क्लीन बोल्ड/ राजेंद्र सजवान
भले ही भारतीय फुटबाल एशिया महाद्वीप में बड़ी ताकत होने का काफी पहले खो चुकी है लेकिन 2027 भारत के पास महाद्वीप में फिर से बदशाहत कायम करने का सुनहरी मौका साबित हो सकता है। बशर्ते भारत ईरान, सऊदी अरब और कतर को पछाड़ दे। हालांकि इन देशों को परास्त करना आसान नहीं है लेकिन मुकाबला मैदानी नहीं है।
दरअसल, भारत सहित कुल चार देश एएफसी एशियन कप 2027 की मेजबानी के दावेदार हैं। भारत का दावा इसलिए मजबूत माना जा रहा है क्योंकि 2017 में भारत ने अंडर 17 पुरुष फीफा वर्ल्ड कप की सफल मेजबानी की और 2022 में महिला अंडर 17 वर्ल्ड कप भी भारतीय मेजबानी में खेला जाना है।
यह सही है कि भारतीय फुटबाल फिलहाल एशिया में बड़ी ताकत नहीं बन पाई पर एक बड़े फुटबाल बाजार के रूप में भारत की पहचान बढ़ी है। आज आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में एआईएफएफ अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और खेल मंत्री किरण रिजिजू ने बाकायदा, लोगो जारी कर कहा कि दोनों इकाइयां कोई कसर नहीं छोड़ेंगी। खेल मंत्री ने सरकार के पूर्ण समर्थन का आश्वासन फ़िया और कहा कि उनकी सरकार सभी खेलों की प्रगति चाहती है और चूंकि फुटबाल उनकी प्राथमिकता वाला खेल है इसलिए मेजबानी के लिए पूरी ताकत झोंक देंगे।
खेल मंत्री के अनुसार भारत कभी एशिया का चैंपियन था। लेकिन पिछले कुछ सालों में प्रदर्शन में गिरावट आई और हम पीछे छूट गए। उन्हें उम्मीद है कि एएफसी कप भारत को ही मिलेगा, क्योंकि हम एक सफल आयोजक होने का प्रमाण दे चुकेहैं।
फेडरेशन अध्यक्ष प्रफुल पटेल भी आशावान हैं। सरकार के समर्थन से उन्हें मेजबानी मिलनी तय लगती है। लेकिन उन्होंने देशभर में अधिकाधिक फुटबाल मैदान बनाने पर जोर दिया ताकि हम अपनी दावेदारी और मजबूती से पेश कर सकें।
भारत बनेगा खेल महाशक्ति:
खेलमंत्री ने इस अवसर पर अपनी सरकार के खेल प्रेम और प्रयासों का जमकर बखान किया और कहा कि भारत कुछ एक सालों में खेल महाशक्ति बनने जा रहा है। इस दिशा में खेलो इंडिया और फिट इंडिया जैसे कार्यक्रमों को उन्होंने खूब सराहा। लेकिन फुटबाल को उन्होंने अपना पहला प्यार बताया और कहा कि भारतीय फुटबाल करवट बदल रही हैऔर वह दिन दूर नहीं जब भारत फीफा वर्ल्ड कप में खेलेगा।
2026 वर्ल्ड कप का लक्ष्य:
हालांकि फेडरेशन अध्यक्ष पटेल जानते हैं कि भारतीय फुटबाल की विश्व रैंकिंग काफी पिछड़ी है लेकिन उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि भारत 2026 के फीफा वर्ल्ड कप में भाग लेने का लक्ष्य लेकर चल रहा है और इस दिशा में अब तक कि प्रगति से वह संतुष्ट भी हैं।