फुटबॉल में गिरावट: अनुशासनहीनता और गंभीरता की कमी
राजेंद्र सजवान भारतीय फुटबॉल आज कहां खड़ी है और क्यों अर्श से फर्श पर आ गिरी है, यह किसी से छिपा नहीं है। आपने ‘यथा राजा, तथा प्रजा’ वाली कहावत तो सुनी ही होगी। कहने का तात्पर्य यह है कि जब देश की फुटबॉल ठीक-ठाक नहीं चल रही तो जाहिर है कि राज्य और जिला …
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