क्लीन बोल्ड/राजेंद्र सजवान
यदि अर्जेन्टीना 2021 का कोपा अमेरिका कप नहीं जीत पाता तो यह विश्व फुटबाल के सबसे आकर्षक और नेक खिलाड़ी ल्योनल मेसी के साथ घोर अन्याय होता, फुटबाल को चाहने वाले और मेसी को दिल से प्यार करने वाले करोड़ों फुटबाल प्रेमियों का ऐसा मानना है।
लेकिन अंततः ऊपर वाले ने फुटबाल को प्यार करने वालों की दुआ कुबूल कर ली। रोमांचक फाइनल में अर्जेन्टीना ने मेजबान ब्राज़ील को डी मारिया के ख़ूबसूरत गोल से हरा कर ना सिर्फ खिताब जीता, कप्तान मेसी के साथ भी एक बड़ा कीर्तिमान जुड़ गया है।
अपने लंबे करियर में उसने अनेकों रिकार्ड बनाए पर देश को कोई बड़ी खिताबी जीत नहीं दिला पाए थे। उस समय जबकि मेसी के सन्यास की चर्चा चल निकली थी कोपा अमेरिका कप की जीत ने उनके चाहने वालों को बड़ा तोहफा दिया है। उनके नाम सर्वाधिक गोल, अधिकाधिक जीतों, सबसे ज्यादा तिकड़ी जमाने , कप्तानी के अनेक रिकार्ड जैसे कीर्तिमान दर्ज हैं।
अब मेसी हर प्रकार से एक सफलतम खिलाड़ी बन गए हैं। 34 साल के इस महान खिलाड़ी ने दस ला लीगा, चार यूईएफए चैंपियंस लीग टाइटल जीते हैं और छह बार बैलोन डिओर बने। बस एक कसक बची थी जोकि कोपा अमेरिका कप के रूप में पूरी हो गई।
भले ही वह फाइनल में पहुंचने के बावजूद अर्जेन्टीना को विश्व कप नहीं जिता पाए लेकिन उनके बारे में कहा जाता है कि अकेले दम पर कोई खिलाड़ी अपने देश को इतना कुछ दिला चुका है, जिसकी कल्पना नहीं कीजा सकती। अपने परंपरागत प्रतिद्वंद्वी क्रिस्टियानो रोनाल्डो की तरह मेसी भी अब बराबर सम्मान के हकदार आंके जा सकते हैं। रोनाल्डो के खेलते पुर्तगाल ने भी यूरोप कप का खिताब जीता है।
सबसे ज्यादा छह कोपा अमेरिका कप खेल कर सर्वाधिक 14 गोल करने वाले मेसी को भले ही डियागो माराडोना से बड़ा खिलाड़ी ना माना जाए पर मेसी की क्लास, फुटवर्क, गोल दागने की कलाकारी, फ्री किक का महारथ और साफ सुथरा खेल एक अलग तरह के चैम्पियन होने का अहसास कराते हैं।
मेसी की सबसे बड़ी खूबी यह है कि वह नेमार जूनियर की तरह बड़बोले नहीं हैं। फाइनल मुकाबले से पहले नेमार ने दावा किया था कि ब्राजील किसी कीमत पर खिताब हाथ से नहीं जाने देगा। अपने चिर परिचित अंदाज में उसने कहा था कि हालांकि अर्जेन्टीना की टीम के कई खिलाड़ी उसके मित्र हैं लेकिन खिताब जीतने के लिए ब्राजील कोई कसर नहीं छोड़ेगा। नेमार और मेसी एफसी बार्सिलोना के लिए खेल चुके हैं और उनके संबंध हमेशा से गहरे रहे हैं। लेकिन फाइनल मुकाबले में दोनों ने कोई कसर नहीं छोड़ी।
विश्व क्रिकेट में पेले और माराडोना के बीच श्रेष्ठता का संघर्ष हमेशा बना रहेगा। इसी प्रकार मेसी और रोनाल्डो बार बार और लगातार टकराते रहेंगे। ऐसे में कौन महानतम, का फैसला होना मुश्किल है। लेकिन मेसी आज खुद पर गर्व कर सकते हैं। विश्व कप न सही कोपा अमेरिका कप की जीत ने छोटे कद के चैंपियन को आदम कद बना दिया है। अब उन्हें महान से महानतम चैंपियनों में शुमार किया जा सकता है और पूरा फुटबाल जगत उन पर गर्व कर सकता है।