अहमदाबाद। विराट कोहली चाहते हैं कि वह आगे भी ओपनर के रूप में टी20 में खेलें जिसमें इंडियन प्रीमियर लीग और साल के आखिर में होने वाला विश्व कप भी शामिल हैं क्योंकि इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें और निर्णायक टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में उन्होंने पारी का आगाज करते हुए धमाकेदार पारी खेली और भारत को 36 रन से जीत दिलायी।
भारत ने इस तरह से टेस्ट सीरीज की तरह टी20 सीरीज में भी शानदार वापसी की। टेस्ट सीरीज में पहला टेस्ट गंवाने के बाद भारत ने 3-1 से जीत दर्ज की थी और अब टी20 में पहला मैच हारने के बाद वह 3-2 से सीरीज अपने नाम करने में सफल रहा।
टीम ने नयी रणनीति अपनायी। रोहित शर्मा के साथ कोहली ओपनर के रूप में उतरे और केएल राहुल को बाहर का रास्ता देखना पड़ा। रोहित शर्मा ने 64 रन की धमाकेदार पारी खेली जबकि कोहली ने नाबाद 80 रन बनाये। सूर्यकुमार यादव ने लगातार दूसरे मैच में प्रभाव छोड़ा। उन्होंने 17 गेंदों पर 32 रन बनाये तो हार्दिक पंड्या ने आखिरी क्षणों में धूमधड़ाका मचाया तथा 17 गेंदों पर नाबाद 39 रन बनाये। इससे भारत ने पहले बल्लेबाजी का निमंत्रण मिलने पर दो विकेट पर 224 रन का विशाल स्कोर बना दिया।
इंग्लैंड 12वें ओवर तक लक्ष्य हासिल करने के लिये अच्छी तरह से आगे बढ़ रहा था लेकिन चोट से उबरने के बाद वापसी करने वाले भुवनेश्वर कुमार ने उसकी लय तोड़ी तथा रही सही कसर शार्दुल ठाकुर और हार्दिक पंड्या ने पूरी कर दी। इंग्लैंड की टीम आखिर में आठ विकेट पर 188 रन ही बना पायी। जोस बटलर (52) और डाविड मलान (68) के अर्धशतक उसके काम नहीं आये। ठाकुर ने तीन और भुवनेश्वर ने दो विकेट लिये। हार्दिक और टी नटराजन को एक एक विकेट मिला।
इस मैच के बाद सबसे बड़ा सवाल यह पैदा हो गया है कि क्या भारत ने अपनी बल्लेबाजी लाइनअप तय कर ली है क्योंकि कोहली चाहते हैं कि वह आगे भी ओपनर के रूप में ही टी20 खेलें। आईपीएल में अपनी फ्रेंचाइजी टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर की तरफ से वह ऐसा करेंगे लेकिन क्या उसके बाद टी20 विश्व कप में भी ऐसा होगा। इस पर सभी की निगाह टिकी रहेगी।
वैसे रोहित शर्मा का मानना है कि ऐसा कहना अभी जल्दबाजी होगी क्योंकि टी20 विश्व कप अक्टूबर नवंबर में खेला जाना है तथा इससे पहले आईपीएल और कुछ अन्य मैच खेले जाएंगे।
बहरहाल भारत को इस सीरीज से विश्व कप के लिये अपनी टीम का खाका तैयार करने में मदद मिलेगी। उसके पास सूर्यकुमार और इशान किशन के रूप में एक्स फैक्टर हैं। भुवनेश्वर के आने से तेज गेंदबाजी विभाग मजबूत हुआ है। जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी के आने के बाद ये तीनों विश्व कप में भारतीय आक्रमण की धुरी बन सकते हैं।