अबुधाबी। सनराइजर्स हैदराबाद के सामने इंडियन प्रीमियर लीग के प्लेआफ में पहुंचने के लिये अंकतालिका में शीर्ष पर काबिज तीन टीमों मुंबई इंडियन्स, दिल्ली कैपिटल्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर को हराने की चुनौती थी। डेविड वार्नर की अगुवाई वाली टीम ने यह चुनौती बखूबी स्वीकार की और प्लेआफ में जगह बनाने में सफल रही।
हैदराबाद प्लेआफ में तो पहुंच गया लेकिन खिताब तक पहुंचने के लिये फिर से उसकी राह में ये तीनों टीमें खड़ी हो गयी। हैदराबाद ने इसमें से पहली चुनौती पार कर ली है। उसने बेंगलोर को एलिमिनेटर में छह विकेट से हराकर दूसरे क्वालीफायर में प्रवेश किया है जहां रविवार को उसका सामना दिल्ली कैपिटल्स से होगा। अगर हैदराबाद इस मैच में जीत जाता है तो फाइनल में उसे मुंबई इंडियन्स से भिड़ना होगा।
दिल्ली कैपिटल्स की टीम पहले क्वालीफायर में मुंबई से 57 रन से हार गयी थी। दिल्ली ने जो पिछले छह मैच खेले हैं उनमें से केवल एक में जीत दर्ज की है और वह भी आरसीबी के खिलाफ। टीम आईपीएल के पहले चरण में अच्छा प्रदर्शन करने के दम पर अंकतालिका में दूसरे स्थान पर रहकर प्लेआफ में पहुंची और इसलिए उसे फाइनल में पहुंचने का दूसरी बार मौका
मिला है।
दिल्ली की बल्लेबाजी उसके लिये चिंता का विषय बन गयी है। मुंबई के खिलाफ तब उसका खाता भी नहीं खुला था जब उसके तीन विकेट निकल गये थे। पृथ्वी साव और ऋषभ पंत जैसे युवा लगातार निराश कर रहे हैं। शिखर धवन और श्रेयस अय्यर की फार्म गड़बड़ा गयी है। अजिंक्य रहाणे केवल एक मैच में चल पाये और यही हाल मार्कस स्टोइनिस का है जिन्होंने पिछले मैच में अर्धशतक जमाया था।
गेंदबाजी दिल्ली का मजबूत पक्ष रहा है क्योंकि दक्षिण अफ्रीका के उसके दोनों गेंदबाजों कागिसो रबादा और एनरिच नोर्जिया ने हर मैच में अच्छी गेंदबाजी की थी। लेकिन मुंबई के खिलाफ ये दोनों भी नहीं चल पाये थे। इन दोनों ने मिलकर उस मैच में 92 रन लुटाये थ जिससे रविचंद्रन अश्विन का अच्छा प्रयास भी बेकार चला गया था। दिल्ली को यदि पहली बार फाइनल में पहुंचना है तो उसके गेंदबाजों को अच्छा प्रदर्शन करना होगा।
जहां तक हैदराबाद की टीम की बात है तो उसने अपना विजय अभियान अच्छी तरह से आगे बढ़ाया है। भुवनेश्वर कुमार की अनुपस्थिति के बावजूद उसके गेंदबाजों ने कमाल किया है। विराट कोहली, आरोन फिंच और एबी डिविलियर्स जैसे बल्लेबाजों से सजी आरसीबी की टीम को 131 रन पर रोककर उसके गेंदबाजों ने अच्छा काम किया।
जैसन होल्डर टीम के तुरूप का इक्का साबित हुए हैं। उन्होंने गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों में अपना कमाल दिखाया है। राशिद खान और शाहबाज नदीम स्पिन विभाग की जिम्मेदारी अच्छी तरह से निभा रहे हैं जबकि संदीप शर्मा ने हमेशा की तरह अपना प्रभाव छोड़ा है। टी नटराजन की यार्कर को खेलने में तो डिविलियर्स जैसे बल्लेबाज को भी परेशानी हुई।
पिछले मैच में हालांकि हैदराबाद के शीर्ष क्रम के बल्लेबाज नहीं चल पाये थे। टीम को ऋद्धिमान साहा की कमी खली जो चोटिल होने के कारण आरसीबी के खिलाफ नहीं खेल पाये। उनकी जगह लिये गये श्रीवत्स गोस्वामी खाता भी नहीं खोल पाये। साहा के इस मैच में खेलने की संभावना है। कप्तान वार्नर को बड़ी भूमिका निभानी होगी और मनीष पांडे को भी टिककर खेलना होगा। हैदराबाद के लिये अच्छी बात यह है कि उसके मध्यक्रम में केन विलिमयसन और होल्डर जैसे अनुभवी बल्लेबाज हैं। इन दोनों ने आरसीबी के खिलाफ टीम की जीत में अहम भूमिका निभायी थी।
दिल्ली ने पिछले साल हैदराबाद को एलिमिनेटर में हराया था। श्रेयस अय्यर की अगुवाई वाली टीम उससे प्रेरणा लेने की कोशिश करेगी जबकि वार्नर की टीम उसका बदला चुकता करने की कोशिश करेगी। वैसे वर्तमान सत्र में इन दोनों टीमों के बीच जो दो मैच खेले गये थे उन दोनों में हैदराबाद विजयी रहा था। सनराइजर्स हैदराबाद की टीम 2013 में आईपीएल से जुड़ने के बाद तीसरी बार फाइनल में पहुंचने की कोशिश करेगी जबकि दिल्ली की टीम अभी तक कभी खिताबी मुकाबले में नहीं पहुंची। सनराइजर्स ने 2016 में खिताब जीता था।