राजेंद्र सजवान
टोक्यो ओलम्पिक खेलों के पदक विजेताओं में शामिल पहलवान रवि कुमार दहिया और बजरंग पूनिया को आज यहां रेनो इंडिया द्वारा स्पोर्टी, स्मार्ट और आकर्षक ,”रेनो काइगर” उपहार दी गई।
रेनो इंडिया के वाइस प्रेजिडेंट सुधीर मल्होत्रा ने रजत पदक विजेता रवि औरकांस्य विजेता बजरंग को कार की चाबियां भेंट कीं। दोनों पहलवानों ने काइगर को शानदार और दमदार बताया।
इस अवसर पर बजरंग ने खास बातचीत में बताया कि वह स्वर्ण पदक के लिए पूरी तरह तैयार था। लेकिन मुकाबलों की शुरुआत से कुछ दिन पहले घुटने की चोट ने परेशान करना शुरू कर दिया।
इस बारे में कोच और सपोर्ट स्टाफ को भी बता दिया था। लेकिन मैंने मुकाबलों से हटने की बजायआखिरी दम तक लड़ने और डटे रहने की ठानी और ईश्वर ने मेरी सुन ली।
पदक की निर्णायक बाउट में मैने पैर में बंधी टेप और नी कैप उतार फेंका, करो या मरो का दांव आजमाया और देश के लिए कांस्य पदक जीता। लेकिन मैं संतुष्ट नहीं हूं। देशवासियों से माफी चाहता हूं। पेरिस में स्वर्ण पदक के लिए जान लगा दूंगा।
रवि दहिया सुशील कुमार के बाद ओलंम्पिक में रजत पदक जीतने वाले दूसरे पहलवान हैं। सोनिपत के नहारी के रहने वाले रवि पहली बार ओलंम्पिक में उतरे और शानदार प्रदर्शन करने में सफल रहे।
रवि और बजरंग ने ना सिर्फ भारतीय कुश्ती को गौरवान्वित किया अपितु पदक तालिका में भारत को ऊंचा दर्जा भी दिलाया। बजरंग झज्जर जिले के खुदान गांव से हैं। वह अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर तमाम बड़े पदक जीत चुके हैं।