क्लीन बोल्ड/ राजेन्द्र सजवान
दिवाली मनाए जाने के पीछे अनेक किस्से कहानियां प्रचलन में हैं। कोई कहता है कि जब भगवान राम रावण वध और चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे तो नगरवासियों ने उनके स्वागत में दिये जलाए। भगवान श्री कृष्ण द्वारा नरकासुर वध और सतयुग में समुद्र मंथन के बाद भी दिवाली मनाए जाने का उल्लेख मिलता है। लेकिन त्योहारों के देश भारत में दिवाली कभी भी कहीं पर भी मनाई जा सकती है। खासकर ,खेलों में मिली विजय का उल्लास बम पटाखे छोड़ कर और मिठाई बांट कर मनाया जाता है, जिसे जीत की दिवाली मान लिया जाता है।
1983 के विश्वकप क्रिकेट फाइनल में जब भारत ने कपिल देव की कप्तानी में वेस्ट इंडीज को हरा कर विश्व कप जीता तो लॉर्ड्स के मैदान से लेकर पूरे भारत में दिवाली मनाई गई। तत्पश्चात सौरभ गांगुली और धोनी की टीमों की खिताबी जीतों को भी दिवाली की तरह मनाया गया। इसी प्रकार जब 1975 में भारतीय हॉकी टीम ने विश्व खिताब जीता तो भी देश में दिवाली जैसा माहौल था। अर्थात भारत में खेलों में मिली कामयाबी पर भी दिवाली मनाने का चलन रहा है।
खेल प्रेमी जानते ही हैं कि सन 2020 यूं तो ओलंपिक वर्ष था पर कोविद 19 के चलते टोक्यो खेलों को एक साल के लिए स्थगित करना पड़ा है। अब ओलंपिक खेल 2021 में आयोजित किए जाने हैं जिनके लिए दुनिया भर के खिलाड़ी कोरोना के चलते तैयारियों में जुटे हैं।
बेशक, भारतीय खिलाड़ियों के लिए यह साल बड़ी चुनौतियों वाला है, जिनसे निपटने के लिए उन्हें कई सावधानियों का ध्यान भी रखना है। कोरोना बड़ी बाधा बनकर खड़ा है, जिसके चलते तैयारियों पर असर पड़ सकता है। खिलाड़ियों को अपने बचाव के साथ साथ अपनों का और अन्य का भी बचाव करना है।
दूसरी बड़ी समस्या प्रदूषण की है। दिल्ली सहित कई प्रदेश वायुप्रदूषण की चपेट में हैं। भले ही खिलाड़ियों की इम्युनिटी अपेक्षाकृत ज्यादा मजबूत होती है फिर भी उन्हें अपना बचाव करना है। जरा सी चूक उनकी फार्म खराब कर सकती है। तीसरी बड़ी समस्या आम भारतीय कमजोरी हो सकती है। पिछले कुछ सालों में भारतीय खिलाड़ियों में प्रतिबंधित दवाएं लेने का चलन बढा है।
हो सकता है लंबे विश्राम के बाद खिलाड़ी शार्ट कट अपनाने की कोशिश में गलत ट्रैक पकड़ लें। सीधा सा मतलब है कि यदि भारतीय खिलाड़ी , अधिकारी, खेल संघ, आईओए और खेल मंत्रालय 2021 की दिवाली को यादगार बनाना चाहते हैं तो महामारी, प्रदूषण और डोप से निपटने के लिए एक जुट हो जाएं। इस बार संयम बरतें, अपने घर में रहें, मास्क पहने रहें , दो गज की दूरी बना कर रखें और तमाम सरकारी दिशा निर्देशों का पालन करें। ईश्वर ने चाहा तो अगली दिवाली पर हमारे खिलाड़ी ढेर सारे ओलंपिक पदकों से सजे होंगे।
Happy Diwali