मान लिया। हम चाहते थे कि हर कोई आसानी से एजीएम तक पहुंचे और चुनाव निष्पक्ष और सही तरीके से हो सकें।’’
बीएफआई की मौजूदा एक्सक्यूटिव काउंसिल का चार साल का कार्यकाल 25 सितम्बर को समाप्त हो चुका है लेकिन इसने कोरोना को देखते हुए अपना कार्यकाल तीन महीने के लिए आगे बढ़ा लिया। यह फैसला 19 सितम्बर को हुए एक स्पेशल जनरल बॉडी मीटिंग में हुआ था। इसी मीटिंग में बीएफआई ने 2011 नेशनल स्पोटर्स कोड के अनुरूप अपने संविधान में बदलाव किया था। सरकारी मान्यता और उसके ग्रांट्स हासिल करने के लिए स्पोटर्स कोड के तहत यह बदलाव अनिवार्य था।
अध्यक्ष पद की लड़ाई में दोबारा उतरे अजय सिंह के लिए यह चुनाव काफी अहम हैं। स्पाइस जेट के प्रमुख को पहली बार 2016 में बीएफआई का अध्यक्ष चुना गया था। आने के साथ सिंह ने कई बदलावों का वादा किया था लेकिन चार साल बीत जाने के बाद भी अधिकांश वादे अधूरे ही रहे। इससे बीएफआई में एक तरह के काफी असंतोष पनपा।
बीएफआई के उपाध्यक्ष प्रो. अनिल मिश्रा ने कहा, ‘‘पिछली बार हमने अजय सिंह का साथ देकर गलती की। उन्होंने अपना कोई वादा पूरा नहीं किया और बीएफआई को वित्तीय संकट में झोंक दिया। हमे नया नेता चाहिए और वह एसा व्यक्ति होना चाहिए, जो मुक्केबाजी में फिर से स्वर्णिम दिनों की वापसी करा सके।’’ मिश्रा उत्तर प्रदेश मुक्केबाजी संघ के सचिव हैं।