दिल्ली कैपिटल्स को बल्लेबाजों के बेहद निराशाजनक के कारण पहले क्वालीफायर में गत चैंपियन मुंबई इंडियंस के हाथों ५७ रन से हार का सामना करना पड़ा जिसके बाद दिल्ली के लिए आईपीएल में पहली बार फाइनल में जगह बनाना दूर की कौड़ी बन गया है। इस प्रदर्शन के आधार पर दिल्ली फाइनल में जाने के बारे में सोच नहीं सकती।
दिल्ली के लिए हालांकि इस हार के बाद पहली बार फाइनल में जगह बनाने की उम्मीद अभी समाप्त नहीं हुई है। दिल्ली आठ नवम्बर को होने वाले दूसरे क्वालीफायर में सनराइजर्स हैदराबाद और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच एलिमिनेटर की विजेता टीम से भिड़ेगी और इस मुकाबले को जीतने वाली टीम 10 नवम्बर को होने वाले फाइनल में मुंबई से टक्कर लेगी।
मुंबई ने एक और धमाकेदार प्रदर्शन कर छठी बार फाइनल में जगह बना ली है। मुंबई की जीत के कई हीरो रहे और टीम ने समन्वित प्रदर्शन किया। सूर्यकुमार यादव (51) और ईशान किशन (नाबाद 55) ने अर्धशतक बनाये जबकि हार्दिक पांड्या नाबाद 37 रनों में पांच छक्के उड़ाए।
जसप्रीत बुमराह ने 14 रन पर चार विकेट और ट्रेंट बोल्ट ने नौ रन पर दो विकेट झटके। बुमराह ने इसके साथ ही इस सत्र में अपने विकेटों की संख्या 27 पहुंचा दी और भुवनेश्वर कुमार का एक सत्र में सर्वाधिक 26 विकेट लेने का भारतीय रिकॉर्ड तोड़ दिया। बुमराह को प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला।
चार बार की विजेता मुंबई ने पांच विकेट पर 200 रन का मजबूत स्कोर बनाया और दिल्ली को आठ विकेट पर 143 रन पर रोक दिया। मुंबई ने इस तरह छठी बार फाइनल में जगह बना ली। मुंबई ने इससे पहले 2010, 2013, 2015, 2017 और 2019 में फाइनल में जगह बनायी थी।
दिल्ली की पारी में पृथ्वी शॉ, अजिंक्या रहाणे, शिखर धवन शून्य पर आउट हुए जबकि कप्तान श्रेयस अय्यर १२ रन ही बना सके। मार्कस स्टॉयनिस ने 65 रन बनाकर दिल्ली की हार का अंतर कम किया। अक्षर पटेल ने 33 गेंदों पर दो चौकों और तीन छक्कों की मदद से 42 रन बनाये। दिल्ली को यदि पहली बार फाइनल में पहुंचने का सपना पूरा करना है तो उसे दूसरे क्वालीफायर में बेहतर प्रदर्शन करना होगा जबकि मुंबई अपने तूफानी प्रदर्शन से खिताब पांचवीं बार जीतने की प्रबल दावेदार नजर आने लगी है।