राजेंद्र सजवान
भले ही महामारी का खतरा अभी बना हुआ है लेकिन अन्य खेलों की तरह भारतीय शतरंज ने भी जोरदार धमाके के साथ अपनी बिसात बिछा दी है। जहां एक ओर कोविड के चलते बहुत से खेल आयोजन ठप्प पड़े हैं या धीमी रफ्तार के साथ चल रहे हैं तो शतरंज फेडरेशन ने इंडियन चेस लीग (आईसीएल) के आयोजन की घोषणा कर भारतीय और दुनियाभर के खिलाड़ियों को आनंदित कर दिया है। इस ऐतिहासिक अवसर पर फेडरेधन सचिव भारत चौहान भी मौजूद थे।
अखिल भारतीय शतरंज फेडरेशन के अध्यक्ष डॉक्टर संजय कपूर ने लीग कार्यक्रम की घोषणा करते हुए कहा कि दुनिया भर के जाने माने खिलाड़ी लीग में भाग लेने के लिए तैयार हैं। दो करोड़ की पुरस्कार राशि के आयोजन को छह टीमों में बांटा जाएगा। प्रत्येक टीम में दो सुपर ग्रैंड मास्टर, दो ग्रैंड मास्टर, दो महिला ग्रैंड मास्टर, एक भारतीय जूनियर बालक और बालिका शामिल होंगे।
फेडरेशन अध्यक्ष डॉक्टर कपूर ने पद सम्भालते ही लीग के आयोजन और भारतीय खिलाड़ियों को दुनिया के चैंपियनों के साथ प्लेटफार्म मुहैया कराने का सपना देखा था जोकि पूरा होने जा रहा है। उनके अनुसार सचिव भरत चौहान और पूरी टीम के साथ मिल कर वह थोड़े से समय में बड़ा काम करने जा रहे हैं।
उन्हें विश्वासहै कि लीग आयोजन से देश में शतरंज के लिए माहौल बनेगा और हम और हमारे खिलाड़ी तेज रफ्तार से आगे बढ़ेंगे। उनके अनुसार एक समय भारत के पास अकेले आनंद ग्रैंड मास्टर थे जबकि आज यह संख्या 70 तक पहुंच गई है। उन्हें भरोसा है कि भारत शतरंज में सुपर पावर बनने जा रहा है, जिसमें आईसीएल की बड़ी भूमिका होगी।
एक सवाल के नवाब में सचिव चौहान ने कहा कि भलेही बहुत से लीग आयोजन वक्त के साथ बंद हुए या तेज रफ्तार से आगेनाहीं बढ़ पाए लेकिन उनकी फेडरेशन का उद्देश्य खेल को बेहतर बनाना, खिलाड़ियों को बढावा देना और भारत को बड़ी ताक़त बनाने का हैऔर आईसीएल का आयोजन इस दिशा में सहायक रहेगा।
इस अवसर पर ग्रैंड मास्टर दिवित और हरिता ने कहा कि लीगके आयोजन से भारत में खेल के लिए बेहतर महौल बनेगा और खेल का स्तर सुधरेगा।
लीग आयोजन में सहयोगी भूमिका निभाने वाले गेमप्लान के निदेशक जीत बनर्जी ने आईसीएल को विश्व शतरंज में बड़ा आयोजन बनाने का दावा किया और कहा कि वे फेडरेशन के कंधे से कंधा मिला कर चलेंगे।