शारजाह। चेन्नई सुपरकिंग्स ने इससे पहले आईपीएल में जिन दस टूर्नामेंटों में हिस्सा लिया उनके प्लेआफ में जरूर जगह बनायी लेकिन यूएई की धरती महेंद्र सिंह धौनी के रणबांकुरों को रास नहीं आयी और उनकी टीम अंतिम चार की दौड़ से बाहर होने की कगार पर खड़ी है।
चेन्नई की टीम गणितीय समीकरण से अभी टूर्नामेंट से बाहर नहीं हुई है। वह अगर – मगर की कठिन डर पर खड़ी है। इस डगर के सहारे अपनी उम्मीदें जीवंत रखने के लिये चेन्नई को शुक्रवार को मुंबई इंडियन्स के खिलाफ होने वाले अपने अगले मैच में हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी। चेन्नई के लिये बाकी बचे चार मैचों में एक हार का मतलब होगा प्लेआफ की दौड़ से बाहर होना।
धौनी की टीम ने अब तक 10 मैचों में केवल तीन मैच जीते हैं। उसके छह अंक हैं और वह आठ टीमों की तालिका में आठवें और अंतिम स्थान पर है। चेन्नई की टीम अधिक से अधिक 14 अंक हासिल कर पाएगी लेकिन इससे पहले भी इतने अंक हासिल करने वाली टीमें प्लेआफ में पहुंचती रही हैं और इसलिए चेन्नई की उम्मीदें अभी समाप्त नहीं मानी जा रही हैं।
मुंबई इंडियन्स की टीम प्लेआफ में पहुंचने की प्रबल दावेदार बनी हुई है। उसके नौ मैच में छह जीत से 12 अंक हैं और जिस तरह से उसके खिलाड़ी खेल के हर विभाग में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं उससे लगता नहीं कि रोहित शर्मा की टीम को प्लेआफ में पहुंचने से रोका जा सकता है।
बल्लेबाजी की बात करें तो टीम के किसी न किसी बल्लेबाज ने अभी तक आखिर तक क्रीज पर टिककर अपनी भूमिका बखूबी निभायी है। गेंदबाजी विभाग में उसके तीनों तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह, ट्रेंट बोल्ट और जेम्स पैटिनसन विरोधी टीमों के लिये दहशत बने हुए हैं।
ऐसे में चेन्नई के लिये अगली चुनौती बेहद कड़ी मानी जा सकती है। कुछ खिलाड़ियों के हटने, कुछ खिलाड़ियों के चोटिल होने और बाकी खिलाड़ियों के प्रदर्शन में निरंतरता का अभाव चेन्नई की हार का प्रमुख कारण रहे हैं।
कभी उसके बल्लेबाज चलते हैं तो गेंदबाज नहीं चल पाते तो कभी इसका उलटा हो जाता है। इस स्थिति में धौनी जैसे शातिर कप्तान को भी सोचना पड़ रहा होगा कि वह किस रणनीति के साथ मैदान पर उतरें।
मुंबई के खिलाफ मैच में चेन्नई अपने इस प्रतिद्वंद्वी पर उद्घाटन मैच की जीत से प्रेरणा लेना चाहेगा। उस मैच में अंबाती रायुडु और फाफ डुप्लेसी के अर्धशतकों से चेन्नई ने पांच विकेट से जीत दर्ज की थी। जहां तक मुंबई की बात है तो उसके लिये चेन्नई के खिलाफ अब तक का रिकार्ड ही प्रेरणा है।
आईपीएल में इन दोनों टीमों के बीच जो 29 मैच खेले गये हैं उनमें मुंबई ने 17 तो चेन्नई ने 12 मैच जीते हैं।