क्लीन बोल्ड

…तो फिर कोई क्यों ओलम्पियन बनना चाहेगा?

राजेंद्र सजवान अकसर जब भारतीय क्रिकेट में जोरदार धमाका होता है, कोई खिलाड़ी बड़ा रिकॉर्ड बनाता है या भारतीय टीम कोई विश्व स्तरीय खिताब जीत जाती है, तो पूरा देश कई दिनों, हफ्तों और महीनों तक क्रिकेट की उपलब्धियों के रसपान में मदहोश रहता है। टी-20 वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय क्रिकेट टीम का मान-सम्मान …

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…चूंकि हमारी रगों में क्रिकेट भी बहता है!

राजेंद्र सजवान कपिल देव निखंज की कप्तानी वाली टीम ने जब 1983 वर्ल्ड कप जीता तो पहले यह कामयाबी आम भारतीय को सपने जैसी लगी। कारण, उस समय एकदिनी फॉर्मेट में भारत की पहचान बेहद कमजोर टीम की थी। लेकिन धीरे-धीरे पूरे देश को विश्वास हो गया कि यह खेल आने वाले सालों में बड़े-बड़े …

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ओलम्पिक में हॉकी: रैंकिंग गिरी, कहीं भरोसा न गिर जाए!

राजेंद्र सजवान जैसे-जैसे पेरिस ओलम्पिक गेम्स नजदीक आ रहे हैं, भारतीय हॉकी टीम की विश्व रैंकिंग में गिरावट का सिलसिला जारी है। ओलम्पिक कांस्य पदक विजेता टीम कुछ महीने पहले तीसरे नंबर पर थी। फिर चौथे स्थान पर लुढ़क गई और अब धड़ाम गिर कर सातवें नंबर पर पहुंच गई है। यह हाल तब हुआ …

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ओलम्पिक की अनदेखी करने वाले बनेंगे खेल महाशक्ति!

राजेंद्र सजवान मीडिया यदि खेलों के प्रचार-प्रसार और उत्थान-पतन में भूमिका निभाता है तो यह मान लेना पड़ेगा कि भारतीय प्रचार माध्यम आगामी ओलम्पिक गेम्स को लेकर कदापि गंभीर नहीं है। ऐसी राय रखने वाले देश के अनेक पूर्व ओलम्पियन और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी इस बात को लेकर हैरान हैं कि पेरिस ओलम्पिक सिर पर है …

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क्रिकेट ने कर दिखाया: अब ओलम्पिक खेलों की बारी!

राजेंद्र सजवान देर से ही सही भारतीय क्रिकेट ने वो सब कर दिखाया, जिसके लिए पूरा देश और क्रिकेट प्रेमी नजरें गड़ाए बैठे थे। बिना कोई मैच गंवाए चैम्पियन बनना न सिर्फ महान उपलब्धि है बल्कि भारतीय क्रिकेट की महानता, क्रिकेट बोर्ड, कप्तान, खिलाड़ियों और देशवासियों का क्रिकेट और अपनी टीम के प्रति दृढ़ विश्वास …

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फुटबॉल दिल्ली: अंत बुरा तो सब बुरा!

राजेंद्र सजवान अगर ‘अंत भला सब भला’ होता है तो ‘अंत बुरा सब बुरा’, क्यों नहीं हो सकता? इसी कहावत में दिल्ली सॉकर एसोसिएशन (डीएसए) की ‘ए’ डिवीजन लीग को परखा जाए, तो 22 टीमों के लीग मुकाबलों और तत्पश्चात सुपर सिक्स राउंड के मैच ठीक-ठाक आयोजित किए गए। बस अंतिम दिन के मैच को …

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ओलम्पिक हॉकी: रंग कोई भी हो, पदक चाहिए

राजेंद्र सजवान पेरिस ओलम्पिक के लिए भारतीय हॉकी टीम की घोषणा के बाद एक ओर कुछ हॉकी विशेषज्ञ टीम की जीत को लेकर ज्ञान झाड़ रहे है और कह रहे हैं कि टीम में दम है और इस बार भारत टोक्यो ओलम्पिक से भी बेहतर प्रदर्शन करेगा। उल्लेखनीय है कि कोरोना प्रभावित पिछले ओलम्पिक गेम्स …

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एक और गोरा कोच बोला, कभी नहीं सुधर सकती भारतीय फुटबॉल

राजेंद्र सजवान यह जगजाहिर है कि जब भी कोई विदेशी गोरा कोच भारत की धरती पर कदम रखता है तो वह सबसे पहले भारत को महान देश बताता है और भारतीय फुटबॉल को ‘सोया शेर’ कह कर संबोधित करता है। वह तीन-चार साल तक भारतीय फुटबॉल फेडरेशन (एआईएफएफ) के अधिकारियों की सोई उम्मीदों को जगाता …

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विशेषज्ञों ने माना: ‘एज फ्रॉड’ भारतीय खेलों का कैंसर!

राजेंद्र सजवान दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और सबसे बड़ी आबादी वाला देश भारत खेलों में क्यों पिछड़ रहा है? क्यों हमारे खिलाड़ी यूरोपीय और एशिया के प्रमुख देशों की तरह तेजी से प्रगति नहीं कर पा रहे हैं? क्यों हम पिछले सौ सालों में मात्र दो व्यक्तिगत और आठ टीम स्वर्ण पदक ही जीत …

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…कहां है दिल्ली के अपने खिलाड़ी!

राजेंद्र सजवान दिल्ली की फुटबॉल व्यस्त है, मस्त है। व्यस्त इसलिए क्योंकि हर सप्ताह या महीने में कोई न कोई आयोजन हो रहा है। स्कूल, कॉलेज और संस्थानों एवं क्लबों के खिलाड़ी जमकर खेल रहे हैं। डीएसए प्रीमियर लीग, सीनियर डिवीजन लीग, ‘ए’ और ‘बी’ डिवीजन लीग के अलावा संस्थानिक एवं अन्य आयोजन हो रहे …

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