ब्रिसबेन। मेलबर्न में शानदार वापसी और सिडनी में मनोबल बढ़ाने वाले ड्रा के बाद भारतीय टीम के सामने अब ब्रिसबेन के गाबा मैदान पर आस्ट्रेलियाई विजय अभियान पर रोक लगाने की चुनौती होगी।
चार मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर है और ऐसे में चौथा टेस्ट मैच उस गाबा मैदान पर खेला जा रहा है जहां आस्ट्रेलिया ने नवंबर 1988 के बाद कोई मैच ही नहीं गंवाया है। आस्ट्रेलिया आखिरी यहां 32 साल पहले वेस्टइंडीज से हारा था। उसके बाद उसने गाबा में 31 मैच खेले हैं जिनमें से 24 में उसे जीत मिली और बाकी सात मैच ड्रा रहे।
यही नहीं 2013 से लेकर आस्ट्रेलिया ने गाबा में प्रत्येक टेस्ट मैच जीता है। उसका यह विजय भियान सात जीत तक पहुंच चुका है। आस्ट्रेलिया ने वैसे गाबा में कुल 62 मैच खेले हैं जिनमें से 40 में उसे जीत मिली है और आठ में हार। एक मैच टाई रहा जबकि 13 मैच ड्रा।
गाबा में भारत तो क्या भारतीय उपमहाद्वीप की कोई भी टीम अभी तक जीत दर्ज नहीं कर पायी है। ऐसे में अजिंक्य रहाणे की टीम गाबा में जीत दर्ज करके न सिर्फ बोर्डर-गावस्कर ट्राफी अपने पास बरकरार रखेगी बल्कि एक नया इतिहास भी रचेगी। भारत ने इस मैदान पर अभी तक छह मैच खेले हैं जिनमें से पांच में उसे हार मिली है। भारत दिसंबर 2003 में यहां मैच ड्रा कराने में सफल रहा था।
कई खिलाड़ियों के चोटिल हो जाने के कारण भारतीय टीम के लिये चुनौती मुश्किल हो गयी है। तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और स्पिनर रविंद्र जडेजा के चोटिल होने से भारतीय आक्रमण कमजोर हुआ है। ऐसे में बल्लेबाजों की भूमिका बढ़ जाती है।
रोहित शर्मा और शुभमन गिल ने पिछले मैच में अच्छी शुरुआत दिलायी थी लेकिन उन्हें लंबी पारियां खेलने की जरूरत है। चेतेश्वर पुजारा पिछले दो साल से टेस्ट मैचों में शतक नहीं लगा पाये हैं उन्हें जल्द से जल्द तिहरे अंक में पहुंचना होगा। कप्तान रहाणे को भी मेलबर्न वाली फार्म दिखानी होगी।
बुमराह की अनुपस्थिति में भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण पूरी तरह से नया होगा और आस्ट्रेलिया इसका फायदा उठाना चाहेगा। रहाणे, रोहित और पुजारा को ऐसे में इन गेंदबाजों को हौसला भी बनाये रखना होगा।