अजय नैथानी
जेंटसमैन गेम कहलाने वाले खेल क्रिकेट में समय-समय विवाद होते रहे हैं, जिसने इस खेल की प्रतिष्ठा को नुकसान होता रहा है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वर्तमान में जारी टेस्ट सीरीज के तीसरे मैच के दौरान ऐसी दो घटनाएं सामने आई है, मैदान के बाहर और अंदर हुई इन अनचाही घटनाओं से क्रिकेट शर्मसार हुई है।
मैच के तीसरे और चौथे दिन सिडनी क्रिकेट स्टेडियम में मौजूद दर्शकों ने भारतीय क्रिकेटरों पर नस्लीय टिप्पणियां की है। एक अन्य घटना में मेजबान टीम के स्टार खिलाड़ी स्टीव स्मिथ ने जीत की चाह सारी हदें पार कर दी हैं। वह जानबूझकर पिच को नुकसान पहुंचाते नजर आए।
यह भी संभव है कि यह टीम प्रबंधन की रणनीति रही हो कि किसी तरह विपक्षी खिलाड़ियों को डरा करके मनोवैज्ञानिक बढ़त बनाने की मंशा हो। ऑस्ट्रेलियाई टीम और उसके खिलाड़ियों की हत्वकांक्षा के मद्देनजर सीरीज के अंतिम टेस्ट मैच में भी विवाद संभव है।
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्मिथ ने भारत की दूसरी पारी के दौरान अपने जूते से सिडनी क्रिकेट ग्राउंड की पिच खराब करने की कोशिश की, जिसे विकेट पर लगे स्टंप्स कैमरे ने पकड़ लिया। स्मिथ ने ऋषभ पंत का ध्यान भंग करने के इरादे से यह कोशिश की थी। हुआ यूं कि पांचवें दिन ड्रिंक के समय स्टीव स्मिथ चुपके से पिच पर आए और बल्लेबाज के मार्क लेने वाली जगह को जूते से कुरेदने लगे। हालांकि बाद में जब पंत बल्लेबाजी के लिए आए तो उन्होंने अंपायर से पूछकर दोबारा मार्क सेट किया।
स्मिथ की इस घटिया हरकत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ। हालांकि वीडियो में खिलाड़ी का चेहरा तो साफ नहीं दिखाई दे रहा लेकिन बल्लेबाज के मार्क लेने वाली जगह को जूते से कुरेदने के बाद जैसे ही कंगारू बल्लेबाज ने मुड़ने की कोशिश की तो उसकी जर्सी पर 49 नंबर दिखा। जो स्मिथ पहनते हैं।
इससे पहले पेसर मोहम्मद सिराज को सिडनी टेस्ट के तीसरे और चौथे दिन दर्शकों ने ब्राउन डॉग और बिग मंकी तक कह डाला। ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों ने अपनी टीम को जीतते हुए देखने के लिए मैच के तीसरे दिन सिराज के अलावा जसप्रीत बुमराह पर गंदी फब्तियां कसी थी। चौथे दिन उन्होंने सिराज को ‘बिग ब्राउन’ और ‘बिग मंकी’ तक कहा। इसे नस्लीय टिप्पणी कहा जाता है।
ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी और टीम जीत के लिए किसी हद तक जाने के लिए जानी जाती है। कंगारू टीम और खिलाड़ी नैतिकता को ताक में रखकर मैदान के अंदर और बाहर विपक्षियों पर हावी होने के लिए बकायदा इसके लिए रणनीति बनाती हैं। अब मेजबान टीम की हरकतों से इस बात का अंदाजा लग चुका है कि वे ब्रिस्बेन के गाबा मैदान पर 15 जनवरी से खेले जाने वाले चौथा व अंतिम टेस्ट मैच जीतने के लिए हर सही-गलत काम को अंजाम देंगे।