ओलंपिक के लिये क्वालिफाई कर चुके दो निशानेबाजों, मनु भाकर और अंगद वीर सिंह बाजवा को लक्ष्य ओलंपिक पोडियम योजना (टीओपीएस) के तह्त बेहतर तैयारियों के लिये खेल मनोवैज्ञानिक संजना किरण की सेवाएँ प्राप्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। इस फैसले से इस वर्ष के अंत में होने वाले टोक्यो ओलंपिक के लिए इन निशानेबाज़ों की तैयारी में सहायता मिल सकेगी। मिशन ओलंपिक इकाई की पिछले सप्ताह हुई बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी।
सिंगापुर की संजना किरण खेल मनोविज्ञान और प्रदर्शन मनोविज्ञान के क्षेत्र में एक उच्च प्रदर्शन विशेषज्ञ हैं। उन्होंने प्रमुख खिलाड़ियों और बड़े बड़े प्रशिक्षकों को प्रमुख स्पर्धाओ और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की तैयारी के लिए सहयोग प्रदान किया है।
मनु भाकर ने टोक्यो में होने वाले ओलंपिक खेलों की महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल और महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल, दोनों स्पर्धाओ में भाग लेने के लिए पात्रता हासिल की है। ओलंपिक के लिए अपनी तैयारी के हिस्से के रूप में एक खेल मनोवैज्ञानिक की भूमिका के बारे में मनु भाकर ने कहा, “एक ऐसे खेल में जिसमें मानसिक रूप से मजबूती अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। निशानेबाज़ी खेल में स्थिरता के साथ प्रदर्शन करने में सक्षम होने के लिए, संजना किरण का मार्गदर्शन प्राप्त करने से मुझे ओलंपिक के लिए बेहतर तैयारी करने में मदद मिलेगी।”
वर्तमान में भारतीय जूनियर राइफल शूटिंग टीम की उच्च प्रदर्शन विशेषज्ञ प्रशिक्षक, ओलंपियन और एशियाई खेलों तथा राष्ट्रमंडल खेलों में पदक विजेता सुमा शिरूर ने निशानेबाजों के साथ काम करने के लिये मनोवैज्ञानिक की नियुक्ति की मंज़ूरी के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, “खेल इस समय अधिक पेशेवर हो रहे हैं। अगर हमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदार्शन हासिल करना है, तो विशेषज्ञों को शामिल क्यों नहीं करना चाहिये। हमारे समय में, हमने अनुभव के माध्यम से सीखा था, लेकिन आजकल के निशानेबाजों ने बहुत कम उम्र में ही निशानेबाज़ी शुरु कर दी है, इसलिए विशेषज्ञ उनके सीखने की प्रक्रिया को तेज करेंगे। ”
शिरूर ने कहा कि अधिकांश ओलंपिक के लिये पात्रता हासिल कर चुके निशानेबाज़ किशोर हैं या उनकी उम्र 20 वर्ष के आस पास है। इसके अलावा कोरोनो वायरस महामारी के कारण ये निशानेबाज़ प्रतिस्पर्धी खेलो से काफी लंबी अवधि से दूर रहे हैं। इन परिस्थितियों को देखते हुए एक मनोवैज्ञानिक द्वारा उनकी मदद करना और भी महत्वपूर्ण है।
संजना किरण के साथ मनु भाकर और बाजवा के साथ ऑनलाइन सत्र शामिल हैं। इसके अलावा इन खिलाड़ियों को परामर्श देने के लिये की गई यात्रा और प्रतियोगिताओं में शामिल होने के लिए यात्राओं पर होने वाला व्यय शामिल हैं। दोनों निशानेबाजों के साथ जनवरी 2021 से शुरू होने वाली किरण की नियुक्ति की कुल लागत लगभग 29 लाख रुपये है।
लक्ष्य ओलंपिक पोडियम योजना (टीओपीएस) के तह्त दोनो निशानेबाजों को यह राशि देने से पहले अंगद वीर सिंह बाजवा के लिए 68.39 लाख रुपये स्वीकृत किये गये थे। बाजवा ने अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण, गोला बारूद और जेब खर्च के भत्ते पर पुरुषों की स्कीट में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है। मनु भाकर के लिए इस योजना के तहत 21.49 लाख रुपये गोला-बारूद, उपकरण और जेब खर्च के भत्ते के रूप में स्वीकृत किये गये थे।