क्लीन बोल्ड

फुटबॉल में गिरावट: अनुशासनहीनता और गंभीरता की कमी

राजेंद्र सजवान भारतीय फुटबॉल आज कहां खड़ी है और क्यों अर्श से फर्श पर आ गिरी है, यह किसी से छिपा नहीं है। आपने ‘यथा राजा, तथा प्रजा’ वाली कहावत तो सुनी ही होगी। कहने का तात्पर्य यह है कि जब देश की फुटबॉल ठीक-ठाक नहीं चल रही तो जाहिर है कि राज्य और जिला …

फुटबॉल में गिरावट: अनुशासनहीनता और गंभीरता की कमी Read More »

ब्रजभूषण प्रकरण से हार नहीं मानी, और निखरी महिला कुश्ती

राजेंद्र सजवान कुछ दिन पहले तक भारतीय कुश्ती में चले धरना-प्रदर्शन, आक्रोश और आरोप-प्रत्यारोपों के चलते यह आशंका व्यक्त की जा रही थी कि भारतीय महिला कुश्ती बर्बादी के कगार पर खड़ी है और अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में महिला पहलवानों से बहुत अधिक की अपेक्षा करना भूल होगी। लेकिन पांच महिला पहलवानों का पेरिस ओलम्पिक का …

ब्रजभूषण प्रकरण से हार नहीं मानी, और निखरी महिला कुश्ती Read More »

डॉ. बत्रा को गुस्सा क्यों आता है?

राजेंद्र सजवान अंतरराष्ट्रीय हॉकी फेडरेशन (एफआईएच) के पहले भारतीय अध्यक्ष नरेंद्र कुमार बत्रा भले ही अब भारतीय हॉकी के शीर्ष पद पर नहीं है लेकिन हॉकी की गहरी समझ रखने वाले बत्रा ने हाल ही में एक तथ्य परक बयान देकर भारतीय हॉकी की उलटी गिनती का अंदेशा व्यक्त किया है। हॉकी इंडिया और इंडियन …

डॉ. बत्रा को गुस्सा क्यों आता है? Read More »

खेलों में परिवारवाद, राजनीतिक परिवारवाद से भी ज्यादा घातक!

राजेंद्र सजवान राजनीति में परिवारवाद को लेकर सालों से हुड़दंग मचा है। सत्ता पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते आ रहे हैं लेकिन राजनीति और परिवारवाद एक-दूसरे के पूरक हैं और हर नेता-सांसद कुर्सी से हटने से पहले अपने बेटे-बेटियों और नाते-रिश्तेदारों के लिए जुगाड़ करने का कोई मौका …

खेलों में परिवारवाद, राजनीतिक परिवारवाद से भी ज्यादा घातक! Read More »

दिल्ली की फुटबॉल किसी बड़े हादसे के इंतजार में

राजेंद्र सजवान पिछले कुछ महीनों में दिल्ली सॉकर एसोसिएशन (डीएसए) की गतिविधियां बढ़ी हैं। स्कूल, कॉलेज और क्लब स्तर के आयोजनों में राजधानी के युवा फुटबॉलरों को अधिकाधिक खेलने के मौके मिल रहे हैं। लेकिन देश की राजधानी की फुटबॉल को संचालित करने वाली संस्था दिल्ली सॉकर एसोसिएशन के पास अपना कोई ग्राउंड नहीं है, …

दिल्ली की फुटबॉल किसी बड़े हादसे के इंतजार में Read More »

ओलम्पिक गोल्ड जीते, तो 1964 जैसा करिश्मा होगा!

राजेंद्र सजवान इसमें कोई दो राय नहीं कि भारतीय हॉकी टीम ने ओलम्पिक में सबसे ज्यादा कामयाबी पाई है। आठ ओलम्पिक स्वर्ण पदक भारत के स्वर्णिम इतिहास के गवाह हैं। लेकिन हॉकी के जानकारों और इस खेल की गहरी समझ रखने वाले भारत के आठवें ओलम्पिक स्वर्ण को ज्यादा भाव नहीं देते हैं। कारण, 1980 …

ओलम्पिक गोल्ड जीते, तो 1964 जैसा करिश्मा होगा! Read More »

लात मारो ऐसी फुटबॉल को!

राजेंद्र सजवान भारत की राजधानी दिल्ली स्थित डॉ. बीआर अम्बेडकर स्टेडियम में खेली जा रही डीएसए सीनियर डिवीजन लीग पर संकट अभी टला नहीं है। भले ही लीग का कार्यक्रम अनिश्चित काल के लिए टाल दिया गया है। एक दिन पहले तक सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था। 25 अप्रैल की सांय एमसीडी के पत्र …

लात मारो ऐसी फुटबॉल को! Read More »

ग्रीको रोमन: क्यों भारतीय कुश्ती का अभिशाप कहते हैं?

राजेंद्र सजवान एशियन ओलम्पिक क्वालीफायर में एक भी पुरुष फ्री-स्टाइल पहलवान कामयाब नहीं हो पाया तो ग्रीको-रोमन शैली में भारतीय पहलवानों का प्रदर्शन बेहद शर्मनाक रहा। क्वालीफाई करना तो दूर एक-दो राउंड से आगे कोई भी भारतीय पहलवान नहीं बढ़ पाया। हालांकि अभी एक और मौका है लेकिन वर्ल्ड क्वालीफायर में मुकाबले और कड़े होंगे, …

ग्रीको रोमन: क्यों भारतीय कुश्ती का अभिशाप कहते हैं? Read More »

मीडिया के मसखरों पर विनेश का तमाचा

राजेंद्र सजवान देर से ही सही, देश की बहादुर बेटी, बदमिजाज पुरुषों से टकराने का दम रखने वाली और दुर्गा की तरह भ्रष्ट व बलात्कारियों के सीने पर तांडव नाचने वाली विनेश फोगाट एक बार फिर सुर्खियों में है। यूं तो वह अखाड़े में पांव रखते ही बाहुबलियों को टक्कर देने लगी थी, लेकिन एशियाई …

मीडिया के मसखरों पर विनेश का तमाचा Read More »

सोशल मीडिया पर चौबे की किरकिरी

राजेंद्र सजवान ‘फुटबॉल विनाशक’, ‘राजनीति के अयोग्य खिलाड़ी’, ‘फुटबॉल को देश से लुप्त करने पर अमादा’ और ‘देश की सरकार के चहेते, मुंह लगे’ जैसे संबोधनों के साथ सोशल मीडिया पर अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के अध्यक्ष कल्याण चौबे पर रोज सैकड़ों हजारों हमले हो रहे हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि चौबे …

सोशल मीडिया पर चौबे की किरकिरी Read More »