अहमदाबाद। यह टेस्ट क्रिकेट के लिये भले ही अच्छा नहीं कहा जाएगा लेकिन भारत और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने की उसकी संभावना को देखते हुए यह बहुत अच्छा है। तीसरे दिन रात्रि टेस्ट क्रिकेट मैच में भारत ने इंग्लैंड को 10 विकेट से हराकर श्रृंखला में 2-1 से बढ़त बना दी।
इससे भारत विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने के करीब भी पहुंच गया है। उसे अब चौथा मैच केवल ड्रा कराना होगा। इंग्लैंड फाइनल की दौड़ से बाहर हो गया है। वह अगर चौथा मैच जीत लेता है तो फिर आस्ट्रेलिया फाइनल में पहुंच जाएगा।
नरेंद्र मोदी स्टेडियम में यूं तो अक्षर पटेल ने मैच में 70 रन देकर 11 विकेट लिये। रविचंद्रन अश्विन ने सात विकेट हासिल किये और इस बीच 400 विकेट लेने वाले दुनिया के 16वें और भारत के चौथे गेंदबाज बने। जो रूट ने आठ रन देकर पांच विकेट हासिल किये। वह इससे पहले प्रथम श्रेणी मैचों में भी ऐसा नहीं कर पाये थे लेकिन इन सबके बावजूद पिच अधिक चर्चा में रही।
दो दिन के अंदर 30 विकेट गिरे। इंग्लैंड पहली पारी में 112 रन पर आउट हो गया तो भारत भी 145 रन ही बना पाया। इंग्लैंड दूसरी पारी में 81 रन पर सिमट गया जो उसका भारत के खिलाफ न्यूनतम स्कोर है। भारत को 49 रन का लक्ष्य मिला जो उसने आसानी से हासिल कर दिया। दूसरे दिन पहले दो सत्र में ही 17 विकेट निकल गये।
टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में ऐसा 22वीं बार हुआ जबकि कोई टेस्ट मैच दो दिन के अंदर ही समाप्त हो गया। भारत में ऐसा दूसरी बार हुआ। इससे पहले 2018 में भारत ने अफगानिस्तान को बेंगलुरू में दो दिन में हरा दिया था।
इस तरह की पिच तैयार करने पर सवाल उठेंगे और आईसीसी को इस पर गंभीर होना चाहिए क्योंकि ऐसी पिचें तैयार करके टेस्ट क्रिकेट का रोमांच नहीं बनाये रखा जा सकता है जो पहले ही टी20 क्रिकेट से कड़ी चुनौती का सामना कर रहा है। इसलिए इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन ने आगे ऐसी पिच नहीं बनाने का आग्रह किया।
पीटरसन ने हिंदी में ट्वीट किया, ‘‘एक मैच के लिये ऐसा विकेट ठीक है जहां बल्लेबाज के कौशल और तकनीक का टेस्ट होता है लेकिन मैं इस तरह का विकेट और नहीं देखना चाहता और मुझे लगता है कि सारे खिलाड़ी भी नहीं चाहते। बहुत अच्छे, इंडिया।’’
पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह ने भी नारागजी कुछ इस तरह से व्यक्त की। ‘‘मैच दो दिन में समाप्त हो गया, पक्के तौर पर नहीं कह सकता कि यह टेस्ट क्रिकेट के लिये अच्छा है। अगर अनिल कुंबले और हरभजन सिंह इस तरह के विकेट पर गेंदबाजी करते तो उनके नाम पर 1000 और 800 विकेट दर्ज होते। फिर भी अक्षर, अश्विन को बधाई।’’
अब आलम यह है कि सभी की निगाहें चौथे मैच के परिणाम पर नहीं बल्कि पिच पर टिकी रहेंगी। यही नहीं भारत जब जुलाई अगस्त में इंग्लैंड दौरे पर जाएगा तो वहां उसे तेज पिचें मिलनी तय हैं।