कहां हैं महिला सशक्तिकरण के नारेबाज?
राजेंद्र सजवान कुश्ती फेडरेशन की चुनावी लड़ाई में भले ही संजय सिंह को जीत मिल गई हो, लेकिन ब्रजभूषण शरण सिंह को विजयी मुद्रा दर्शाने और ताल ठोकने का सुअवसर मिल गया। ‘दबदबा था और दबदबा रहेगा’ जैसे नारे भी लगे, लेकिन साक्षी मलिक का बूट टांगना और बजरंग पूनिया का पद्मश्री लौटाना क्या कहते …