क्लीन बोल्ड

बिगड़ैल भारतीय फुटबॉल के लिए सबक

राजेंद्र सजवानबिगड़ैल, गुस्सैल और तुनकमिजाज खिलाड़ियों की कुआदतों पर अंकुश लगाने के लिए यूनियन ऑफ यूरोपियन फुटबॉल (यूईएफए) ने कड़े कदम उठाने की घोषणा की है। आगामी यूरोपियन चैम्पियनशिप में खेल और खिलाड़ियों को नियंत्रित करने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि बीच मैदान में रेफरी या लाइनमैन के किसी भी फैसले पर …

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…ऐसी सरकार चाहते हैं खिलाड़ी!

राजेंद्र सजवान जब से भारत आजाद हुआ है, बहुत सी सरकारें आईं और खिलाड़ी समाज के लिए कुछ किए बिना ही चली गईं। ऐसा नहीं है कि सभी सरकारें खिलाड़ियों, खेल जानकारों और खिलाड़ियों की कसौटी पर नकारा साबित हुई। कुछ सरकारों, उनके खेल मंत्रियों, खेल मंत्रालयों, भारतीय खेल प्राधिकरण और अन्य जिम्मेदार इकाइयों ने …

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सुनील छेत्री के बाद कौन?

राजेंद्र सजवान सुनील छेत्री के बाद कौन? अब यह सवाल भारतीय फुटबॉल की सर्वोच्च प्राथमिकता बन गया है। उस भारतीय फुटबॉल की जो कि दिन पर दिन और साल दर साल आगे बढ़ने की बजाय पीछे लुढ़क रही है। जैसा कि आप जानते हैं कि वर्तमान में भारतीय फुटबॉल के सबसे बड़े स्टार खिलाड़ी संन्यास …

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ओलम्पिक कोटा जीतने के बाद भी अमन को चैन कहां?

राजेंद्र सजवान इसमें कोई दो राय नहीं है कि ओलम्पिक क्वालीफायर के जरिये खिलाड़ी देश के लिए ओलम्पिक कोटा हासिल करता है। लेकिन अनेक अवसरों पर यह नियम विवाद का कारण बनता आया है। खेल कोई भी हो, जो खिलाड़ी ओलम्पिक का पात्रता प्राप्त करता है उसे अक्सर नियमानुसार फिर से ट्रायल में उतरना पड़ता …

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सुनील श्रेष्ठ, सर्वश्रेष्ठ कदापि नहीं!

राजेंद्र सजवान सुनील छेत्री के संन्यास की घोषणा से क्रिकेट का पिछलग्गू और सोया हुआ भारतीय मीडिया यकायक जाग गया है। बेशक, सुनील एक अच्छे फुटबॉल खिलाड़ी रहे हैं और जब कभी देश को जरूरत पड़ी उसने अपना श्रेष्ठ दिया। जरूरत पड़ने पर उसने हाथ जोड़कर फुटबॉल प्रेमियों से मैदान और स्टेडियम में लौटने की …

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दिल्ली में फुटबॉल के चुगलखोर

राजेंद्र सजवान कोई माने या ना माने दिल्ली की फुटबॉल अपने अत्यंत व्यस्त दौर से गुजर रही है। कोई इस दौर को गोल्डन पीरियड कह रहा है तो दूसरा कोई चिलचिलाती धूप और तेज गर्मी से परेशान है और खिलाड़ियों के साथ अन्याय बता रहा है। कुछ सप्ताह पहले पुरुषों की प्रीमियर लीग का समापन …

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फुटबॉल में गिरावट: अनुशासनहीनता और गंभीरता की कमी

राजेंद्र सजवान भारतीय फुटबॉल आज कहां खड़ी है और क्यों अर्श से फर्श पर आ गिरी है, यह किसी से छिपा नहीं है। आपने ‘यथा राजा, तथा प्रजा’ वाली कहावत तो सुनी ही होगी। कहने का तात्पर्य यह है कि जब देश की फुटबॉल ठीक-ठाक नहीं चल रही तो जाहिर है कि राज्य और जिला …

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ब्रजभूषण प्रकरण से हार नहीं मानी, और निखरी महिला कुश्ती

राजेंद्र सजवान कुछ दिन पहले तक भारतीय कुश्ती में चले धरना-प्रदर्शन, आक्रोश और आरोप-प्रत्यारोपों के चलते यह आशंका व्यक्त की जा रही थी कि भारतीय महिला कुश्ती बर्बादी के कगार पर खड़ी है और अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में महिला पहलवानों से बहुत अधिक की अपेक्षा करना भूल होगी। लेकिन पांच महिला पहलवानों का पेरिस ओलम्पिक का …

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डॉ. बत्रा को गुस्सा क्यों आता है?

राजेंद्र सजवान अंतरराष्ट्रीय हॉकी फेडरेशन (एफआईएच) के पहले भारतीय अध्यक्ष नरेंद्र कुमार बत्रा भले ही अब भारतीय हॉकी के शीर्ष पद पर नहीं है लेकिन हॉकी की गहरी समझ रखने वाले बत्रा ने हाल ही में एक तथ्य परक बयान देकर भारतीय हॉकी की उलटी गिनती का अंदेशा व्यक्त किया है। हॉकी इंडिया और इंडियन …

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खेलों में परिवारवाद, राजनीतिक परिवारवाद से भी ज्यादा घातक!

राजेंद्र सजवान राजनीति में परिवारवाद को लेकर सालों से हुड़दंग मचा है। सत्ता पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते आ रहे हैं लेकिन राजनीति और परिवारवाद एक-दूसरे के पूरक हैं और हर नेता-सांसद कुर्सी से हटने से पहले अपने बेटे-बेटियों और नाते-रिश्तेदारों के लिए जुगाड़ करने का कोई मौका …

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