क्या आप सोच सकते हैं कि एक बार एक वनडे मैच में भारतीय टीम ने लगभग 48 ओवर बल्लेबाजी की लेकिन इस दौरान उसके बल्लेबाज केवल दो बार गेंद को सीमा रेखा के पार भेज पाये। भारतीय टीम की तरफ से ये दोनों चौके भी एक बल्लेबाज ने लगाये थे। यह दिलचस्प नजारा छह दिसंबर 1991 को पर्थ के वाका मैदान पर देखने को मिला था।
भारत और वेस्टइंडीज के बीच पर्थ में खेला गया यह मैच कई मायनों में खास था। इस मैच में दोनों टीमों ने 40 से अधिक ओवर खेले लेकिन बल्लेबाज वाका की तेज और उछाल वाली पिच से सामंजस्य नहीं बिठा पाये और कम स्कोर वालायह मैच टाई रहा था।
भारत को पहले बल्लेबाजी का न्यौता मिला और उसकी पूरी टीम 47.4 ओवर में 126 रन पर सिमट गयी। भारतीय पारी की खासियत यह रही कि इसमें केवल दो चौके लगे। ये दोनों चौके भी सलामी बल्लेबाज रवि शास्त्री ने लगाये। शास्त्री ने तब टीम की तरफ से सर्वाधिक 33 रन भी बनाये थे। उनके बाद दूसरा बड़ा स्कोर अतिरिक्त रनों (24 रन) का था। प्रवीण आमरे (20 रन), संजय मांजरेकर (15 रन) और मनोज प्रभाकर (13 रन) भी दोहरे अंक में पहुंचे लेकिन कोई भी गेंद को सीमा रेखा पार नहीं पहुंचा पाया था। कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन, सचिन तेंदुलकर, के श्रीकांत, कपिल देव जैसे धुरंधर दोहरे अंक में नहीं पहुंच पाये थे।
लेकिन यह क्या वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों ने फिर से 1983 के विश्व कप फाइनल की कहानी दोहरा दी जबकि कैरेबियाई टीम के लिये भारत का 183 रन का स्कोर पहाड़ जैसा बन गया था। यहां तो लक्ष्य 127 रन था और वेस्टइंडीज की टीम में कप्तान रिची रिचर्डसन, ब्रायन लारा, डेसमंड हेन्स, कार्ल हूपर जैसे बल्लेबाज थे।
कपिल ने पहली गेंद पर हेन्स को आउट कर दिया। इसके बाद फिलो वालेस, रिचर्डसन, लारा और हूपर दोहरे अंक में पहुंचे लेकिन इनमें से कोई भी 14 रन से आगे नहीं बढ़ा। वेस्टइंडीज के आठ विकेट 76 रन पर निकल गये और उस पर हार का खतरा मंडराने लगा। एंब्रोस और दसवें नंबर के बल्लेबाज एंडरसन कमिन्स (24 रन) ने आखिरी क्षणों में मैच रोमांचक बना दिया। वेस्टइंडीज को जब छह रन और भारत को एक विकेट की दरकार थी तब तेंदुलकर ने गेंद संभाली। उनकी पहली पांच गेंदों पर पांच रन बने लेकिन आखिरी गेंद पर वह कमिन्स को आउट करने में सफल रहे। अजहर ने स्लिप में बेहतरीन कैच लपका। वेस्टइंडीज की टीम 41 ओवर में 126 रन पर आउट हो गयी और मैच टाई हो गया। अपना पहला एकदिवसीय मैच खेल रहे सुब्रत बनर्जी ने भारत की तरफ से तीन जबकि कपिल और जवागल श्रीनाथ ने दो . दो विकेट लिये थे।
इससे पहले वेस्टइंडीज की तरफ से कर्टली एंब्रोस ने तब 8.4 ओवर में केवल नौ रन देकर दो विकेट लिये थे और बाद में उन्हें मैन आफ द मैच भी चुना गया था। एंब्रोस ने बाद में बल्लेबाजी करते हुए 17 रन भी बनाये थे और मैच का एकमात्र छक्का भी लगाया था।