जूनियर मुक्केबाजों ने आठ स्वर्ण सहित 19 पदकों के साथ अपना अभियान समाप्त किया
भारत के विश्वामित्र चोंगथम ने सोमवार को शानदार प्रदर्शन करते हुए दुबई में एएसबीसी एशियाई युवा मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल किया। विश्वनाथ सुरेश को हालांकि फाइनल में हार मिली। वह रजत जीतने में सफल रहे।
खिताब के दावेदार के रूप में उम्मीदों पर खरा उतरते हुए, विश्व युवा चैंपियनशिप के पदक विजेता विश्वामित्र ने पुरुषों के 51 किग्रा भार वर्ग फाइनल में उज्बेकिस्तान के कुजीबोव अहमदजोन को 4-1 से हराकर मौजूदा चैंपियनशिप में युवा स्पर्धा में भारत को अपना पहला स्वर्ण दिलाया।
भारतीय मुक्केबाज ने इस रोमांचक मैच में उज़्बेक मुक्केबाज के खिलाफ प्रभावी रक्षात्मक तकनीक और सुंदर फुटवर्क दिखाया, जिसमें दोनों मुक्केबाजों ने कुछ भारी वार किए। हालांकि, बिश्वामित्र ने पूरे मैच में अपने आप को संयमित रखा और मैच के साथ-साथ स्वर्ण पदक जीतने के लिए कुछ सटीक मुक्के मारे।
इस बीच, विश्वनाथ सुरेश कजाकिस्तान के मौजूदा युवा विश्व चैंपियन संजर ताशकेनबे के खिलाफ हार गए और 48 किग्रा वर्ग में 0-5 के अंतर से हार के बाद रजत पदक के साथ अपने अभियान का समापन किया।
सोमवार को ही बाद में आज रात, वंशज (64 किग्रा), जयदीप रावत (71 किग्रा) और विशाल (80 किग्रा) पुरुषों के फाइनल में खेलेंगे जबकि निवेदिता कार्की (48 किग्रा), तमन्ना (50 किग्रा), सिमरन वर्मा (52 किग्रा), नेहा (54 किग्रा), प्रीति (57 किग्रा), प्रीति दहिया (60 किग्रा), खुशी (63 किग्रा), स्नेहा कुमारी (66 किग्रा), खुशी (75 किग्रा) और तनीशबीर कौर संधू (81 किग्रा) महिला वर्ग में स्वर्ण के लिए भिड़ेंगी।
एक महिला सहित पांच भारतीय मुक्केबाजों ने सेमीफाइनल में पहुंचकर युवा वर्ग में कांस्य पदक जीता है। पुरुषों में, दक्ष (67 किग्रा), दीपक (75 किग्रा), अभिमन्यु (92 किग्रा) और अमन सिंह बिष्ट (92+ किग्रा) ने कांस्य पदक हासिल किया, जबकि लशु यादव (70 किग्रा) ने महिला वर्ग में कांस्य पदक जीता।
2019 में मंगोलिया के उलानबटार में आयोजित पिछली एशियाई युवा पुरुष और महिला चैंपियनशिप में भारत ने पांच स्वर्ण सहित कुल 12 पदक जीते थे। युवा वर्ग में स्वर्ण पदक विजेताओं को 6,000 अमेरिकी डॉलर मिलेंगे जबकि रजत और कांस्य पदक विजेताओं को क्रमशः 3,000 अमेरिकी डॉलर और 1,500 अमेरिकी डॉलर दिए जाएंगे।
चैंपियनशिप में इस साल कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और किर्गिस्तान जैसे मजबूत मुक्केबाजी देशों के मुक्केबाजों की उपस्थिति देखी गई और इससे प्रतिस्पर्धा में इजाफा देखा गया। यह भी पहली बार है कि दोनों आयु वर्ग-जूनियर और युवा-एक साथ खेले गए।
इससे पहले, रविवार को, भारत के जूनियर मुक्केबाजों ने इस प्रतिष्ठित महाद्वीपीय प्रतियोगिता में अपने अभियान का समापन करते हुए आठ स्वर्ण, पांच रजत और छह कांस्य पदक सहित कुल 19 पदक जीते।
भारत ने उज्बेकिस्तान (22 पदक) और कजाकिस्तान (25 पदक) के बाद समग्र जूनियर चैंपियनशिप टीम रैंकिंग में तीसरा स्थान हासिल किया।
लड़कों के वर्ग में, रोहित चमोली (48 किग्रा) और भरत जून (+81 किग्रा) अपने-अपने वर्ग में चैंपियन के रूप में उभरे औऱ देश के लिए सोना जीता जबकि विशु राठी (48 किग्रा), तनु (52 किग्रा), निकिता चंद (60 किग्रा), माही राघव (63 किग्रा), प्रांजल यादव ( 75 किग्रा) और कीर्ति (+81 किग्रा) ने महिला वर्ग में स्वर्ण पदक जीते। माही राघव को श्रेष्ठ मुक्केबाज चुना गया।
दूसरी ओर गौरव सैनी (70 किग्रा), मुस्कान (46 किग्रा), आंचल सैनी (57 किग्रा), रुद्रिका (70 किग्रा) और संजना (81 किग्रा) ने फाइनल में हार के बाद रजत पदक जीते। देविका घोरपड़े (50 किग्रा), आशीष (54 किग्रा), आरज़ू (54 किग्रा), अंशुल (57 किग्रा), अंकुश (66 किग्रा) और सुप्रिया रावत (66 किग्रा) की दौड़ कांस्य पदक के साथ समाप्त हुई।