क्लीन बोल्ड

ओलम्पिक की अनदेखी करने वाले बनेंगे खेल महाशक्ति!

राजेंद्र सजवान मीडिया यदि खेलों के प्रचार-प्रसार और उत्थान-पतन में भूमिका निभाता है तो यह मान लेना पड़ेगा कि भारतीय प्रचार माध्यम आगामी ओलम्पिक गेम्स को लेकर कदापि गंभीर नहीं है। ऐसी राय रखने वाले देश के अनेक पूर्व ओलम्पियन और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी इस बात को लेकर हैरान हैं कि पेरिस ओलम्पिक सिर पर है …

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क्रिकेट ने कर दिखाया: अब ओलम्पिक खेलों की बारी!

राजेंद्र सजवान देर से ही सही भारतीय क्रिकेट ने वो सब कर दिखाया, जिसके लिए पूरा देश और क्रिकेट प्रेमी नजरें गड़ाए बैठे थे। बिना कोई मैच गंवाए चैम्पियन बनना न सिर्फ महान उपलब्धि है बल्कि भारतीय क्रिकेट की महानता, क्रिकेट बोर्ड, कप्तान, खिलाड़ियों और देशवासियों का क्रिकेट और अपनी टीम के प्रति दृढ़ विश्वास …

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फुटबॉल दिल्ली: अंत बुरा तो सब बुरा!

राजेंद्र सजवान अगर ‘अंत भला सब भला’ होता है तो ‘अंत बुरा सब बुरा’, क्यों नहीं हो सकता? इसी कहावत में दिल्ली सॉकर एसोसिएशन (डीएसए) की ‘ए’ डिवीजन लीग को परखा जाए, तो 22 टीमों के लीग मुकाबलों और तत्पश्चात सुपर सिक्स राउंड के मैच ठीक-ठाक आयोजित किए गए। बस अंतिम दिन के मैच को …

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ओलम्पिक हॉकी: रंग कोई भी हो, पदक चाहिए

राजेंद्र सजवान पेरिस ओलम्पिक के लिए भारतीय हॉकी टीम की घोषणा के बाद एक ओर कुछ हॉकी विशेषज्ञ टीम की जीत को लेकर ज्ञान झाड़ रहे है और कह रहे हैं कि टीम में दम है और इस बार भारत टोक्यो ओलम्पिक से भी बेहतर प्रदर्शन करेगा। उल्लेखनीय है कि कोरोना प्रभावित पिछले ओलम्पिक गेम्स …

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एक और गोरा कोच बोला, कभी नहीं सुधर सकती भारतीय फुटबॉल

राजेंद्र सजवान यह जगजाहिर है कि जब भी कोई विदेशी गोरा कोच भारत की धरती पर कदम रखता है तो वह सबसे पहले भारत को महान देश बताता है और भारतीय फुटबॉल को ‘सोया शेर’ कह कर संबोधित करता है। वह तीन-चार साल तक भारतीय फुटबॉल फेडरेशन (एआईएफएफ) के अधिकारियों की सोई उम्मीदों को जगाता …

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विशेषज्ञों ने माना: ‘एज फ्रॉड’ भारतीय खेलों का कैंसर!

राजेंद्र सजवान दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और सबसे बड़ी आबादी वाला देश भारत खेलों में क्यों पिछड़ रहा है? क्यों हमारे खिलाड़ी यूरोपीय और एशिया के प्रमुख देशों की तरह तेजी से प्रगति नहीं कर पा रहे हैं? क्यों हम पिछले सौ सालों में मात्र दो व्यक्तिगत और आठ टीम स्वर्ण पदक ही जीत …

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…कहां है दिल्ली के अपने खिलाड़ी!

राजेंद्र सजवान दिल्ली की फुटबॉल व्यस्त है, मस्त है। व्यस्त इसलिए क्योंकि हर सप्ताह या महीने में कोई न कोई आयोजन हो रहा है। स्कूल, कॉलेज और संस्थानों एवं क्लबों के खिलाड़ी जमकर खेल रहे हैं। डीएसए प्रीमियर लीग, सीनियर डिवीजन लीग, ‘ए’ और ‘बी’ डिवीजन लीग के अलावा संस्थानिक एवं अन्य आयोजन हो रहे …

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भारतीय फुटबॉल: सौ साल पीछे, सौ साल बाद भी नहीं!

राजेंद्र सजवान आम भारतीय को इस बात का गर्व है कि हम दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र हैं। हमें दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले देश का श्रेय प्राप्त है। ये उपलब्धियां हमें घमंडी बनाती हैं। सबसे ज्यादा युवा होने पर हम फूले नहीं समाते लेकिन जब पूछा जाता है कि 140 से 150 करोड़ …

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करोड़ों कमाए, भारतीय फुटबॉल की हवा निकाली और चल दिए!

राजेंद्र सजवान इगोर स्टीमक भारतीय राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के चीफ कोच पद से हटा दिए गए हैं। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने पूर्व क्रोएशियाई फुटबॉलर को 2019 में कोच का शीर्ष पद सौंपा था। पिछले साल अक्टूबर में उनके अनुबंध का 2026 का विस्तार किया गया था लेकिन उन्हें पहले ही हटाना पड़ा, क्योंकि …

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खेल पत्रकारिता का मसखरा नहीं रहा!

राजेंद्र सजवान खिलाड़ियों, खेल प्रशासकों, अधिकारियों और खेल पत्रकारों के सर्वप्रिय और हमेशा हंसमुख रहने वाले जाने-माने खेल पत्रकार हरपाल सिंह बेदी अब हमारे बीच नहीं रहे। जाहिर है कि अब खेल मैदानों, स्टेडियमों और सभा-समारोहों में वो पहले सी रौनक दिखाई-सुनाई नहीं पड़ेगी। इसलिए क्योंकि अब हरपाल बेदी भगवान के प्यारे हो गए हैं। …

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